बाढ़ में डूब गई है धान की फसल करें ये 2 कामलेकिन इस बात का रखें खास ध्यान
बाढ़ में डूब गई है धान की फसल करें ये 2 कामलेकिन इस बात का रखें खास ध्यान
डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि जिन जगहों पर बाढ़ की वजह से किसानों की धान की फसल नुकसान हुआ है तो किसानों को अब बाढ़ का पानी निकलने के बाद खास एहतियात बरतनी की जरूरत है. जिससे फसल को बचाया जा सकता है. किसान कुछ देसी उपाय करने के साथ उर्वरकों की टॉप ड्रेसिंग कर दें. बर्बाद हुई फसल को बचाया जा सकता है.
शाहजहांपुर: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई भारी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है. बाढ़ से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. खासकर धान की फसल को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में जिन खेतों से बाढ़ का पानी निकल गया है. किसान कुछ जरूरी उपाय कर लें तो धान की फसल में हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकती है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि जिन जगहों पर बाढ़ की वजह से किसानों की धान की फसल नुकसान हुआ है तो किसानों को अब बाढ़ का पानी निकलने के बाद खास एहतियात बरतनी की जरूरत है. जिससे फसल को बचाया जा सकता है. किसान कुछ देसी उपाय करने के साथ उर्वरकों की टॉप ड्रेसिंग कर दें. बर्बाद हुई फसल को बचाया जा सकता है.
बाढ़ की मिट्टी को कैसे करें साफ
डॉ. एनपी गुप्ता ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि बाढ़ के पानी में आई हुई मिट्टी धान के पौधों की पत्तियों पर जम जाती है. जिससे पत्तियां पौधों को भोजन नहीं दे पाती. पौधों की बढ़वार रुक जाती है. इस समस्या के बचाव के लिए किसान सबसे पहले बाढ़ प्रभावित फसल पर ताजे पानी से छिड़काव कर पत्तियों को धो दें. पत्तियों को पानी से धोने से पत्तियों पर जमी हुई मिट्टी की परत साफ हो जाएगी. पौधे फिर से बढ़वार करने लगेंगे. साथ ही यूरिया की टॉप ड्रेसिंग कर दें.
ऐसी स्थिति में न करें फसल की देखभाल
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर 50% धान के पौधे मर गए हों तो फसल की देखभाल न करें. क्यों कि 50% से ज्यादा खराब हुई फसल की देखरेख करने से किसानों की लागत बढ़ जाएगी और फसल से उत्पादन कम मिलेगा. पैदा हुई उपज की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होगी. ऐसी स्थिति में किसानों के पास अगर धान की पौध उपलब्ध हो तो फसल को जोतकर दोबारा से रोपाई कर दें.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 14:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed