गडकरी ने लाइफ और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से GST हटाने की मांग क्यों की: 5 वजहें

GST News Update: आखिर वे कौन सी वजहें हैं कि रोड ट्रांसपोर्ट और हाई-वे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने सरकार से बाकायदा लेटर लिखकर कहा है कि जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा (Life Insurance- Medical Insurance) से जीएसटी टैक्स हटा दिया जाए, जानें पांच वजहें...

गडकरी ने लाइफ और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से GST हटाने की मांग क्यों की: 5 वजहें
Nitin Gadkari News Update: नितिन गड़करी ने निर्मला सीतारमण को बाकायदा एक लेटर लिखकर कहा है कि जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा (Life Insurance- Medical Insurance) से 18 फीसदी जीएसटी को हटा लिया जाए. यदि सरकार ने रोड ट्रांसपोर्ट और हाई-वे मिनिस्टर नितिन गडकरी की यह मांग मान ली तो जल्द ही देश में लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस सस्ता हो जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं वे कौन सी वजह हैं जिनके चलते नितिन गडकरी ने सरकार ये यह अनुरोध किया है? आइए जानें नितिन गडकरी की इंश्योरेंस से जीएसटी हटाने के अनुरोध के पांच कारण: 1- गडकरी ने 28 जुलाई को पत्र लिखकर कर नीति की जल्द से जल्द समीक्षा की मांग की है. उन्होंने वित्त मंत्री सीतारमण से सीधी अपील करते हुए तर्क दिया है कि मौजूदा कर ढांचा ‘अनफेयर’ है क्योंकि यह अनिवार्य रूप से जीवन की ‘अनिश्चितताओं पर कर’ लगाता है. जो व्यक्ति अपने परिवार के लिए सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रहा है, उसे प्रीमियम पर कर लगाकर सजा नहीं देनी चाहिए. जो अप्रत्याशित जीवन की घटनाओं के खिलाफ सुरक्षा के रूप में काम करते हैं।इस पॉलिसी से न केवल लोग बीमा लेने से दूर भागते हैं बल्कि इससे पूरी इंडस्ट्री की ग्रोथ प्रभावित होती है. 2. गडकरी का कहना है कि इससे सीनियर सिटीजन पर फाइनेंशियल बोझ पड़ता है. वे लेटर में लिखते हैं कि बुजुर्गों की आय यदि होती है तो वह फिक्स्ड होती है और इससे पैसा निकालकर उन्हें सिक्यॉरिटी और सुकून देने वाले ऐसे प्रॉडक्ट पर हाई टैक्स चुकाना पड़ता है जोकि बेजा तनाव पैदा करता है. 3. लेटर में गडकरी ने लिखा कि मेडिकल इश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी इंडस्ट्री ग्रोथ को अटकाता है. उन्होंने मेडिकल इश्योरेंस को ‘सामाजिक रूप से आवश्यक’ सेवा के तहत माना. सुझाव दिया कि इस पर भारी कर लगाने से इसकी लोगों तक पहुंच भी कम हो जाती है. लोगों का सामर्थ्य भी इन्हें पाने का कम हो जाता है जिससे कई लोग इस जरूरी चीज से वंचित रह जाते हैं. 4. ‘नागपुर डिविजनल लाइफ इंश्योरेंस एम्प्लाइज यूनियन’ का मेमोरेंडम भी एक कारण है. गडकरी ने यह लेटर यूनियन के मेमोरेंडन के जवाब में लिखा है. गडकरी के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है, इसने बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के नकारात्मक असर के बारे में बताया और नीतियों में संशोधनों की गुजारिश की. 5. गडकरी ने कहा है कि मंत्री ने जीवन बीमा पॉलिसियों के जरिए होने वाली बचत पर भी बात की है. उन्होंने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए आयकर कटौती को फिर से शुरू करने की वकालत की ताकि अधिक से अधिक व्यक्तियों को कवरेज चुनने के लिए प्रेरित किया जा सके. Tags: Gst news, Life Insurance, Medical Insurance, Nitin gadkari, Women's FinanceFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 14:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed