वो प्रधानमंत्री जो SC के चीफ जस्टिस बने कश्मीर विलय में भी थी भूमिका

Mehar Chand Mahajan: मेहर सिंह महाजन महाराजा हरि सिंह के शासनकाल में जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री थे. मेहर चंद ने इस राज्य के भारत में विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. करियर की शुरुआत वकील के रूप में करने वाले महाजन बाद में भारत के तीसरे मुख्य न्यायाधीश बने.

वो प्रधानमंत्री जो SC के चीफ जस्टिस बने कश्मीर विलय में भी थी भूमिका
Mehar Chand Mahajan: मेहर चंद महाजन जम्मू और कश्मीर की वो शख्सियत थे जिनके बारे में लोग बहुत कम जानते हैं. मेहर चंद महाजन महाराजा हरि सिंह के शासनकाल में न केवल जम्मू- कश्मीर रियासत के प्रधानमंत्री रहे, बल्कि वह देश के तीसरे मुख्य न्यायाधीश भी बने. जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री रहते हुए मेहर चंद ने इस राज्य के भारत में विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह रेड क्लिफ कमीशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार थे, जिसने भारत और पाकिस्तान की सीमाओं को परिभाषित किया था.   यह आजादी मिलने के कुछ दिनों बाद की बात है. लाहौर हाईकोर्ट के जज रहे मेहर चंद महाजन को शिमला में पूर्वी पंजाब (उस समय पंजाब का यही नाम था) के हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. वह जीवन का नया अध्याय शुरू करने के लिए तैयार थे. उसी समय उन्हें जम्मू-कश्मीर की महारानी तारा देवी से एक पत्र मिला. महारानी ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने तत्कालीन रियासत जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री पद के लिए उनके पति महाराजा हरि सिंह को इंटरव्यू देने का वादा किया था.  ये भी पढ़ें- UP-MP ने किया ये अच्छा काम, 4 ऐसे राज्य जहां जनता के पैसे से भरा जाता है मंत्रियों का इनकम टैक्स  महाजन बने जेएंडके के पीएम मेहर चंद महाजन ने सितंबर 1947 में महारानी के निमंत्रण पर कश्मीर का दौरा किया. उन्हें जम्मू और कश्मीर का प्रधानमंत्री बनने की पेशकश की गई, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. मेहर चंद को 15 अक्टूबर 1947 को जम्मू और कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. मेहर चंद की नियुक्ति के एक पखवाड़े के भीतर पाकिस्तान द्वारा समर्थित कबायलियों ने जम्मू- कश्मीर पर आक्रमण कर दिया. मेहर चंद के समझाने पर डोगरा महाराजा ने भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए. मेहर चंद को यह फैसला करने के लिए डगमगाते महाराजा को मनाने का श्रेय जाता है. जम्मू-कश्मीर के विलय में मेहर चंद महाजन की बड़ी भूमिका थी. उन्होंने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि जम्मू-कश्मीर, जो पाकिस्तान में जा सकता था, भारत के साथ रहे. मेहर चंद महाजन 5 मार्च 1948 तक जम्मू- कश्मीर के प्रधानमंत्री रहे. बाउंड्री कमिश्नर रहे महाजन जम्मू- कश्मीर के भारत में विलय के बाद मेहर चंद महाजन को बाउंड्री कमिश्नर नियुक्त किया गया. जब भारत का विभाजन हुआ तो गुरदासपुर जिला पाकिस्तान में चला गया था. लेकिन मेहर चंद महाजन की बदौलत इसे भारत में शामिल किया गया. क्योंकि उस समय बाउंड्री कमिश्नर होने के नाते उन्होंने रावी नदी को सीमा बनाने का संदेश दोनों देशों के राजनीतिज्ञों को दिया था.  ये भी पढ़ें- Explainer: कैसे अफगानिस्तान में क्रिकेट को लेकर बढ़ी इतनी दीवानगी, कैसे निकलते हैं वहां से खिलाड़ी पहले थे वकील, बाद में बने सीजेआई मेहर चंद महाजन ने अपने करियर की शुरुआत 1913 में धर्मशाला में एक वकील के तौर पर की थी. उन्होंने धर्मशाला में एक साल तक प्रैक्टिस की. फिर अगले चार साल (1914-1918) उन्होंने गुरदारपुर में वकालत की. फिर उन्होंने लाहौर की राह पकड़ी और 1918 से 1943 तक वहीं वकालत की. वह इस दौरान लाहौर हाईकोर्ट बार के प्रेसीडेंट (1938-1943) रहे. पहले वह लाहौर हाईकोर्ट के जज बने. विभाजन के बाद उन्हें शिमला हाईकोर्ट का जज बना दिया गया. मेहर चंद महाजन चार जनवरी 1954 को भारत के तीसरे मुख्य न्यायाधीश बने. वह लगभग एक साल तक इस पद पर रहे. वह 22 दिसंबर 1954 में सीजेआई के पद से रिटायर हुए. ये भी पढ़ें- यह है भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन, अब नहीं रुकती कोई ट्रेन, क्यों पड़ा है वीरान भाजपा की नायक बनाने की कोशिश लेकिन अब लगभग 77 साल बाद मेहर चंद महाजन के योगदान को भाजपा से नए सिरे से पहचान देने की कोशिश कर रही है.  इसी प्रयास के तहत दो साल पहले उनके जन्मदिन पर जम्मू के जानीपर चौक पर महाजन की एक प्रतिमा लगाई गई. भाजपा का मानना है कि प्रतिमा इसलिए लगाई गई क्योंकि महाजन एक ‘राष्ट्रवादी नायक’ थे. उनको नायक बनाने की कोशिश उस समय हो रही है, जब ऐसे संकेत हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत में चुनाव हो सकते हैं. 2019 में अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के बाद यह जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव होगा. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा चुनाव से पहले अपने स्वयं के ‘नायकों’ को स्थापित करना चाह रही है, और महाजन एक अच्छे उम्मीदवार हैं. Tags: Chief Justice, Chief Justice of India, Indo Pak Partition, Jaamu kashmir, Lahore news, Prime ministerFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 14:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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