सरकारी स्कूल के बच्चे अब बनेंगे हुनरमंद यूपी सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम
सरकारी स्कूल के बच्चे अब बनेंगे हुनरमंद यूपी सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम
बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक मनोज धाकरे ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्र-छात्राओं को तकनीकी शिक्षा से मजबूत किया जा रहा है. इसके लिए लर्निंग बाय डूइंग कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसमें शिक्षक खेतीबाड़ी, बागवानी, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, टेलरिंग से लेकर खाना बनाने के भी गुर भी सिखाएंगे.
इटावा. चीन की तर्ज पर अब परिषदीय छात्र भी शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर बनने के गुर सीखेंगे. सरकार की ओर से विद्यालयों को स्किल हब के रूप में विकसित करने के लिए लर्निंग बाय डूइंग कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसमें शिक्षक खेतीबाड़ी, बागवानी, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, टेलरिंग से लेकर खाना बनाने के भी गुर भी सिखाएंगे, ताकि ये हुनर छात्रों के लिए भविष्य में उपयोगी साबित हो सके. लर्निंग बाय डूइंग कार्यक्रम कक्षा छह से आठ तक के छात्रों के लिए शुरू किया गया है.
ब्लॉक स्तर पर दाे स्कूलों का होगा चयन
इस प्रशिक्षण के प्रथम चरण में हर ब्लाक से 100 की छात्र संख्या वाले दो-दो स्कूल चयनित किए जाएंगे. वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय राजा के बाग में स्मार्ट क्लासेस भी साथ में शुरू हो गई है. यहां बच्चों को डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है. स्कूल की प्रधानाचार्य वसीफा तब्बसुम ने बताया कि इससे बच्चों के करियर बनाने में मदद मिलेगी और नई शिक्षा नीति के तहत यह अच्छा कदम है. छात्र-छात्राएं आत्मनिर्भर बन सकेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक मनोज धाकरे ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्र-छात्राओं को तकनीकी शिक्षा से मजबूत किया जा रहा है. स्कूलों में प्रयोगशाला की स्थापना के लिए चार ट्रेड्स के कुल 155 प्रकार के विभिन्न टूल्स और लैब सेटअप मैटेरियल राज्य स्तर से चयनित फर्म केंद्रीय भंडार द्वारा आपूर्ति की जाएगी.
बच्चों को नवाचार से जोड़ने का होगा काम
बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक मनोज धाकरे ने बताया कि कौन सा टूल्स क्या काम करता है और इसकी क्या उपयोगिता है, बच्चों को समझाने के लिए प्रयोग करके बताया जाएगा. इसमें डिजिटल मल्टीमेटर, अल्ट्रासोनिक सेंसर, आइआर सेंसर, साउंड सेंसर, डिजिटल वेटिंग मशीन, कुल्हाड़ी, हसिया, खुरपी, कैंची, गैंती, टप, चाकू, लाइटर, मिक्सर, गैस चूल्हा, उसका रबड़, सिलेंडर मग, लंबाई मापने वाला फीता, सिलाई कढ़ाई के टूल्स, आरी, प्लास सहित अन्य टूल्स शामिल होंगे. इस प्रकार परिषदीय स्कूलों के बच्चों को सामाजिक परिवेश से जोड़ने, कृषि और स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराकर उनको नवाचारों से जोड़ने का काम होगा.
Tags: Education news, Etawah news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 15:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed