वन नेशन वन इलेक्शन: क्या विधानसभा से लेनी होगी मंजूरी लोकल चुनाव हुआ तो
वन नेशन वन इलेक्शन: क्या विधानसभा से लेनी होगी मंजूरी लोकल चुनाव हुआ तो
One Nation One Election: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने और उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता है. इसके लिए कम से कम आधे राज्यों द्वारा समर्थन की आवश्यकता होगी.
नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश कर दिया गया है. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया. बिल पेश करते ही विपक्ष ने इस बिल का भारी विरोध किया. इसके बाद लोकसभा में भारी हंगामा मच गया. विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताया. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक को वापस लेने की मांग की है. विपक्ष ने इस विधेयक को संविधान पर हमला बताया है.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि ये संविधान को खत्म करने का एक और षडयंत्र है. अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट किया, “‘एक देश-एक चुनाव’ का फ़ैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा. ये देश के संघीय ढांचे पर भी एक बड़ी चोट करेगा. इससे क्षेत्रीय मुद्दों का महत्व ख़त्म हो जाएगा और जनता उन बड़े दिखावटी मुद्दों के मायाजाल मे फंसकर रह जाएगी, जिन तक उनकी पहुंच ही नहीं है.”
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वन नेशन वन नेशन को लेकर कई लोगों में कई तरह के सवाल हैं. एक सवाल यह भी है कि क्या वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विधानसभा से मंजूरी की जरूरत है. अगर लोकल चुनाव भी साथ हुए तो ऐसे में विधानसभा की मंजूरी लेनी पड़ेगी या नहीं. आइए इस खबर में इस सवाल के जवाब को टटोलते हैं. लेकिन इससे पहले जानते हैं कि वन नेशन वन इलेक्शन आखिर है क्या.
क्या है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’?
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मतलब है पूरे देश में एक साथ चुनाव. हमारे देश में अभी अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, नगरपालिकाओं और पंचायत चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं. सरकार चाहती है कि देश में लोकसभा, विधानसभा, नगरपालिकाओं और पंचायत चुनाव एक साथ ही हों. हालांकि विपक्ष लगातार इस बिल का विरोध कर रही है.
लोकल चुनाव को भी किया गया है शामिल
वन नेशन वन इलेक्शन का दायरा केवल चुनाव तिथियों को एक करने के दायरे में नहीं बंधा हुआ है. वह इस दायरे से कहीं आगे है. इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ करने की परिकल्पना की गई है, जबकि स्थानीय निकाय चुनाव आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर करने की बात कही गई है. यह चरणबद्ध दृष्टिकोण, तार्किक जटिलताओं को संबोधित करने का प्रयास करते हुए, एक साथ चुनावों की परिभाषा के साथ इसके संरेखण के बारे में सवाल उठाता है.
ऐसे में अगल लोकल चुनाव को भी वन नेशन वन इलेक्शन के दायरे में लाने के लिए राज्यों के विधानसभा की मंजूरी चाहिए. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने और उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता है. इसके लिए कम से कम आधे राज्यों द्वारा समर्थन की आवश्यकता होगी. यानी राज्य विधानसभाओं से भी बिल को पास करवाने की जरूरत होगी.
Tags: One Nation One Election, Parliament Winter SessionFIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 13:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed