जहरीली शराब पीने से लोग अंधे हो जाते हैं जानें कौन सा केमिकल इसका जिम्मेदार

Bihar Hooch Tragedy: डॉक्टरों के अनुसार शराब में जहरीले पदार्थ होने की वजह से इसका सेवन करने वाला कार्डियोमायोपैथी और ऑप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाता है. ऑप्टिक न्यूरोपैथी में आंख की नस सूख जाती है. जिससे मरीज को दिखना बंद हो जाता है. जबकि कॉर्डियोमापैथी में मरीज के हार्ट का साइज बड़ा हो जाता है, जिससे वो खून का पंप बेहतर तरीके से नहीं करता है. इससे पीड़ित को हार्ट अटैक हो जाता है.

जहरीली शराब पीने से लोग अंधे हो जाते हैं जानें कौन सा केमिकल इसका जिम्मेदार
Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है. वहीं, लोग अपनी आंखों की रोशनी भी गंवा रहे हैं. पिछले कुछ दिनो में छपरा, सीवान और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 44 लोगों की जान चली गई थी. अब मुजफ्फरपुर में भी जहरीली शराब से मौत का एक मामला सामने आया है. जानकारी यह भी आ रही है कि जहरीली शराब पीने से दो-तीन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. कहा जा रहा है कि इन सभी लोगों ने आरा में शराब पी थी. पिछले हफ्ते छपरा जिले के मशरख में दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. यह हाल तब है जब बिहार में लंबे समय से शराबबंदी चल रही है. मतलब वहां शराब बेचना, बनाना और पीना प्रतिबंधित है. इसके बाद भी हर साल राज्य में जहरीली शराब पीने से काफी लोगों की मौत हो जाती है और काफी लोग अंधे हो जाते हैं.  एक अनुमान के अनुसार पिछले पांच सालों में पांच हजार से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवा चुके हैं या अपनी आंखों की रोशनी खो देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब जहरीली कैसे हो जाती है. इसमें ऐसा क्या होता है, जिसको पीते ही छपरा, सीवान, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जैसे हादसे सामने आते हैं. क्यों कुछ देर पहले तक हंसता खेलता इंसान अपनी जिंदगी गंवा देता है या आंखों की रोशनी खो देता है.   ये भी पढ़ें- कैसे रशियन हीरोइन बनी आंध्र के डिप्टी सीएम की तीसरी बीवी, कैसी है लव स्टोरी अवैध शराब होती है जानलेवा ज्यादातर लोगों को यह भ्रम होता है कि देशी शराब या कंट्री मेड लिकर पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है. ये भी लगता है कि यही शराब कभी-कभी जहरीली हो जाती है, जिससे इसके सेवन से जान चली जाती है. लेकिन असलियत में ऐसा नहीं है.सरकार कानूनी तरीके से देशी शराब बनाने के लिए बाकायदा लाइसेंस देती है. इसे देशी शराब के ठेकों पर बेचा जाता है. वहीं, जो शराब जहरीली हो जाती है उसे अवैध तरीके के बनाया जाता है. सामान्य भाषा में इसे कच्ची शराब भी कहते हैं. इसे उन इलाकों में चोरी छुपे बेचा जाता है, जहां मजदूर वर्ग या छोटा-मोटा काम करने वाले लोग रहते हैं. क्योंकि ये देशी शराब के मुकाबले सस्ती पड़ती है, इसलिए कम आय वर्ग के लोग इसका सेवन करते हैं और जान गंवा देते हैं. ये इतनी खतरनाक होती है कि जिनकी जान बच जाती है वो अपनी आंखों की रोशनी खो देते हैं.  ये भी पढ़ें- Explainer: कौन हैं वो यूपी के पूर्व सीएम, जिनके नाम पर था स्टेडियम, अब बदलने पर हुआ विवाद कैसे ये शराब हो जाती है शरीर के लिए घातक? अवैध तरीके से बनी हुई ये शराब शरीर में जाकर फार्मेल्डिहाइड या फार्मिक एसिड नामक जहर बनती है. ये जहर दिमाग पर सीधा असर करता है. मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाते ही तेज केमिकल रिएक्शन करता है. शरीर के अंगों पर उसका घातक असर होता है और वो काम करना बंद कर देते हैं. मिथाइल अल्कोहल से निकलने वाला फार्मिक एसिड शरीर के नर्वस सिस्टम को ब्रेक डाउन करता है. कई बार शराब को अधिक नशीला बनाने के चक्कर में इसमें यूरिया और ऑक्सिटोसिन मिला दिया जाता है, जो मौत की वजह बढ़ा देती है. क्या है ये फार्मिक एसिड और क्यों होता है जानलेवा जहरीली शराब में फार्मिक एसिड काफी अधिक होता है. उसी से तमाम परेशानियां भी आती हैं. चींटी जब काटती है तो शरीर में बेहद कम मात्रा में फार्मिक एसिड छोड़ती है और हम उसे सहन नहीं कर पाते हैं. अवैध शराब में फार्मिक एसिड चींटी के काटने से लाखों या करोड़ों गुना ज्यादा असर दिखाता है. इसका शरीर पर और क्या असर होता है डॉक्टरों के अनुसार जहरीले पदार्थ के सेवन करने वाला कार्डियोमायोपैथी और ऑप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाता है. कॉर्डियोमापैथी में मरीज के हार्ट का साइज बड़ा हो जाता है, जिससे हार्ट में खून का पंप बेहतर तरीके से नहीं करता है. इससे पीड़ित को हार्ट अटैक हो जाता है.ऑप्टिक न्यूरोपैथी में आंख की नस सूख जाती है. जिससे मरीज को दिखना बंद हो जाता है. ये भी पढ़ें- Explainer: कैसे लद्दाख पर मंडरा रहा क्लाइमेट चेंज का खतरा, किस समस्या से जूझ रहा यह केंद्र शासित प्रदेश  किन चीजों से बनती है कच्ची शराब कच्ची शराब बनाने के लिए मुख्य रूप से गुड़, पानी और यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें कई खतरनाक केमिकल भी मिलाए जाते हैं. कच्ची शराब बनाने के लिए गुड़ को सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा इसमें और ज्यादा नशा पैदा करने के लिए नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है. ये सभी चीजें किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह हैं. यूरिया, ऑक्सोटोसिन, गुड़ और पानी को मिलाकर जब फर्मेंटेशन किया जाता है तो इथाइल अल्कोहल की जगह मिथाइल अल्कोहल बन जाता है. मिथाइल अल्कोहल बनने की वजह शराब बनाने की प्रक्रिया के दौरान तापमान का ध्यान न रखना भी है. इसी मिथाइल अल्कोहल की वजह से शराब जहारीली हो जाती है. Tags: Alcohol Death, Bihar News, Illegal alcohol, Illegal liquor, Illicit liquor business, Liquor Ban, Liquor Mafia, Poisonous LiquorFIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 11:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed