एक शहर की हवा और लाहौर से लेकर दिल्ली तक सब परेशान गैस चैंबर बनने की वजह

Smog in Delhi: पाकिस्तान के पंजाब प्रॉविंस की राजधानी लाहौर शहर और भारत की राजधानी दिल्ली इस समय स्मॉग और धुंध के आवरण में घिरी हुई है. पहले तो भारत वाले पंजाब में जलने वाली पराली को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था लेकिन इस बार सरहद पार वाले भी उसे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

एक शहर की हवा और लाहौर से लेकर दिल्ली तक सब परेशान गैस चैंबर बनने की वजह
Smog in Delhi: हर साल ठंड की शुरुआत होते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है. आसमान में धुंध की एक चादर छा जाती है. यानी स्मॉग अपना खतरनाक रूप अख्तियार कर लेता है. इस बार ठंड का आगमन देर से हुआ तो स्मॉग की एंट्री भी देर से हुई. दिल्ली-एनसीआर में जिस तरह पिछले कुछ दिनों से धुंध छाई हुई है, वो एक तरह से सर्दियों में दिल्ली और एनसीआर की पहचान बन चुका है. इसकी वजह पराली जलाना, धूल, कंस्ट्रक्शन, वाहनों के धुएं से पैदा हुए वायु प्रदूषण को बताया जाता है.  लेकिन इस बार दिल्ली के साथ-साथ  पाकिस्तानी पंजाब की राजधानी लाहौर भी स्मॉग के कारण त्राहि-त्राहि कर रही है. लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया था. स्मॉग की वजह से लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) जिस स्तर पर पहुंच गया था उसे जहरीली हवा का सर्वोच्च स्तर माना जा रहा है. यानी ऐसे में सांस लेने का मतलब है कि आप जहरीली हवा को धीमे-धीमे अपने अंदर ले रहे हैं, जो आपकी जिंदगी के दिन कम कर देगी. ये भी पढ़ें- Explainer: केरल में 2 IAS के निलंबन के बाद छिड़ी बहस, सरकारी अधिकारी रहते हुए क्या कर सकते हैं और क्या नहीं दोनों शहर परेशान इस बार दिल्ली और लाहौर के स्मॉग में एक समानता है. दोनों शहरों की जहरीली हवा के लिए कथित तौर पर पंजाब और हरियाणा जिम्मेदार माना जा रहा हैं. कमाल की बात यह है कि पहले हरियाणा और पंजाब में जलने वाली पराली को दिल्ली- एनसीआर में ही वायु प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन अब पाकिस्तान भी यही आरोप लगाने लगा है. पाकिस्तानी पंजाब के पर्यावरण अधिकारियों ने इसका ठीकरा भारत के पंजाब में जलाई जा रही पराली के कारण आ रहे धुएं पर फोड़ा है. पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने इस समस्या पर बेहद शायराना लहजे में कहा, “हवाएं नहीं जानती कि सरहद के बीच में लकीरे हैं.”उन्होंने कहा कि वह स्मॉग के मुद्दे पर भारत के हिस्से वाले पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की सोच रही हैं. हमें स्मॉग की समस्या का हल मिलकर निकालना होगा, क्योंकि ये राजनीतिक नहीं मानवीय मुद्दा है. ये भी पढ़ें- Explainer: अगर भारत की जनसंख्या कम हुई है तो उसका क्या असर पड़ेगा, अच्छा रहेगा या खराब कैसे होता है ‘स्मॉग’  साल 1905 में स्मॉग शब्द चलन में आया जो अंग्रेजी के फॉग और स्मोक से मिलकर बना है. डॉ हेनरी एंटोनी वोयेक्स ने अपने पेपर में इसका जिक्र किया, जिसके बाद से ये शब्द कहा-सुना जाने लगा. आमतौर पर जब ठंडी हवा किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर पहुंचती है तब स्मॉग बनता है. ठंडी हवा भारी होती है इसलिए वह रिहायशी इलाके की गर्म हवा के नीचे एक परत बना लेती है. तब ऐसा लगता है जैसे ठंडी हवा ने पूरे शहर को एक कंबल की तरह लपेट लिया है. ठंड में क्यों बढ़ता है प्रदूषण अगर दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो अन्य तमाम वजहों के साथ इसकी भौगोलिक स्थिति भी कुछ हद तक इस तरह के स्मॉग के लिए जिम्मेदार है. दिल्ली शहर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जो यहां प्रदूषण को कम नहीं होने देती. क्वार्ट्ज की एक रिपोर्ट इस बारे में विस्तार से बताती है. इसके मुताबिक दिल्ली में सर्दियों में जो हवा चलती है, उसकी रफ्तार एक से तीन मीटर प्रति सेकंड होती है. ये किसी और शहर की औसत वायु गति से कहीं कम है. हवा के धीरे बहने के कारण इसमें मौजूद धूल-मिट्टी के कण जहां के तहां रहते हैं. यही हवा में इकट्ठा होकर स्मॉग कहलाते हैं. हालात गर्मियों में कुछ बेहतर होते हैं. बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में ठंड में प्रदूषण का स्तर 40 से 80 प्रतिशत तक ज्यादा हो जाता है, जबकि बाकी समय ये कंट्रोल में रहता है. ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के जज ने क्यों पढ़ी वो कविता, जिसको लिखने वाले ने छुड़ाए थे अंग्रेजों के छक्के भौगोलिक स्थिति जिम्मेदार दिल्ली के हालात खराब करने में एक दूसरी वजह भी जिम्मेदार है. ये शहर थार मरुस्थल के उत्तर-पूर्व में स्थित है. उत्तर-पश्चिम में मैदान है, जबकि दक्षिण-पश्चिम में हिमालय की श्रृंखला है. ऐसे में समुद्र से बहने वाली हवा जब आगे बढ़ती है तो हिमालय के पास अटक जाती है. हवा का दबाव उसे आगे बढ़ने को कहता है. इसी तनातनी में प्रदूषित हवा दिल्ली के आसमान पर छा जाती है. केवल दिल्ली ही क्यों, पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक यही हालात रहते हैं. इसी तरह से अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण न केवल दिल्ली, बल्कि पूरा भारत ही वायु प्रदूषण की चपेट में रहता है. हमारे देश के अलावा लीबिया, इजिप्ट, सऊदी अरब, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान भी प्रदूषण से त्रस्त हैं. ये भी पढ़ें- Explainer: क्या बीवी की जगह बेटी बन सकती है पिता की पेंशन की हकदार, क्या है प्रावधान पंजाब ने आरोप का किया खंडन बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के जलवायु परिवर्तन विभाग और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि ऐसा कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि पंजाब के ग्रामीण इलाकों में फसलों की कटाई के बाद जलाई जाने वाली पराली से लाहौर और दिल्ली में वायु प्रदूषण होता है. इसके उलट उन्होंने कहा, “इस बात के वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद हैं जो साबित करते हैं कि यहां पर पराली जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषण के कण लाहौर और दिल्ली की सीमा तक नहीं पहुंच रहे हैं.” Tags: Air Pollution AQI Level, Delhi air pollution, Delhi AQI, NCR Air PollutionFIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 16:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed