DDUG में इस विषय पर होगा अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार यूपी के सीएम होंगे चीफ गेस्ट
DDUG में इस विषय पर होगा अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार यूपी के सीएम होंगे चीफ गेस्ट
DDUG में समरस समाज के निर्माण में नाथपंथ का अवदान विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसकी शुरूआत 14 सितंबर को होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ इसके मुख्य अतिथि होंगे. नाथपंथ भारत के प्राचीन संत-परंपराओं में से एक है. इसकी जड़ें गुरु गोरक्षनाथ तक जाती है. यह परंपरा मुख्यतः योग और साधना पर केंद्रित रही है.
गोरखपुर. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 14 और 15 सितंबर को “समरस समाज के निर्माण में नाथपंथ का अवदान” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इस सेमिनार का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे, जो स्वयं भी नाथपंथ के प्रमुख संत हैं.
दो दिवसीय इस आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें देश-विदेश से 200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे. गोरखपुर विश्वविद्यालय और हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में इस आयोजन का उद्देश्य नाथ पंथ की सामाजिक और सांस्कृतिक भूमिका पर चर्चा करना है.
सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे मुख्य अतिथि
सेमिनार के संयोजक डॉ. अमित कुमार उपाध्याय और आयोजन सचिव डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि उद्घाटन सत्र 14 सितंबर को सुबह 11 बजे होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे और कुलपति प्रो. पूनम टंडन इस सत्र की अध्यक्षता करेंगी. अन्य विशिष्ट अतिथियों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव भाषा जितेंद्र कुमार और लोकपहल के संयोजक डॉ. विजय कुमार सिंह शामिल होंगे.
सेमिनार के पहले दिन होगा चार तकनीकी सत्र
सेमिनार में पहले दिन चार तकनीकी सत्र होंगे, जिनमें नाथ सिद्ध परंपरा और नाथपंथीय साहित्य पर विचार-विमर्श होगा. दूसरे दिन 15 सितंबर को स्वतंत्रता आंदोलन में नाथपंथ के योगदान पर चर्चा होगी. समापन सत्र के साथ सेमिनार का अंत होगा. इस आयोजन के समन्वक डॉ. कुशलनाथ मिश्र और डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी हैं, जो इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
गोरखनाथ मंदिर नाथपंथ का है प्रमुख केन्द्र
नाथपंथ भारत के प्राचीन संत-परंपराओं में से एक है, जिसकी जड़ें गुरु गोरक्षनाथ तक जाती है. यह परंपरा मुख्यतः योग और साधना पर केंद्रित रही है. नाथपंथ का उद्भव 9वीं और 10वीं शताब्दी में हुआ और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला. इसके प्रवर्तक गुरु मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गोरक्षनाथ माने जाते हैं, जिन्होंने ध्यान, योग और सामाजिक समरसता को अपने उपदेशों का केंद्र बनाया. नाथपंथ की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका सामाजिक समरसता और एकता का संदेश है. इस परंपरा ने समाज के हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों को एकजुट किया. जिसमें महिलाओं और निम्न जातियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान रहा. गोरखनाथ मंदिर जो गोरखपुर में स्थित है, नाथपंथ का प्रमुख केंद्र है और योगी आदित्यनाथ इसके वर्तमान महंत हैं.
Tags: CM Yogi Aditya Nath, Gorakhpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 13:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed