बरसाना का एक अनोखा वन जहां खेला करती थीं राधा रानी श्री कृष्ण बन गए गए थे

Gahvar Van Story: बरसाना में बहुत सारी खास जगहें हैं. लेकिन यहां का एक वन ऐसा है, जहां राधा रानी को बहुत अच्छा लगता था. आइए जानते हैं राधा-कृष्ण से जुड़ी दिलचस्प कहानी.

बरसाना का एक अनोखा वन जहां खेला करती थीं राधा रानी श्री कृष्ण बन गए गए थे
निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: श्री कृष्ण और राधा रानी से जुड़ी कई जगहें आज भी साल पुरानी कहानी बयां करती हैं. गहवर वन भी श्री राधा कृष्ण लीला का मुख्य स्थल है. लताओं व कुंजो से सजे हुए गहवर वन की अपनी ही शोभा है.कहा जाता है कि यह वन श्री राधा रानी को अत्यंत प्रिय था. वो यहीं पर खेला करती थीं. आइए जानते हैं इस खास जगह से जुड़ी दिलचस्प बातें. राधा की सबसे खास जगह गहवर वन ही वो जगह है, जहां पहुंचकर श्री कृष्ण खुद को कृतार्थ मानने लग गए थे. पहले श्री कृष्ण ने अपने को कृतार्थ नहीं माना था. जबकि बहुत अवतार हुए, बहुत सी लीलाएं हुईं, बहुत से उनके भक्त हुए, लेकिन गहवर वन बरसाना पहुंचकर वो खुद को कृतार्थ मानने लगे थे. राधा रानी भी इस जगह को बहुत पसंद किया करती थीं. जब ललिता सखी से संवाद करने लगे कृष्ण एक दिन राधिका रानी गहवर वन में खेल रही थीं और श्री कृष्ण उनको ढूंढ़ते-ढूंढ़ते नन्द गाँव से चले गए. जब यहां पहुंचते हैं, तो ललिता जी कहती हैं कि हे नन्द लाल तुम कैसे आये यहाँ? श्याम सुंदर कहते हैं कि ललिता जी श्री राधा रानी के दर्शन के लिये आये हैं. ललिता जी कहती हैं कि अभी तुमको दर्शन तो नहीं मिलेंगे. क्योंकि किशोरी जी अभी महल से चली नहीं हैं. तो श्याम सुंदर जी कहते हैं कि आप लोगों ने हमारा नाम चोर रखा है, तो चोर से चोरी नहीं चलती है. सखी ललिता जी पूछती हैं कि हमारी चोरी क्या है? श्री कृष्ण बोले अरे लाड़ली जी तो आ रही हैं. बोलीं, कैसे पता? कृष्ण बोले कि किशोरी जी जब आती हैं, तो उनके शरीर की महक चारों ओर फैल जाती है. ये सुगन्ध बता देती है कि वो आ रही हैं. तुम नहीं छिपा सकती हो राधिका रानी को. राधा रानी ने सजाया था अपने हाथों से गहवर वन अरे चांद को कोई क्या हाथ से ढक सकता है. हम तुम्हारी चोरी जानते हैं. वहां कहा गया है कि श्रीजी खेलती आ रही हैं अपनी सखियों की साथ. बरसाने के बिना ब्रह्म अपूर्ण रहता है. गहवर वन कोई बड़ा वन नहीं है. बहुत ही छोटा सा वन है. पर ये है कैसा ? ये दोनों राधा माधव के मन को हरन कर लेता है. इसमें इतनी आकर्षण शक्ति क्यों हैं? वृन्दावन में स्वयं राधा रानी ने अपने हाथों से इस वन को बनाया है. सब लता, पताओं को अपने हाथों से लगाया है और इसे विलास रस से सींचा है. इसीलिए ये गहवर वन बहुत ही महत्वपूर्ण वन है. ऐसा सौभाग्य किसी भी ओर ब्रज के वनको नहीं मिला जो गहवर वन को मिला. राधा रानी ने इसे अपने हाथों से सजाया है और इसमें दोनों नित्य लीला करते हैं. Tags: Local18, Mathura newsFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 10:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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