बपचन से था मर्द बनने का शौक जवान होने पर लड़की बनी लड़का लोग हुए हैरान
बपचन से था मर्द बनने का शौक जवान होने पर लड़की बनी लड़का लोग हुए हैरान
शालू ने बताया कि बचपन से ही लड़कों की तरह रहना पसंद था. शर्ट-पैंट पहनना हो या उनके साथ खेलना-कूदना, सारे काम लड़कों वाले थे. मन ही मन लड़का बनने की इच्छा भी थी. सर्जरी के लिए इंदौर और दिल्ली के डॉक्टर से संपर्क किया. सर्जरी में काफी खर्च आने वाला था.
रजत कुमार/ इटावा: बचपन से लड़का बनने की ललक के चलते जवान होने पर एक युवती ने अपना जेंडर चेंज करवा लिया. अब यह युवती युवक बन गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह नवयुवती अपनी शादी के लिए जमा किए गए पैसों से युवक बनी है.
जेंडर चेंज कराने वाली नवयुवती का नाम शालिनी है, जो उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के फ्रेंड्स कालोनी इलाके की रहने वाली है. 25 साल की शालिनी लिंग परिवर्तन के बाद नवयुवक बन गई है. नव युवती ने अपना नाम शालिनी से बदल कर शालू रख लिया. शालिनी बचपन से ही काफी समय से अपना जेंडर चेंज कराने का सपना देखती थी.
शुरूआत में परिजनों ने जेंडर चेंज वाले मामले में सहमति नहीं दी, लेकिन बाद में वो नवयुवती के जेंडर चेज प्रस्ताव पर राजी हो गए. कई मेडिकल प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद शालिनी की इच्छा पूरी हुई. शालिनी को बचपन से लड़कों की तरह रहना पसंद था, जो उसके जवान होने पूरा हुआ.
जेंडर चेंज करके शालिनी से शालू बने युवक ने बताया कि जेंडर चेंज के लिए अलग-अलग कई चरणों से गुजरना पड़ता है. दो वर्ष पूर्व हार्मोन थेरेपी करवाई थी. फिर ब्रेस्ट रिमूव करवाया. अब प्राइवेट पार्ट भी डेवलप किया जा रहा है. इसमें लाखों का खर्च आया है. अपनी शादी के पैसों को सर्जरी पर लगा दिया, क्योंकि शादी नहीं करनी थी. उसने बताया कि बचपन से ही लड़कों की तरह से रहने का शौक था, जो जवान होने पर अब पूरा हुआ है.
शालू ने बताया कि बचपन से ही लड़कों की तरह रहना पसंद था. शर्ट-पैंट पहनना हो या उनके साथ खेलना-कूदना, सारे काम लड़कों वाले थे. मन ही मन लड़का बनने की इच्छा भी थी. सर्जरी के लिए इंदौर और दिल्ली के डॉक्टर से संपर्क किया. सर्जरी में काफी खर्च आने वाला था.
इसी बीच शालिनी ने परिजनों से कहा कि जो खर्च आप मेरी शादी में करेंगे, वो सर्जरी पर कर दीजिए. वैसे भी मुझे शादी नहीं करनी है. सबसे पहले हार्मोन थेरेपी करवाई, ब्रेस्ट हटवाए, यूट्रस हटवाया और अब प्राइवेट पार्ट डेवलप की तैयारी है.
शालू के अब नवयुवक की तरह दाढ़ी-मूंछ भी निकली आई है. आवाज में भी परिवर्तन हो गया है. शालिनी के शरीर में परिवर्तन भी देखा जा सकता है. सालू पूरी तरह से फिट है. केवल अब सारे डॉक्यूमेंट में नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई गई है.
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के सर्जरी विभाग के डॉ.सोमेंद्र पाल ने बताया कि जेंडर चेंज डायस्फोरिया के लक्षण के कारण अक्सर लड़की लड़के की तरह से रहना चाहती है. तभी वह जेंडर चेंज के लिए सर्जरी का फैसला लेते हैं. जेंडर चेंज करवाना एक चुनौतीपूर्ण काम है, इसमें लाखों रुपए का खर्चा भी आता है.
इसके लिए सबसे पहले मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ता है. हार्मोन थेरेपी, ब्रेस्ट सर्जरी करवाई जाती है. प्राइवेट पार्ट को डेवलप किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में मनोरोग विशेषज्ञ, गाइनेकोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन सभी डॉक्टर्स की टीम मौजूद रहती है और कम से कम 21 साल से अधिक की उम्र के बाद ही यह सर्जरी संभव होती है. जेंडर बदलने के बाद प्रमाण पत्र फिर से बनवाए जाते हैं. डॉक्टर से लिखित प्रमाण पत्र और डीएम से अनुमति लेनी पड़ती है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 10:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed