भगत सिंह को क्यों भैंस का दूध पसंद थाकच्चे दूध की पूरी बाल्टी पी जाते थे
भगत सिंह को क्यों भैंस का दूध पसंद थाकच्चे दूध की पूरी बाल्टी पी जाते थे
क्रांतिकारी भगत सिंह को भैंस का दूध बहुत पंसद था. उनके बारे में छपी एक किताब में इसका जिक्र हुआ है. साथ में ये भी जानिए कि दिमाग के लिए भैंस और गाय के दूध में कौन सा बेहतर होता है.
हाइलाइट्स भगत सिंह को दूध बहुत पसंद था पूरी की पूरी दूध की बाल्टी एक झटके में पी जाते थे जिससे उन्होंने दूध खरीदा, उसने क्यों पैसा वापस कर दिया
8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम विस्फोट किया. चारों ओर खबर फैल गई. जिधर देखो बस उन्हीं के नामों की चर्चा होने लगी. बाद में हालांकि उन्हें इसकी सजा फांसी के तौर पर भुगतनी पड़ी. भगत सिंह को दूध पीना बहुत पसंद था. खासकर भैंस का दूध.
भैंस का दूध, गाय के दूध की तुलना में भारी और पौष्टिक होता है, इसमें मलाई की मात्रा अधिक होती है. किरन दास जो जतिन दास के छोटे भाई थे, जिनकी 63 दिन की भूख हड़ताल के बाद 13 सितंबर 1929 में लाहौर जेल में मृत्यु हो गई, उन्होंने याद किया कि भगत सिंह ने हाजरा रोड मेस में जतिन दास के साथ बम बनाना सीखने के लिए एक रात बिताई थी.
खिड़की से भैंस का दूध दूहते देखा
भोर में जब भगत सिंह उठे तो उन्होंने खिड़की से देखा कि एक आदमी सड़क के पार भैंस का दूध दुह रहा है. वह अपने बिस्तर से उठे. वहां जाकर उन्होंने दूधवाले से पूरी बाल्टी ले ली. कच्चा ही उसे पूरा पी गए. उसकी कीमत एक रुपए अदा की. दूधवाले को दाम चुका कर भगत सिंह ने सोचा होगा बात खत्म हो गई. वास्तव में तो होना यही था लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
दूधवाले ने इसलिए लौटा दिए उन्हें एक रुपया
लेजिस्लेटिव असेंबली में बम विस्फोट की अगली सुबह जब अखबारों के जरिए खबर सब ओर फैल गई तो दूधवाले ने हाजरा रोड मैस में जतिन दास को खोजा. रुपए वापस लेने के लिए उन पर दबाव डाला ताकि वह इसे भगत सिंह को लौटा सकें, क्योंकि वह ऐसे महान देशभक्त के काम आकर खुद को गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा था.
यह अंश है सतविंदर सिंह जस् द्वारा लिखी गई भगत सिंह की नयी और पहली मुकम्मल जीवनी का, जिसे अंग्रेजी में पेंगुइन ने हाल ही में भगत सिंह: ए लाइफ इन रेवोल्यूशन (Bhagat Sigh: A life In Revolution) छापा है. आलोक श्रीवास्तव ने अपने फेसबुक पेज पर इसका जिक्र किया है.
भगत सिंह को और क्या खाना-पीना पसंद था
– भगत सिंह अंडा बहुत पसंद करते थे. वह तर्क देते थे अंडा एक फल की तरह है, इसे खाने में कोई समस्या नहीं है
– भगत सिंह के साथी क्रांतिकारी चंद्र शेखर आज़ाद शुरू में सख्त शाकाहारी थे, लेकिन बाद में भगत सिंह के प्रभाव में उन्होंने अपनी खानपान की आदतें बदल लीं
– जेल में रहते हुए भगत सिंह को एक दलित महिला खाना दे जाती थी, जिसे “बेबे” (माँ) कहा जाता था. वह खानपान में बिल्कुल जातपात नहीं किया करते थे, जो उस दौर में काफी ज्यादा होता था. भगत सिंह के दूध में ज्यादा खासियतें होती हैं (image generated by Meta)
भैंस और गाय के दूध में कौन बेहतर
खैर अब भगत सिंह के बहाने ये चर्चा कर ली जाए कि भैंस और गाय के दूध में क्या अंतर है, कौन ज्यादा पोषक होता है. परप्लेक्सिटी एआई से जब ये पूछा गया कि कैसे इन दोनों दूध की तुलना की जा सकती है, तो उसने कुछ ये बताया.
