क्यों UPS को NPS से भी घटिया बता रहे कर्मचारी यूनियन दे रहे ये 5 लॉजिक
क्यों UPS को NPS से भी घटिया बता रहे कर्मचारी यूनियन दे रहे ये 5 लॉजिक
UPS vs NPS: ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने मोदी सरकार द्वारा लाई गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मौजूदा NPS से भी खराब करार दिया है. जानिये क्या है इसके पीछे तर्क
मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम पेश की है. 24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी गई. UPS के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन मिलेगी. अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का लाभ मिलता था. यह स्कीम साल 2004 में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को खत्म कर लाई गई थी. हालांकि एनपीएस को लेकर भी भारी विरोध था और हाल के सालों में ओपीएस को दोबारा लाने की मांग उठ रही थी.
इसके बाद PM नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2023 में तत्कालीन वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने राज्यों के वित्त सचिव, कर्मचारी संगठनों और दूसरे स्टेक-होल्डर्स से बात कर यूपीएस की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया.
UPS पर क्या कह रहे कर्मचारी संगठन?
ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) की मांग करने वाले तमाम संगठन UPS से संतुष्ट नहीं हैं. इसे एनपीएस से भी खराब करार दे रहे हैं. hindi.news18.com से बातचीत में नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु कहते हैं कि सरकार ने यूपीएस के लिए किससे राय ली, अपनी रिपोर्ट में क्या कहा यह किसी को पता ही नहीं है.
वह कहते हैं कि यूपीएस को साल 2004 में खत्म की गई OPS जैसा करार दिया जा रहा है. एनपीएस से अच्छा बताया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि यह OPS से कोसों दूर है और एनपीएस से भी खराब है. इसके पीछे वह तर्क भी गिनवाते हैं.
Explainer: यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है? कब से लागू होगी, कितनी Pension मिलेगी, हर सवाल का जवाब
क्यों UPS को खराब बता रहे कर्मचारी यूनियन?
1. विजय कुमार बंधु कहते हैं कि अभी न्यू पेंशन स्कीम यानी NPS में 10% अंशदान कर्मचारी देता है और 14% सरकार. आखिर में रिटायरमेंट के वक्त दोनों को मिलाकर जो पैसा होता है, उसका 60% कर्मचारी को लौटा दिया जाता है. बाकी 40% पेंशन प्लान में जाता है. अब UPS में भी कर्मचारियों को 10% अंशदान देना होगा. इसका मतलब यह है कि सरकार कर्मचारी का पैसा तो अपने पास रखेगी ही, अपना अंशदान भी अपने पास रखेगी. यह सीधे-सीधे घाटे की बात है.
2. ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS), दोनों में प्रावधान है कि 20 साल की सेवा पूरी करने पर कर्मचारी पूरी पेंशन का हकदार होगा. अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में सेवा अवधि 5 साल बढ़ाकर 25 साल कर दी गई है. एक तरीके से यह कर्मचारी पर दबाव डालने वाली बात है.
3. NMOPS के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु कहते हैं कि एक और प्वाइंट पर हमारी असहमति है. OPS में आखिरी कुल वेतन का 50% पेंशन के तौर पर मिलता था. अब UPS में आखिरी के 12 माह के मूल वेतन का औसत निकालकर उसका 50% पेंशन दिया जाएगा. अगर 12 महीने के वेतन का औसत निकालेंगे तो संभव है कि यह आखिरी वेतन से कहीं कम हो. इस लिहाज से भी कर्मचारियों के लिए यूपीएस घाटे का सौदा है.
4. OPS में 7वें पे कमीशन के अनुसार (साल 2016 में) न्यूनतम पेंशन 9000 बनता था. अब UPS में (जो अप्रैल 2025 से लागू होगा) न्यूनतम पेंशन 10000 रुपये रखी गई है. यह भी घाटे की बात है.
5. NPS में कुल जमा पूंजी का 60% कर्मचारी को मिलता था. अब UPS के अंतर्गत जमा पैसे में से कर्मचारी को कुछ नहीं मिलेगा. एक तरीके से कर्मचारी को यहां भी घाटा ही लगेगा.
60 साल से पहले छोड़ी नौकरी तो पेंशन की टेंशन!
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से असहमति जताने वाले एंप्लाई यूनियन की एक और दलील है. उनका दावा है कि अगर किसी कर्मचारी ने 60 साल (जो रिटायरमेंट की उम्र है) से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले लिया तो उसे पेंशन के लिए 60 की उम्र पूरी करने तक इंतजार करना होगा. विजय कुमार बंधु कहते हैं कि मान लीजिये किसी कर्मचारी ने 54 साल की उम्र में वीआरएस ले लिया तो उसे ग्रैच्युटी और लंपसम अमाउंट तो मिल जाएगा, जबकि पेंशन के लिए अगले 6 साल तक इंतजार करना होगा.
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (भारत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल कहते हैं कि एनपीएस में प्रावधान है कि अगर कर्मचारी की सेवा के दौरान मौत हो जाती है, तो उसके परिजन को सैलरी का 50% पेंशन को रूप में मिलेगा. यूपीएस (Unified Pension Scheme) में यह प्रावधान नहीं है. एक तरीके से कर्मचारी को हर जगह घाटा ही लगेगा.
Tags: Modi cabinet, Narendra modi, Pension fund, Pension schemeFIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 15:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed