Explainer: क्या होगा अगर CM को MLA के तौर पर अयोग्य घोषित दिया जाए

अगर सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया जाता है, तो उन्हें नए सिरे से शपथ लेनी होगी और मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करना होगा. जिसके बाद उन्हें अगले छह महीने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करनी होगी.

Explainer: क्या होगा अगर CM को MLA के तौर पर अयोग्य घोषित दिया जाए
हाइलाइट्सहेमंत सोरेन को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया जाता है, तो उन्हें नए सिरे से शपथ लेनी होगीसोरेन को अगले छह महीने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करनी होगीइस कदम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं सोरेन नई दिल्ली. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद के अयोग्य घोषित करने की संभावित कार्रवाई के बीच इस बात को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी हैं कि अगर एक सीएम को विधायक के पद के अयोग्य घोषित कर दिया जाए तो क्या होगा? विपक्षी दलों के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन किया है, और उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो सोरेन का मुख्यमंत्री पद खतरे में पड़ सकता है. अगर राज्य विधानमंडल के किसी सदस्य की अयोग्यता के बारे में सवाल उठता है तो ये मामला राज्यपाल को भेजा जाएगा. जिनका फैसला अंतिम होगा. हेमंत सोरेन के मामले में राज्यपाल ने चुनाव आयोग की राय मांगी थी और खबरों के मुताबिक आयोग ने अपनी राय राज्यपाल को सौंप दी है. अगर सीएम हेमंत सोरेन को विधायक पद के अयोग्य ठहराया जाता है तो सीएम के पास पहला विकल्प इस कदम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का हो सकता है. सबसे बड़ी बात है कि अगर सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया जाता है, तो दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि उन्हें नए सिरे से शपथ लेनी होगी और मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करना होगा. जिसके बाद उन्हें अगले छह महीने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करनी होगी. क्योंकि बिना विधायक रहे भी कोई शख्स 6 माह तक मंत्री या मुख्यमंत्री के पद पर रह सकता है. Jharkhand Political Crisis: सदस्यता जाने के बाद हेमंत सोरेन के पास क्या हो सकते हैं विकल्प? 5 पॉइंट्स में समझें   सीएम हेमंत सोरेन के अगर चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है, तो मामला गंभीर रूप धारण कर सकता है. तब हेमंत सोरेन के पास पद छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. बहरहाल अभी तक किसी आपराधिक मामले में 2 साल की सजा पाने वाले लोगों के ही चुनाव लड़ने पर रोक है. कर्नाटक के विधायकों की अयोग्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक अयोग्य घोषित किए गए सदस्य को भविष्य में चुनाव लड़ने, मंत्री पद धारण करने से नहीं रोका जा सकता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: BJP, Election Commission of India, Governor, Hemant soren, झारखंडFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 10:24 IST