भगवान शिव की आराधना करते हैं जान मोहम्मद 50 साल से कर रहे भक्ति बताई वजह

Farrukhabad News : फर्रुखाबाद जनपद के थाना नवाबगंज के ग्राम बरतल निवासी जान मोहम्मद खां पिछले 50 वर्षों से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. जान मोहम्मद की सुबह बम-बम भोले से होती है. गांव के ही इस्लाम धर्म के ठेकेदारों ने उनकी पूजा-अर्चना का पुरजोर विरोध किया, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए भगवान शिव की आराधना जारी रखी. उन्होंने शिव भक्ति की वजह का भी खुलासा किया है.

भगवान शिव की आराधना करते हैं जान मोहम्मद 50 साल से कर रहे भक्ति बताई वजह
फर्रुखाबाद. ईश्वर अल्लाह एक ही नाम, इस बात को सत्य कर दिखाया नवाबगंज के जान मोहम्मद खां ने. भले ही उनका मजहब अलग हो, लेकिन वह बीते करीब पांच दशक से भगवान शंकर की आराधना कर रहे हैं. इस दौरान उन्हें इस्लाम धर्म के ठेकेदारों के तानों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी भगवान शंकर के प्रति आस्था कम नहीं हुई. थाना नवाबगंज के ग्राम बरतल निवासी जान मोहम्मद खां पुत्र करीम खां अपनी उम्र के छह दशक पूरे कर चुके हैं. गांव में ही स्थित शिव मंदिर में वह बीते करीब 50 वर्षों से पूजा-अर्चना कर रहे हैं. उनका कहना है कि 11 वर्ष की अवस्था में उनके मन में भगवान शंकर के प्रति आस्था जागी. तभी से वह उनकी आराधना में लीन हो गए. आज वह गांव में स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं. हालांकि उनके परिवार में उनकी पत्नी बिटाना बानो और बेटी पुत्री जैनुम बानो है. बेटी का निकाह कर चुके हैं. पत्नी उनकी पूजा-अर्चना में कभी रुकावट नहीं बनीं. जहां पत्नी की सुबह अल्लाह ओ अकबर से, वहीं जान मोहम्मद की सुबह बम-बम भोले से होती है. गांव के ही इस्लाम धर्म के ठेकेदारों ने उनकी पूजा-अर्चना का पुरजोर विरोध किया, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए भगवान शिव की आराधना जारी रखी. उनका कहना है कि जब भी उन्हें कोई मुसीबत आती है, तो वह भगवान शंकर को सच्चे मन से याद करते हैं और उनकी समस्या का समाधान तुरंत हो जाता है. जान मोहम्मद बताते हैं कि गांव में शिव मंदिर की स्थापना से पूर्व शिवलिंग था. ग्रामीणों ने चंदा करके 1980 में शिव मंदिर का निर्माण कराया और तभी से वह मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं. गांव के रहने वाले सुखराम गिरी ने बताया कि यह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना होगा. पहले इस मंदिर के स्थान पर चबूतरा था, उसी के ऊपर शिवलिंग था. सभी लोग पूजा करते थे. गिरी ने कहा कि मैं मंदिर में शाम को आरती करता हूं. जान मोहम्मद आरती मेरे साथ गाते हैं. उन्हें किसी के मजहब से मतलब नहीं. उनके अंदर शिव के प्रति भक्ति है. क्षेत्र के कई मौलवियों और मुसलमानों ने जान मोहम्मद का काफी विरोध किया लेकिन उनका कहना था कि जब मेरे ऊपर परेशानी थी तो किसी ने मेरा साथ नहीं. उस समय भगवान शिव ने मेरी सहायता की थी. मेरा मजहब मुझे छोड़ दे लेकिन मैं पूजा करना नही छोड़ सकता हूं. इसी वजह से हिन्दू समाज के किसी आदमी ने जान मोहम्मद का विरोध नहीं किया. वह सभी के साथ मिलकर रहते हैं. Tags: Bizarre news, Farrukhabad news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 20:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed