साधारण से किसान के बेटे ने किया कमाल दुबई में बना इंजीनियर लाखों का है पैकेज
साधारण से किसान के बेटे ने किया कमाल दुबई में बना इंजीनियर लाखों का है पैकेज
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में स्थित जे.एस विश्वविद्यालय के कुलपति ने अंकुल के संघर्ष के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब अंकुल हमारे पास आया था, तो इसके सपने बहुत ही बड़े थे. इसीलिए हमने अपने यहां बीटेक में इस लड़के का एडमिशऩ कर लिया.
धीर राजपूत/ फिरोजाबाद: जिंदगी में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो इंसान सफलता की सीढी चढ ही लेता है, ऐसा सी एक कारनामा कर दिखाया है फिरोजाबाद में रहने वाले एक युवा ने. गांव की मिट्टी में खेल-कूद कर बड़ा हुआ युवा ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए ऐसी उड़ान भरी कि कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा. किसान के बेटे ने गांव में रहकर ही अपनी पढाई पूरी की है. फिर इस युवा ने विदेश में मैकेनिकल इंजीनियर बन गांव का ही नहीं बल्कि फिरोजाबाद का भी नाम रोशन किया है.अब हर तरफ इस युवा की सफलता की चर्चा हो रही है. युवा को दुबई में एक कंपनी में 12 लाख से भी ज्यादा का पैकेज मिला है.
दुबई के बरारी ग्रुप में मैकेनिकल इंजीनिय़र की नौकरी करेगा अंकुल
फिरोजाबाद के छोटे से गांव लाटई में रहने वाले अंकुल यादव ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उनके परिवार में चार बड़ी बहनें और पिता खेती करते हैं. लेकिन पिता का सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर विदेश जाकर नौकरी करे. इस सपने को पूरा करने के लिए उसने 12वीं की परीक्षा पास करने के लिए पास के दुहिली में 2017 में एडमिशन लिया.जहां उसने अच्छे नंबरो से परीक्षा पास की. इसके बाद उसने इंडियन एयरफोर्स, एनडीए डिफेंस की तैयारी के लिए दस महीने तैयारी की, लेकिन फिजीकली फिट न होने के कारण उसे सफलता नहीं मिली. फिर उसके बाद उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए शिकोहाबाद के जे.एस विश्वविद्यालय में बीटेक के लिए एडमिशन लिया और वहीं रहकर दिन-रात मेहनत की और सफलता हासिल की. अंकुल ने कहा कि उसे दुबई के बरारी ग्रुप में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी मिली है. जिसका पैकेज लगभग साढे बारह लाख रुपए है. उसने दस महीने पहले दुबई में जाकर ट्रेनिंग शुरु कर दी थी और अब वह जल्द ही नौकरी पर भी जाएगा.
शुरु से ही पढने में तेज था अंकुल
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में स्थित जे.एस विश्वविद्यालय के कुलपति ने अंकुल के संघर्ष के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब अंकुल हमारे पास आया था, तो इसके सपने बहुत ही बड़े थे. इसीलिए हमने अपने यहां बीटेक में इस लड़के का एडमिशऩ कर लिया. हमारे यहां के टीचर भी इस लड़के की काफी तारीफ करते थे. बहुत से छोटे गांव में रहने वाले लड़के ने आज वो मुकाम हासिल किया, जिसे पाना बड़ा की मुश्किल काम है. हमारे द्वारा यूनिवर्सिटी में रहने के साथ-साथ अंकुल की हर संभव मदद की गई. आज माता-पिता और टीचरों को काफी खुशी है. गर्व महसूस हो रहा है. महज 24 साल की उम्र मे अंकुल ने विदेश तक इस छोटे से जिले की पहचान कराई है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 11:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed