इस चुनाव में कितने कैंडिडेट की जमानत जब्त कितने का नुकसान कहां जाता है पैसा
इस चुनाव में कितने कैंडिडेट की जमानत जब्त कितने का नुकसान कहां जाता है पैसा
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को जमानत के तौर पर चुनाव आयोग के पास एक निश्चित राशि जमा करनी होती है. इस राशि को जमानत राशि या सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं. यहि चुनाव में उम्मीदवार को कुल वैध वोट का 1/6 यानी 16.67 फीसदी वोट नहीं मिलता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है. इस बार 7193 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.
2024 लोकसभा चुनाव परिणामों में कई दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं. इन चुनावों में 543 सीटों पर 8360 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी थी, लेकिन उनमें से 7193 अपनी जमानत भी गंवा बैठे. अगर प्रतिशत में देखा जाए तो जमानत गंवाने वाले प्रत्याशी कुल चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का 86 फीसदी बैठते हैं. लेकिन इसका एक दिलचस्प पहलू यह है कि जमानत गंवाने वाले उम्मीदवारों की सबसे ज्यादा संख्या बहुजन समाज पार्टी (BSP) की है.
जमानत जब्त कराने वालों में बीएसपी अव्वल
बीएसपी ने इस चुनाव में देश भर में 488 उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 476 की जमानत जब्त हो गई. ये उसके कुल उम्मीदवारों का 97.5 फीसदी बैठता है. यानी बीएसपी के महज 1.5 फीसदी प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा सके. इस चुनाव में मायावती की पार्टी की दुर्गति की यह महज एक बानगी है. बीएसपी इस बार अपना खाता नहीं खोल सकी, जबकि 2019 में उसने उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर कब्जा जमाया था. तब वो यूपी की बीजेपी के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
बीजेपी के 27 प्रत्याशियों ने जमानत गंवाई
राष्ट्रीय पार्टियों में जमानत जब्त कराने वालों में दूसरा नंबर सीपीआईएम का है. उसके 57.69 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत जब्त करवा बैठे. सीपीआईएम ने 52 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे, जिनमें से 30 की जमानत जब्त हो गई. तीसरा नंबर एनपीपी का है, जिसके 33.33 फीसदी उम्मीदवार जमानत जब्त करवा बैठे. उसके तीन उम्मीदवारों में से एक की जमानत जब्त हुई.
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टीएमसी का आंकड़ा 10.41 फीसदी का रहा. उसने 48 लोगों को टिकट दिया, जिनमें से पांच जमानत बचाने लायक वोट हासिल नहीं कर सके. कांग्रेस के 328 उम्मीदवारों में से 26 की जमानत जब्त हुई. 7.9 फीसदी के साथ वो पांचवें स्थान पर है. बीजेपी भी इस अभिशाप से बच नहीं सकी. उसके 441 उम्मीदवारों में से 27 की जमानत जब्त हो गई है. लेकिन वो प्रतिशत के मामले में कांग्रेस से एक पायदान नीचे छठे स्थान पर है.
क्या है जमानत राशि?
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, प्रत्येक उम्मीदवार को जमानत के तौर पर चुनाव आयोग के पास एक निश्चित राशि जमा करनी होती है. इस राशि को ‘जमानत राशि’ अथवा सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं. लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य कैटेगरी के उम्मीदवारों को 25000 रुपये जमानत राशि जमा करनी होती है. जबकि एससी-एसटी कैंडिडेट को 12500 हजार रुपये देने होते हैं. विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को जमानत राशि के तौर पर 10000 रुपये और एससी-एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट को 5000 रुपये की राशि जमा करनी होती है. जमानत राशि जमा करवाने का मकसद यह है कि चुनाव में सिर्फ वही कैंडिडेट भाग लें जो राजनीति को लेकर गंभीर हैं.
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कब जब्त होती है जमानत?
चुनाव आयोग के मुताबिक यदि किसी चुनाव में उम्मीदवार को कुल वैध वोट का 1/6 यानी 16.67 फीसदी वोट नहीं मिलता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है. इस स्थिति में चुनाव आयोग जमानत राशि वापस नहीं करता है. अगर किसी कैंडिडेट को 16.67% से ज्यादा वोट मिलता है तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है. कोई उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेता है या उसका नामांकन किसी कारण से रद्द होता है तो इस स्थिति में भी जमानत राशि वापस कर दी जाती है. इसके अलावा जीतने वाल कैंडिडेट की जमानत राशि भी वापस कर दी जाती है.
Tags: 2024 Lok Sabha Elections, BJP, BSP, Congress, Lok Sabha Election Result, TMC Leader Mamata BanerjeeFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 17:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed