Explainer: क्यों तूफान के साथ आती है इतनी भयंकर बारिश कि पूरा शहर डूब जाता है
Explainer: क्यों तूफान के साथ आती है इतनी भयंकर बारिश कि पूरा शहर डूब जाता है
Remal Cyclone : जब भी इन दिनों कहीं अगर तूफान आता है तो अपने साथ तबाही लाने वाली जबरदस्त बारिश भी लाता है, ये बारिश इतनी ज्यादा होती है कि कई बार पूरा का पूरा शहर तक इसमें डूब जाता है.
हाइलाइट्स रेमल तूफान जहां - जहां से निकला वहां भयंकर बारिश हुई तूफान के साथ बारिश से सैकड़ों गांव और इलाके जलमग्न हो गए आखिर क्यों तूफान के साथ तेज हवाएं चलती हैं, मूसलाधार बारिश होती है
रेमल तूफान ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में तबाही का मंजर छोड़ दिया. बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक भारी बारिश हो रही है. तटीय इलाके जलमग्न हो गए हैं. सड़कें पानी में डूबी हुई हैं. इलाकों को देखकर ऐसा लग रहा है कि मानों यहां नदी बह रही है. रेमल तूफान जब बांग्लादेश के तटीय इलाकों में टकराया उससे पहले उसकी स्पीड 135 किलोमीटर प्रति घंटा की थी. वह जहां जहां से निकला वहां और आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ जबरदस्त बारिश भी देखने को मिल रही है. क्या आपने कभी सोचा है कि कोई तूफान अपने साथ इतनी बारिश और पानी कैसे लाता है.
हालांकि रेमल के आने से पहले ही पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों से घर खाली करा लिये गए थे. करीब 10 लाख लोगों को वहां से हटाया गया लेकिन इसके बाद भी नुकसान बड़े पैमाने पर हुआ है. सैकड़ों पेड़ उखड़ गए. ‘रेमल’ के कारण कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए.
तूफान अब कमजोर हो चुका है और बांग्लादेश में ही आगे की ओर बढ़ रहा है. ये तूफान बंगाल की खाड़ी से ही बना था. पहले तूफान के साथ इतनी बारिश और पानी नहीं आता था लेकिन अब ऐसा नहीं है.
अगर आपको याद हो तो करीब 06 महीने पहले दिसंबर 2023 में चेन्नई समेत पूरे दक्षिण भारत में मिचौंग तूफान तबाही लेकर आया था. चेन्नई शहर तूफान के इफरात बारिश के पानी में डूब ही गया. आखिर वो कौन सी बात है जिसमें तूफान खतरनाक भी होते हैं. तबाही लाते हैं और अथाह पानी बटोरकर किसी भी बड़े इलाके में त्राहि-त्राहि मचा देते हैं.
हम यहां साइक्लोन यानि चक्रवात के बारे में जानेंगे. ये कैसे बनते हैं. कैसे आगे बढ़ते हैं. इनकी ताकत कितनी होती है और कैसे हवा और बारिश के साथ बवंडर रचते हैं. बांग्लादेश के कुवाकाता तटीय स्थल पर तूफान के बाद ही स्थिति. (Photo AP)
सवाल – चक्रवात यानि साइक्लोन कैसे अपने साथ जबरदस्त बारिश लेकर आते हैं?
– दरअसल चक्रवात किसी जगह पर बहुत कम दबाव की स्थिति में बनते हैं और ऐसे में बड़े क्षेत्र से हवा खींचना शुरू कर देते हैं. जब हवा निम्न दबाव केंद्र में इकट्ठी हो जाती है तो ऊपर उठने लगती है. जो हवा इसमें इकट्ठी होती है, उसमें बड़ी मात्रा में नमी होती है. ये ऊपर जाकर बारिश वाले बादल में बदलते हैं और तूफान के साथ चल पड़ते हैं. ये बादल इतनी बड़ी संख्या में होते हैं कि सैकड़ों हाथियों के वजन के बराबर बारिश साथ लेकर चलते हैं. जब तूफान कहीं टकराता है तो फिर उस इलाके में जबरदस्त आंधी के साथ बारिश शुरू हो जाती है. चूंकि एक तूफान बहुत बड़े क्षेत्र से हवा खींचता है, लिहाजा उसका प्रभाव भी काफी बड़े एरिया तक होता है.
चक्रवाती वर्षा तब होती है जब गर्म नम हवा ठंडी शुष्क हवा के संपर्क में आती है. पानी के ऊपर की हवा गर्म होकर ऊपर उठती है जिससे कम दबाव का क्षेत्र बनता है.
पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है. इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है. इसे चक्रवात कहते हैं. चक्रवाती तूफान रिमेल का असर . (jharkhabar.com)
सवाल – तूफान के साथ अक्सर मूसलाधार बारिश क्यों होती है?
– जब तूफान बहुत तेज गति के साथ कहीं जमीन से टकराता है तो बादल खुद को संभाल नहीं पाते, लिहाजा भारी भरकम पानी की मात्रा के साथ बरसना शुरू कर देते हैं. इस बारिश की गति भी बहुत तेज होती है, इसी वजह से तूफान के साथ अमूमन मूसलाधार बारिश होती है.
