लाल किले पर पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने दी तिरंगे को सलामी PM मोदी ने उपलब्धि को बताया ऐतिहासिक

आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया तो, इस दौरान 21 तोपों की सलामी देने के लिए डीआरडीओ द्वारा बनाए गए स्वदेशी हॉवित्जर गन का इस्तेमाल हुआ. इसे ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) कहा जाता है. इस स्वदेश तोप की गिनती दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली आर्टिलरी गन में होती है.

लाल किले पर पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने दी तिरंगे को सलामी PM मोदी ने उपलब्धि को बताया ऐतिहासिक
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी तोप से सलामी दी गई. उन्होंने लाल किले की प्रचार से राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन आंदोलन है जिसे सबको मिलकर आगे बढ़ाना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल में पहली बार ऐसा हुआ हुआ है कि लाल किले से तिरंगे को सलामी देने के लिए देश में निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व है. आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया तो, इस दौरान 21 तोपों की सलामी देने के लिए डीआरडीओ द्वारा बनाए गए स्वदेशी हॉवित्जर गन का इस्तेमाल हुआ. इसे ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) कहा जाता है. इस स्वदेश तोप की गिनती दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली आर्टिलरी गन में होती है. इसका रेंज 48 किलोमीटर है. माइनस 30 डिग्री की ठंड हो या 75 डिग्री की गर्मी, यह हर दुर्गम परिस्थिति में काम करने में सक्षम है. चीन से लगी एलएसी से लेकर राजस्थान के रेतीले मैदान तक इस तोप का इस्तेमाल किया जा सकता है. DRDO द्वारा बनाया गया यह तोप प्रति मिनट 5 गोले दाग सकता है डीआरडीओ द्वारा बनाया गया यह तोप प्रति मिनट 5 गोले दाग सकता है. दिन हो या रात, यह हर वक्त काम करता है. रात में निशाना लगाने के लिए तोप में थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके बैरल की लंबाई 8060 मिलीमीटर है. हल्के वजन के चलते इसे ऊंचे रणक्षेत्र में तैनात किया जा सकता है. यह 155 एमएम कैलिबर तोप है. इससे 155 एमएम के गोले दागे जा सकते हैं. डीआरडीओ द्वारा बनाया गया यह तोप प्रति मिनट 5 गोले दाग सकता है. दिन हो या रात, यह हर वक्त काम करता है. रात में निशाना लगाने के लिए तोप में थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके बैरल की लंबाई 8060 मिलीमीटर है. हल्के वजन के चलते इसे ऊंचे रणक्षेत्र में तैनात किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में देश के सुरक्षा बलों का जिक्र करते हुए उन्हें सैल्यूट किया. उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ को सफल बनाने में हमारे सैन्य बल शानदार काम कर रहे हैं. लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने वाली तोप इसका उदाहरण है. स्वतंत्रता दिवस पर सलामी के निए फायर किए जाते हैं ब्लैंक शेल्स दरअसल, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे को सलामी के दौरान तोप से 21 ब्लैंक शेल्स फायर किए जाते हैं. इन गोलों में सिर्फ बारूद होता है कोई प्रोजेक्टाइल नहीं होता. गोले दागने पर सिर्फ धमाके होते हैं. एक गोले का वजन 11.5 किलो होता है. पिछले 75 वर्षों से 15 अगस्त के कार्यक्रम में ब्रिटेन में बनी तोपों का इस्तेमाल होता था. केंद्र सरकार मेड इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है. इसलिए इस बार लाल किले से तिरंगे को सलामी देने के लिए देश में बने तोपों से 21 गोले दागने देने का फैसला किया गया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: 75th Independence Day, Aatmanirbhar Bharat, PM ModiFIRST PUBLISHED : August 15, 2022, 10:01 IST