Exclusive: श्रीलंका के लिए वेक-अप कॉल क्यों है हंबनटोटा पर चीनी जासूसी जहाज जानिए सबकुछ

Exclusive: अधिकारियों के मुताबिक दुनिया और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के लिए एक साथ बैठकर यह तय करने का समय आ गया है कि इस तरह के चीनी कारनामों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.

Exclusive: श्रीलंका के लिए वेक-अप कॉल क्यों है हंबनटोटा पर चीनी जासूसी जहाज जानिए सबकुछ
हाइलाइट्सजासूसी जहाज चीनी PLA द्वारा संचालित एक सैन्य जहाज है. हंबनटोटा पहुंचा है मिसाइल एवं उपग्रह ट्रैकिंग पोत ‘युआन वांग 5’'चीन की पसंद का बंदरगाह कोलंबो नहीं बल्कि हंबनटोटा' नई दिल्ली. CNN-up24x7news.com ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह में डॉक किए चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-5 पर भारत की तैयार रिपोर्ट तक अपनी पहुंच बनाई है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली, बीजिंग और कोलंबो ने जहाज की आवाजाही पर बहुत काम किया और आखिरकार इसमें देरी हुई और ट्रिप छोटी हो गई. सूत्रों के अनुसार श्रीलंका ने महसूस किया कि भविष्य में उसके लिए चीजें आसान नहीं होंगी, अगर उसने इस जहाज को अपने पानी में ज्यादा दिन रहने दिया. सूत्रों के मुताबिक तैनात जहाज इलेक्ट्रॉनिक स्पेक्ट्रम में किसी भी चीज के प्रति संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि यह चीनी पीएलए सामरिक सहायता बल द्वारा संचालित एक सैन्य जहाज है. इसके साथ ही यह दोहरे उपयोग वाला पोत है और सामरिक सहायता बल, अंतरिक्ष, साइबर और अन्य युद्धों के लिए जिम्मेदार है. नए आकलन के मुताबिक चीन इस तथ्य का दुरुपयोग कर रहा है कि उसके पास अपने उपग्रहों की निगरानी के लिए पृथ्वी की सतह पर एक बड़ी जगह है और वह इसे सामान्य बनाने की कोशिश कर रहा है. अधिकारियों ने कहा ये सभी सेटेलाइट फ्रेंडली नहीं हैं, लेकिन कुछ याओगन 34-02 या याओगन 25 जैसे हैं, जिन्हें हाल ही में लॉन्ग मार्च रॉकेट द्वारा ले जाया गया है, और सभी राष्ट्रीय रक्षा प्रणाली के लिए हैं. उन्होंने कहा कि ये किसानों के लिए बारिश की भविष्यवाणी के लिए उपयोग की जाने वाली प्रणाली नहीं हैं. इसके साथ ही यह हिंद महासागर में गहराई तक जा सकता है और महत्वपूर्ण डाटा ला सकता है और इसे आसानी से युआन वांग-5 पर अपलोड कर सकता है. जो इसे सेंट्रल मिलिट्री कमांड को भेज सकता है. यह भी आशंका है कि 2008 की पुनरावृत्ति हो सकती है, जब निजता के नाम पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अदन की खाड़ी में प्रवेश किया था. जिसके बाद हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को सामान्य किया, और उसके बाद वहां से कभी पीछे नहीं हटा. श्रीलंका के लिए वेक-अप कॉल यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र में अमेरिकी पैर जमाने वाला डिएगो गार्सिया दूर नहीं है और समान रूप से अमेरिका से संबंधित है, जिसे श्रीलंकाई लोगों ने त्याग दिया है. सूत्रों ने कहा कि वर्तमान श्रीलंका सरकार का यह बहाना कमजोर प्रतीत होता है कि पिछली गोटाबाया राजपक्षे सरकार ने इस कदम को मंजूरी दी थी. सूत्रों ने आगे कहा कि अब गोटबाया चले गए हैं और जनादेश उनके खिलाफ है. इसलिए नई सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए था. अधिकारियों ने बताया कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चीन की पसंद का बंदरगाह कोलंबो नहीं बल्कि हंबनटोटा है. जो श्रीलंकाई लोगों को कर्ज में डूबाने के लिए जिम्मेदार है और अब बीजिंग द्वारा सैन्य ठहराव के लिए उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि श्रीलंकावासियों के लिए यह समझने का समय है कि चीनी धन त्वरित जरूर है, लेकिन उचित परिश्रम और लॉन्ग टर्म वेलिडिटी के बिना है. अधिकारियों के मुताबिक दुनिया और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के लिए एक साथ बैठकर यह तय करने का समय आ गया है कि इस तरह के चीनी कारनामों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: China india, SrilankaFIRST PUBLISHED : August 18, 2022, 13:59 IST