सवाल – चक्रवात अपने साथ कई और खतरे भी पैदा करते हैं, वो क्या होते हैं?
– चक्रवात का मुख्य चरित्र तेज़ हवाएं, तट के करीब समुद्र का स्तर असामान्य रूप से ऊँचा होना, निचले इलाकों का जलमग्न होना और तेज हवा पानी के साथ पेड़ों और मकानों का नष्ट होना शामिल होता है. निचले तटीय इलाकों में पानी अंदर घुसकर बस्तियों को तबाह कर देता है. अपने सामने आने वाली किसी चीज को उखाड़ता जाता है, जिससे जान-माल का गंभीर नुकसान होता है.
चक्रवात की हवाएं समुद्र के स्तर को सामान्य ज्वार के स्तर से कई मीटर ऊपर उठा सकती हैं. इससे तटीय बाढ़, गंभीर बाढ़ का खतरा भी पैदा हो जाता है, जो हम चेन्नई और दक्षिण भारत के कई इलाकों में देख रहे हैं. क्या होती है तूफान की आंख (फोटो न्यूज18)
सवाल – पहले तूफान अपने साथ इतनी बारिश नहीं लाते थे लेकिन अब पूरी दुनिया में कैसे ऐसा होने लगा है?
– हाल के बरसों में अमेरिका से लेकर एशिया में ऐसे तूफान आ रहे हैं. जो विनाशकारी बन रहे हैं. प्रिंसटन के शोधकर्ताओं का एक नया विश्लेषण बताता है कि ग्लोबल वार्मिंग के साथ यह प्रवृत्ति जारी रहने की आशंका बनी रहेगी. गर्म हवा में उच्च नमी की मात्रा और तूफान की बढ़ती हवा की गति ज्यादा बारिश वाली तबाही लाते हैं.
सवाल – क्या अब भविष्य में आने वाले तूफान बारिश के हिसाब से ज्यादा खतरनाक होते जाएंगे?
– वैज्ञानिक अध्ययन तो यही कहते हैं. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के एनवायरमेंट डिपार्टमेंट (https://environment.princeton.edu/) का अध्ययन कहता है समुद्र की सतह के बढ़ते तापमान से बढ़ती नमी के कारण तूफान में बारिश की तीव्रता उम्मीद से दोगुनी तेजी से बढ़ेगी. तापमान बढ़ने के साथ उष्णकटिबंधीय तूफानी हवाएं मजबूत होंगी. अध्ययन बताते हैं कि तेज हवाओं वाले तूफानों से वर्षा की दर भी अधिक हो जाती है. हाल के बरसों में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के साथ आई भारी बारिश ने तूफान के रास्ते में आने वाले क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ लाई है. खासकर समुद्र तटीय शहरों में.
सवाल – तो क्या ये सही है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जब समुद्र का पानी गर्म होगा तो तूफान ज्यादा आने लगेंगे?
– बिल्कुल ये बात सही है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र का पानी गर्म हो रहा है. अरब सागर का पानी मार्च से अब तक 1.2 सेंटीग्रेड गर्म हो चुका है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र गर्म पूल में बदल रहा है. इससे पूरी दुनिया में तूफ़ान की संख्या बढ़ रही है.
सवाल – क्या होती है चक्रवात की आंख?
– चक्रवात तेजी से घूमती हवा होती है, लिहाजा इसका मध्य बिंदु हमेशा रिक्त होता है क्योंकि घूमती हुई हवा उस बिंदु के चारों ओर घूमती है लेकिन उस बिंदु तक नहीं पहुंचती. इसे चक्रवात की आंख कहते हैं.
सवाल – चक्रवात कब कमजोर पड़ता है?
– चक्रवात समुद्र में बनते हैं और फिर वहां से चलते हैं. लेकिन जब वह समुद्र के तट से टकराते हैं तो कमजोर पड़ने लगते हैं. इसका कारण जमीन पर हवा का उच्च दबाव होना है. चक्रवात की दिशा का अनुमान लगाया जाता है लेकिन चक्रवात का रास्ता निश्चित नहीं किया जा सकता.
सवाल – जब चक्रवात आते हैं तो हवा की रफ्तार कहां से कहां तक हो सकती है?
– हवा की रफ्तार के हिसाब से चक्रवातों को पांच श्रेणियों में बांटा जाता है. श्रेणी एक में हवा की रफ्तार 119 किलोमीटर प्रति घंटा से 153 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है, श्रेणी दो में 154 से 177 किलोमीटर प्रति घंटा. श्रेणी तीन में 178 से 208 किलोमीटर प्रति घंटा. श्रेणी चार में 209 से 251 किलोमीटर प्रति घंटा और श्रेणी पांच में 252 किलोमीटर प्रति घंटा और उससे अधिक रफ्तार के तूफान आते हैं. इन सभी में इनके रास्ते में जो आता है, उसको ये तहस-नहस करते जाते हैं. रफ्तार ज्यादा होते जाने पर इनकी विध्वंसक क्षमता भी उतनी बढ़ जाती है.
Tags: Cyclone updatesFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 12:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed