गाम्बिया में हुई थी 69 बच्चों की मौत क्या हरियाणा की ये कंपनी है जिम्मेदार

International Story: हाल ही में अफ्रीका के गाम्बिया देश में कफ सिरप पीने से 69 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि जिन चार दूषित कफ सिरप को पीने से बच्चों की मौत हो गई उन्हें हरियाणा की मैडन फार्मासिटिकल कंपनी ने बनाया था. इसके बाद हरियाणा सरकार ने पानीपत में स्थित इस फैक्ट्री में प्रोडक्शन बंद कर दिया है. इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है.

गाम्बिया में हुई थी 69 बच्चों की मौत क्या हरियाणा की ये कंपनी है जिम्मेदार
हाइलाइट्सगाम्बिया में कफ सिरप पीकर हुई थी 69 बच्चों की मौतभारत की कंपनी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उठाई अंगुली हरियाणा सरकार ने बंद किया मैडन फार्मासिटिकल का प्रोडक्शन चंडीगढ़. अफ्रीका के गाम्बिया देश में कफ सिरप पीने से 69 बच्चों की मौत हो गई थी. इन मौतों का संबंध उस सिरप से बताया जा रहा है जो भारत में बनती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि जिन चार दूषित कफ सिरप को पीने से बच्चों की मौत हो गई उन्हें हरियाणा की मैडन फार्मासिटिकल कंपनी बनाती है. इन चारों सिरप के नाम प्रोमेथाजीन ओरल सॉल्युशन, कोफेक्समलीन बेबी कफ सिरप, मेकऑफ बेबी कफ सिरप और मैग्रिप एन कोल्ड सिरप बताए जा रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, सिरप की वजह से मारे गए बच्चों को पहले आम बुखार हुआ. सिरप देने के बाद उनकी किडनी खराब हो गई और उन्होंने दम तोड़ दिया. अलग-अलग रिपोर्ट्स बताती हैं कि तबियत खराब होने के बाद किस तरह उनके माता-पिता उन्हें स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे और फिर उन्हें बच्चों को ये सिरप देने के लिए कहा गया. बताया जा रहा है कि इस सिरप को पीने के बाद बच्चों का यूरिन रुक गया. उसके बाद उनके माता-पिता फिर डॉक्टरों के पास गए तो उन्हें किडनी टेस्ट की सलाह दी गई. इस टेस्ट के बाद पता चला कि बच्चों की दोनों किडनियां खराब हो गईं. गाम्बिया में घर-घर चला जागरूकता अभियान विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस मामले की जांच की और बच्चों की मौत को सिरप से जोड़ा. उसके बाद गाम्बिया में पांच दिन का अभियान शुरू किया गया. इसके तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर गए और लोगों को ये सिरप न पीने और लौटाने की सलाह दी. बताया जा रहा है कि, मैडन फार्मा ने गाम्बिया में सर्दी, ज़ुकाम और बुखार से जुड़े सिरप की पचास हजार बोतलें एक्सपोर्ट की हैं. गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्री डॉ अहमदउ लामिन सामातेह ने इन मौतों की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि ये दवाइयां उनके देश में नहीं बनाई गई हैं. सामातेह ने कहा कि गाम्बिया में दवाई की टेस्टिंग के लिए कोई लैब नहीं है. विश्व बैंक ऐसी लैब खड़ी करने में उनकी मदद कर रहा है. हरियाणा सरकार ने रोका फैक्ट्री का प्रोडक्शन इस मसले पर भारत की ओर से कहा गया है कि इम्पोर्ट करने वाला देश आमतौर पर दवाई को बाजार में भेजने से पहले उसकी जांच करता ही है. इधर, हरियाणा औषधि नियंत्रक और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मिलकर मामले की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने जांच में पाया कि मैडन फार्मा ने दवा बनाते समय कुछ आवश्यक कदम नहीं उठाए. साथ ही, ऐसी चीजें इस्तेमाल की, जिनकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी. हरियाणा सरकार ने कंपनी की सोनीपत फैक्ट्री में उत्पादन रोक दिया है. भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से दस्तावेज भेजने के लिए कहा है जो ये स्थापित कर सके कि इन मौतों का संबंध सिरप से है. इन दस्तावेजों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: International news, National NewsFIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 16:59 IST