डाला को बचाने के लिए अब कनाडा ने चली नई चाल अब खुद को कैसे कहेगा गैंगस्टर

Canada News: विदेशी जांच की जानकारी रखने वाले एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि कनाडा में डोमेस्टिक वायलेंस के तहत फाइल नंबर K आता है. दस्तावेज में यह भी बताया गया है कि जिस समय मुकदमा दर्ज किया गया उसे समय अर्शदीप कस्टडी में था.

डाला को बचाने के लिए अब कनाडा ने चली नई चाल अब खुद को कैसे कहेगा गैंगस्टर
नई दिल्ली. कनाडा में रह रहे कुख्यात गैंगस्टर अर्शदीप सिंह गिल डाला उर्फ अर्श डाला के खिलाफ कनाडा प्रशासन में डोमेस्टिक वायलेंस यानी घरेलू हिंसा के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मकसद डाला को कानूनी अड़चनों में फंसाकर भारत ना भेजना है. डाला को इसके पहले गोलीबारी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसे अब इस मामले में भी जमानत करानी पड़ेगी. कनाडा के दस्तावेजों के मुताबिक, अर्शदीप गिल जो साल 1996 में पैदा हुआ है. उसके खिलाफ फाइल संख्या k1 के तहत मुकदमा नंबर 97773 दर्ज किया गया है. विदेशी जांच की जानकारी रखने वाले एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि कनाडा में डोमेस्टिक वायलेंस के तहत फाइल नंबर K आता है. दस्तावेज में यह भी बताया गया है कि जिस समय मुकदमा दर्ज किया गया उसे समय अर्शदीप कस्टडी में था. ध्यान रहे कि अर्शदीप की इसी सप्ताह गोलीबारी के एक मुकदमे में जमानत हुई थी. कनाडा कोर्ट ने उसे $30000 की जमानत के बदले रिहा करने की आदेश दिए थे. उसे आपराधिक मकदमे में कनाडा पुलिस को जल्द आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है. क्या डाला पर किया गया नया केस दर्ज? अर्शदीप की गिरफ्तारी के फौरन बाद भारतीय प्रशासन ने कनाडा प्रशासन से एक बार फिर संपर्क किया था. उसे अर्शदीप की आपराधिक कुंडली के बारे में एक बार फिर जानकारी देते हुए बताया था कि क्योंकि उसका अपराधी कनाडा में गिरफ्तार हो गया है, लिहाजा उसे तत्काल भारत भेज दिया जाए. कनाडा प्रशासन को यह लगा कि अर्शदीप को भारत भेजने से उसकी पोल खुल जाएगी. ऐसे में जरूरी है कि उसे कुछ और मुकदमों में उलझा दिया जाए. जिससे उसका भारत जाना कानूनी अड़चनों में फंस जाए. यही कारण है कि उसके खिलाफ डोमेस्टिक वायलेंस के तहत एक और मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. कनाडा प्रशासन अब आसानी से यह कह सकता है कि जब तक उसके यहां चल रहे मुकदमों की बाबत फैसला नहीं हो जाएगा तब तक अर्शदीप को भारत नहीं भेजा जा सकता. कैसे खुली थी टुडो की पोल? कनाडा का टुडो प्रशासन अभी भी खुलेआम खालिस्तानी आतंकवादियों का साथ दे रहा है. पिछले दिनों कनाडा में गलती से गिरफ्तार हुए आतंकवादी अर्शदीप की गिरफ्तारी ने कनाडा की यह पोल खोल दी थी कि उसके यहां भारतीय अपराधी मौजूद नहीं है. कनाडा इन अपराधियों के जरिए अमेरिका तथा आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर ड्रग्स का धंधा चलवाता है. कनाडा से लगी अमेरिका की सीमाएं ओपन है लिहाजा ड्रग्स लाने ले जाने में इन अपराधियों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप इस समस्या को लेकर कनाडा का ध्यान आकर्षित भी करा चुके हैं. Tags: Canada NewsFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 16:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed