धान की बुवाई से पहले खेत में डालें ये जैविक खाद20 दिनों में दिखेगा असर

मानसून के बिहार और झारखंड में 16-18 जून तक, उत्तर प्रदेश में 20-30 जून तक पहुंचने की उम्मीद है. यानि किसानों के पास अभी 15 से 20 दिन का समय बाकी है. किसान इन 20 दिनों में कृषि एक्सपर्ट की ये ट्रिक अपना कर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.

धान की बुवाई से पहले खेत में डालें ये जैविक खाद20 दिनों में दिखेगा असर
शाहजहांपुर: यूपी में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है इसके बावजूद किसान धान की नर्सरी लगाने में लगे हुए हैं. मानसून के प्रवेश करते है धान की बुवाई तेज गति से चालू हो जाएगा. मौसम विभाग के अनुसार, मानसून के बिहार और झारखंड में 16-18 जून तक, उत्तर प्रदेश में 20-30 जून तक पहुंचने की उम्मीद है. यानि किसानों के पास अभी 15 से 20 दिन का समय बाकी है. किसान इन 20 दिनों में कृषि एक्सपर्ट की ये ट्रिक अपना कर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. किसान धान की फसल से ज्यादा उत्पादन लेने की होड़ में जरूरत से ज्यादा मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं. जिसकी वजह से मृदा स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. लेकिन किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब किसानों को कम खाद में ज्यादा उत्पादन मिलेगा. किसानों को बैक्टीरिया आधारित जैविक खाद पीएसबी का इस्तेमाल करना होगा. पीएसबी का इस्तेमाल करने से पौधे मिट्टी में पड़ी फॉस्फेटिक खाद को पूरी तरह से अवशोषित करते हैं. किसानों को कम खाद में ही अच्छा उत्पादन मिलता है. मृदा स्वास्थ्य पर नहीं पड़ेगा असर कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान जो फॉस्फेटिक खाद खेत में इस्तेमाल करता है. पौधे उसका 25% से 30% ही इस्तेमाल कर पाते हैं. शेष खाद जमीन में वैसे ही पड़ी रहती है. ऐसे में किसान लगातार खाद की मात्रा बढ़ाता जाता है. जिससे उसकी लागत बढ़ती जाती है लेकिन पौधों को वह लाभ नहीं मिल पाता जो मिलना चाहिए. मृदा स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है. कैसे करें पीएसबी का इस्तेमाल? डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि पीएसबी एक बैक्टीरिया आधारित जैविक खाद है. जों फॉस्फेटिक खादों को घुलनशील बनता है. पीएसबी को धान की रोपाई से पहले की जाने वाली अंतिम जुताई के समय सड़ी हुई गोबर की खाद या मिट्टी में मिलाकर इसको छिड़काव कर देना है. छिड़काव करने के बाद पीएसबी मिट्टी में पड़ी हुई फॉस्फेटिक खादों को घुलनशील बना देगा है. जिससे पौधे फॉस्फेटिक खादों को पूरी तरह से ग्रहण कर सकेंगे और किसानों को उत्पादन अच्छा मिलेगा. कहां से खरीदें पीएसबी ? डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि पीएसबी को 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में छिड़काव करना है. किसान अपने संबंधित राजकीय कृषि रक्षा इकाई से जाकर पीएसबी खरीद सकते हैं. यहां बेहद कम दामों में किसानों को पीएसबी उपलब्ध कराया जा रहा है. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 13:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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