– भैंस के दूध में गाय के दूध की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं.
– भैंस के दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है (प्रति 100 मिली में 4.5 ग्राम बनाम 3.2 ग्राम)
– भैंस के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है (प्रति 100 मिलीलीटर में 8 ग्राम बनाम 3.9 ग्राम) और ज्यादा सेर्चुरेटेड, मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं.
– उच्च वसा और प्रोटीन के कारण भैंस के दूध में उच्च कैलोरी सामग्री (110 किलो कैलोरी बनाम 66 किलो कैलोरी प्रति 100 मिलीलीटर) होती है.
– भैंस का दूध कैल्शियम (195 मिलीग्राम बनाम 120 मिलीग्राम प्रति 100 मिलीलीटर), फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है.
– गाय के दूध की तुलना में भैंस के दूध में विटामिन ए और सी का स्तर अधिक होता है. गाय का दूध हल्का होता है और आसानी से पच जाता है. (image generated by Meta)
गाय के दूध के कुछ फायदे
– गाय के दूध में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है (प्रति 100 मिली में 14 मिलीग्राम बनाम 8 मिलीग्राम).
– भैंस के गाढ़े और गाढ़े दूध की तुलना में गाय का दूध पाचन में अधिक आसान होता है.
– गाय के दूध में पोटेशियम और क्लोराइड का स्तर अधिक होता है.
निष्कर्ष क्या है
– कुल मिलाकर, भैंस और गाय दोनों का दूध अत्यधिक पौष्टिक होता है.
– भैंस का दूध कैलोरी, वसा, प्रोटीन और कुछ विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है. दोनों के बीच चयन व्यक्तिगत आहार संबंधी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है.
वजन बढ़ाने के लिए क्या पिएं
– जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं या मांसपेशियां बनाना चाहते हैं उन्हें भैंस के दूध की उच्च पोषक तत्व सामग्री से अधिक लाभ हो सकता है, जबकि जो लोग अपने कैलोरी या वसा सेवन पर नजर रखते हैं वे गाय के दूध को पसंद कर सकते हैं.
किसका दूध दिमाग के लिए बेहतर
ये निष्कर्ष भी परप्लेक्सिटी एआई के आधार पर ही निकाला गया है, जिसने दुनिया की बेहतरीन हेल्थ साइट का विश्लेषण करते हुए ये निष्कर्ष पेश किए.
– गाय के दूध की तुलना में भैंस का दूध मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प प्रतीत होता है
– भैंस का दूध उन पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो मस्तिष्क के विकास और कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं
– भैंस के दूध में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे स्वस्थ वसा के उच्च स्तर होते हैं. ये वसा मस्तिष्क कोशिका संरचना और कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं.
– इसमें अधिक प्रोटीन, विटामिन और कोलीन और विटामिन बी12 जैसे खनिज होते हैं जो तंत्रिका कार्य और संज्ञानात्मक क्षमताओं का समर्थन करते हैं
– भैंस के दूध में उच्च वसा और प्रोटीन सामग्री बच्चों में मस्तिष्क के विकास और संज्ञानात्मक प्रदर्शन को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकते हैं.
– भैंस के दूध का सेवन बच्चों और वयस्कों दोनों में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली, याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
Tags: Bhagat Singh, Shaheed Bhagat SinghFIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 12:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed