रामविलास के सामने साक्षात खड़ी थी मौत बेटे चिराग को कपड़े में लपेट भागे थे

Loksabha Election 2024 Bihar Result: 1984 के सिख विरोधी दंगों में रामविलास पासवान की जान जाते-जाते बची थी. भीड़ ने उन्हें घेर लिया था. घर में आग लगा दी थी.

रामविलास के सामने साक्षात खड़ी थी मौत बेटे चिराग को कपड़े में लपेट भागे थे
Loksabha Election 2024 Result: लोकसभा चुनाव 2024 में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार में शानदार प्रदर्शन किया. NDA गठबंधन में शामिल चिराग की पार्टी का स्ट्राइक रेट 100 का रहा. बिहार में 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और पांचों पर जीत दर्ज की. इस जीत के साथ ही चिराग पासवान ने साबित कर दिया कि वही लोक जनशक्ति पार्टी के असली उत्तराधिकारी हैं. चिराग पासवान (Chirag Paswan) का जीवन काफी उथल-पुथल भरा रहा है. पिता की मौत के बाद पार्टी में दो फाड़ और दरकिनार किये जाने के बावजूद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. चिराग के जीवन में एक मौका ऐसा भी आया, जब उनकी जान जाते-जाते बची थी. यह वाकया साल 1984 का है. तब चिराग पासवान बहुत छोटे थे. पासवान ने घर किसने किया हमला? वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रदीप श्रीवास्तव ने पेंगुइन हिंदी से प्रकाशित रामविलास पासवान की जीवनी ‘संकल्प, साहस और संघर्ष’ में इस घटना का विस्तार से जिक्र किया है. वह लिखते हैं कि साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली का माहौल अचानक बदल गया. सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए और इस दंगे की आंच रामविलास पासवान तक पहुंच गई. श्रीवास्तव लिखते हैं कि दंगों के दौरान रामविलास पासवान कई नेताओं के साथ चौधरी चरण सिंह के आवास पर पहुंचे. वहां बैठक के बाद विपक्ष का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह मिलने राष्ट्रपति भवन गया. प्रेसिडेंट को दिल्ली के हालात के बारे में बताया. इसके बाद पासवान अपने घर लौट आए. उनके साथ कर्पूरी ठाकुर और कुछ और नेता थे. पासवान अपने ड्राइंग रूम में बैठे ही थे कि अचानक एक सिख भागते हुए उनके घर में घुस आया. वह ट्रैक्सी ड्राइवर था और गुस्साई भीड़ उसका पीछा कर रही थी. ये भी पढ़ें- क्या राम मंदिर, राशन और मोदी की गारंटी BJP के काम न आई? जानिये फेल होने के 5 बड़े कारण हवा में चलाई गोली और… रामविलास पासवान ने उसको अपने घर में शरण दे दी. भीड़ पासवान के घर के बाहर नारे लगाने लगी. गेट पीटने लगी और उस सरदार को बाहर निकालने की जिद पर अड़ गई. प्रदीप श्रीवास्तव लिखते हैं कि उस वक्त रामविलास पासवान को सिर्फ एक सुरक्षा गार्ड मिला था, जो सैकड़ों की भीड़ किसी भी सूरत में नहीं संभाल सकता था. पासवान और कर्पूरी ठाकुर घबरा गए. उन्होंने पुलिस अफसरों को फोन मिलना शुरू किया, लेकिन किसी से बात नहीं हो पाई. इधर भीड़ उग्र होती जा रही थी. चिराग को कपड़े में लपेटकर भागे जब लगा कि भीड़ गेट तोड़कर अंदर घुस आएगी तो सुरक्षा गार्ड ने अपनी पिस्तौल निकाली और हवा में फायर कर दिया. भीड़ पर इसका कोई असर नहीं हुआ उल्टा और उग्र हो गई. कर्पूरी ठाकुर बुरी तरह डर गए. पासवान को सबसे ज्यादा चिंता अपने डेढ़ साल के बेटे चिराग पासवान की थी. जब तक दोनों कुछ समझ पाते, तब तक भीड़ ने घर में आग लगा दी. घर जलकर हो गया राख रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) ने चिराग को कपड़े में लपेटा और घर के पीछे की तरफ भागे. किसी तरह पीछे की दीवार फांदने में सफल रहे. वहां थोड़ी दूर गए तो देखा कि उनका घर धू-धूकर जल रहा है. किताबें, कपड़े, गृहस्थी सब कुछ जलकर खाक हो गया. Tags: 2024 Loksabha Election, Bihar News, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Ramvilas PaswanFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 11:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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