लागत शून्य और मुनाफा लाखों काइस फसल की खेती के लिए सरकार देगी पैसे

किसान अपनी व्यक्तिगत जमीन पर पौधा रोपण करवा कर मार्केट रेट पर तीन से चार लाख रुपये की कमाई कर सकता है. बांस की खेती के लिए 1500 पौधे एक हैक्टेयर जमीन में लगाए जा सकते हैं.

लागत शून्य और मुनाफा लाखों काइस फसल की खेती के लिए सरकार देगी पैसे
रामपुर. यूपी के रामपुर क्षेत्र के किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब वे अपनी खाली पड़ी जमीन से बिना कुछ खर्च किए हुए रुपए कमा सकेंगे. इसके लिए ​बस उन्हें कुछ पौधे अपनी जमीन पर लगाने होंगे. ये पौधे सरकार की ओर फ्री में उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही इन पौधों की देखभाल पारिश्रमिक भी संबंधित किसान को दिया जाएगा. दरअसल, नदी व तलाबों के किनारें ग्राम समाज की जमीन में मनरेगा के तहत 12.35 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है. इनमें बांस के पौधे भी रोपे जाएंगे. इसमें लागत शून्य आएगी और पौधे के पेड़ बनने के बाद मिलने वाले बांस से किसानों को आय होगी. एक हैक्टेयर में लगा सकते हैं 1500 पौधे जिले में मनरेगा की ओर से बड़ी संख्या में पौधे रोपित कराने का खाका तैयार किया गया है. इसके तहत किसान अपनी व्यक्तिगत जमीन पर पौधा रोपण करवा कर मार्केट रेट पर तीन से चार लाख रुपये की कमाई कर सकता है. बांस की खेती के लिए 1500 पौधे एक हैक्टेयर जमीन में लगाए जा सकते हैं. बांस की फसल दो वर्ष में ही लाभ देना शुरू कर देती है. खेत मे बांस की रोपाई 2.5 मीटर की दूरी के हिसाब से की जा सकती है. किसानों को मुफ्त में मिलेंगे पौधे मनरेगा उपायुक्त मंशाराम यादव ने लोकल 18 को बताया कि मनरेगा योजना के जरिए निजी जमीन पर पौधारोपण कराया जा रहा है. इसके साथ ही किसान भी व्यक्तिगत लाभार्थी के रूप में इस साल अपनी भूमि पर पौधारोपण करा सकते है. इसके लिए किसानों को मुफ्त पौधा दिया जाएगा. पौधे की कीमत किसी काश्तकार को नही देनी पड़ेगी. किसान अपनी इच्छा अनुसार अपनी बंजर पड़ी जमीन पर पौधे लगाते है तो उसको बिल्कुल जीरो लागत पर लाभ मिलेगा. देखभाल के पैसे मिलेंगे पौधों की सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति रखा जाएगा और उस व्यक्ति को विभाग द्वारा पारिश्रमिक राशि ​दी जाएगी. अगर जमीन मालिक चाहे तो वे खुद ही इस देखभल करके पारिश्रमिक लाभ उठा सकता है. बांस का पौधा तैयार होने के बाद किसान को मार्केट भी नही तलाशना पड़ेगा. क्योंकि रामपुर जिला बरेली के निकट है. जहां बांस का व्यापक कारोबार होता है. इसलिए स्थानीय तौर पर मार्केट भी उपलब्ध है. Tags: Agriculture, Rampur newsFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 18:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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