दुधारू पशुओं के लिए जहर है ये चीज ऐसे बनाएंगे चारा तो दूध से भर जाएगी बाल्टी

Farmer News: दूध देने वाले पशुओं के खानपान का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है. ऐसा न करने पर उनके दूध देने की क्षमता बहुत प्रभावित होती है.

दुधारू पशुओं के लिए जहर है ये चीज ऐसे बनाएंगे चारा तो दूध से भर जाएगी बाल्टी
अतीश त्रिवेदी/लखीमपुर खीरी: दुधारू पशुओं का ख्याल रखते वक्त बहुत-सी बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है. ऐसा न करने पर पशु की दूध देने की क्षमता प्रभावित हो जाती है. खासतौर पर गन्ने का अगौला किसानों को बिल्कुल नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से दुधारू पशु बहुत कम दूध लेने लगते हैं. इससे किसानों को फायदे की जगह नुकसान होता है. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से. दुधारू पशुओं को खाने के लिए क्या न दें?   किसान दुधारू पशुओं को गन्ने का अगौला न खिलाएं. इससे दुधारू पशु में दूध की कमी हो जाती है. हरे चारे के रूप में जानवर को बरसीम,चरी,ज्वार, बाजरा,मक्का, हाइब्रिड नैपियर इत्यादि दें और बाजार का पशु आहार न दे कर खुद का बनाया पशु आहार जरूर दें. गन्ने के अगौला खिलाने से दूध में कमी आती है इसलिए किसानों को काफी नुकसान भी होता है. पशु को क्यों नहीं देना चाहिए गन्ने का अगौला? यह जानकारी सीएसए कानपुर से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद में डॉक्टर नागेंद्र कुमार त्रिपाठी ने दी. उन्होंने कहा कि हमारे इलाके में जानवरों को चारें में गन्ने का अगौला खिलाने के खूब प्रचलन है, पर ये प्रैक्टिस गलत है. अगौला में शुक्रोज अधिक होता है, जो पशुओं के शरीर में पहुंच कर दुधारू पशुओं को दूध बनाने की प्रक्रिया को कम कर देता है. डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि डेयरी व्यवसाय को शुरू करने के पहले प्रशिक्षित होकर डेयरी और जानवर के रखरखाव की बेहतर जानकारी ही आपको सफल उद्यमी बना सकती है. बॉडी और वेट देखकर दें पशुओं को भोजन केवीके जमुनाबाद में डॉक्टर त्रिपाठी ने पशुओं के रखरखाव और उनके पोषण प्रबंधन की बारीकी से जानकारी दी. डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया कि डेयरी व्यवसाय चार स्तम्भों पर खड़ा होता है. जो प्रजाति, प्रबंधन, पोषण व चिकित्सा पर आधारित होते है. किसान भाईयों को इन चारों के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए, तभी वे सफल उद्यमी बन सकते हैं. दुधारू पशु को भोजन उसकी बॉडी और वेट के तीन प्रतिशत से ज्यादा नहीं दिया जाना चाहिए. इसमें एक तिहाई भूसा यानी सूखा चारा,दो तिहाई हरे चारे की मात्रा होनी चाहिए. साथ में अगर अच्छा दूध चाहिए तो किसान को खुद अपना पशु आहार तैयार करना होगा. बाजार के पशु आहार के भरोसे डेयरी व्यवसाय नहीं सफल हो सकता. आपको पशु का डाइट चार्ट बनाना होगा. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 13:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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