इस कब्र में दफन है चुगलखोर लोग जमकर बरसाते हैं चप्पल-जूते क्या है वजह
इस कब्र में दफन है चुगलखोर लोग जमकर बरसाते हैं चप्पल-जूते क्या है वजह
Chugalkhor Ki Kabar: चुगलखोर की कब्र. सुनते ही आप कहेंगे यह क्या है. तो बता दें कि यह एक जगह है तो इटावा में है. आइए जानते हैं कि लोग यहां चप्पल-जूले क्यों बरसाते हैं.
इटावा/रजत कुमार: आमतौर पर मजारों पर जाकर दुआ मांगी जाती है, लेकिन एक ऐसी मजार भी है जिसकी खिदमत जूते चप्पलों से की जाती है. दुनियाभर में अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जानी वाली इस लोकप्रिय मजार को चुगलखोर की मजार के नाम से जाना जाता है. चुगलखोर की यह अजीब मजार इटावा मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर दतावली गांव के पास बरेली ग्वालियर मार्ग पर एक खेत में बनी है.
कहां है चुगलखोर की मजार
अन्य मजारों की तरह चुगलखोर की मजार में भी बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन लोग यहां नतमस्तक होने के बजाय मजार पर पांच जूते चप्पल मारकर एक पुरानी रस्म अदा करते हैं. इसे चुगलखोर की मजार कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसमें इतिहास का सबसे बड़ा चुगलखोर दफन है. चुगलखोर के बारे में एक नहीं बल्कि तीन-तीन किवदंतियां प्रचलित है.
निकलते हुए लोग मारते हैं जूते
चुगलखोर की मजार के सुर्खियों में आने के पीछे इस पर पांच जूते या चप्पल मारे जाने का सैकड़ों साल पुरानी चल रही प्रचलित रिवाज को माना जा रहा है. इटावा में एक चुगलखोर की मजार है, जिस पर सजा के तौर पर जो व्यक्ति उस तरफ से गुजरता है. वो उस पर जूते मारता है. जिसे प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है.
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कौन है इस अनोखी कब्र में दफन?
दतावली गांव निवासी प्रीतम सिंह बताते हैं, ‘इस मजार को चुगलखोर की मजार के नाम से जाना और पहचाना जाता है. यहां पर प्रतिदिन कई लोग आते हैं जो इस मजार पर जूते और चप्पल मारकर चले जाते हैं. स्कूली बच्चे भी यहां पर आते रहते हैं. इटावा के आखिरी राजा सुमेर सिंह के वक्त की यह मजार बताई जाती है. लेकिन इस मजार में कौन बंद है, यह नहीं पता. लेकिन इस मजार को चुगलखोर की मजार के नाम से जाना जाता है. लोग ऐसा कहते हैं कि अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लोग इस मजार पर जूते और चप्पल मारने के लिए आते हैं. जूते और चप्पल मारने की प्रथा किसने और क्यों शुरू की है यह किसी को भी नहीं पता है.’
कुछ लोग कहते हैं राजा ने दी सजा
इटावा और अटेर के राजा के बीच युद्ध कराने के कारण राजा को अपने एक सेवक पर शक हुआ और राजा ने उसे जूते और चप्पलों से पिटवाया. उसकी मौत हो गयी. बाद में इसकी याद में राजा ने एक मजार का निर्माण कराया. जिसे आज चुगलखोर की मजार के नाम से पुकारा जाता है.
Tags: Ajab Gajab, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 12:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed