तबाही से पहले खतरे का SMS भारतीय सेना इजाद कर ली एसी तकनीक

Army innovation : पहाडों की नदियों अचानक आई बाढ से अब जान माल का नुक्सान कम किया जा सकेगा. भारतीय सेना ने एक एसा एडवांसड फल्ड वार्निग सिस्टम बनाया है जो कि नदी में जल स्तर बढते ही मैसेज के जरिए उसकी सूचना मोबाइल पर भेज देगा.

तबाही से पहले खतरे का SMS भारतीय सेना इजाद कर ली एसी तकनीक
Indian army: प्राकृतिक आपदा को रोक पाना तो किसी के बस में नहीं. लेकिन अपदा से पहले उसका पता चल जाए तो जान माल का नुकसान को जरूर कम किया जा सकता है. और ऐसी ही तकनीक भारतीय सेना ने तैयार कर ली है. जिससे आपदा के आने से पहले उसे पहचान करना संभव हो जाएगा है.  पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और ग्लेशियर झील फटने जैसी घटनाएं आम हैं, और इसकी वजह से नदी में आने वाला सैलाब निचले इलाकों में तबाही मचा देता है. लेकिन अब तबाही से पहले ही आ जाएगी एक SMS. जो कि खतरे का अलर्ट दे देगा. सेना के कोर ऑफ इंजीनियर रेजिमेंट ने एक ऐसा एडवांसड फ्लड मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है. जो कि नदी में बढ़ते पानी का स्तर को मॉनिटर कर के तुरंत SMS भेज कर अलर्ट कर देगा. इससे मौक़ा मिल जाएगा नदी के किनारे बसे लोगों को अपने जान माल के नुकसान को कम करने का. एडवांस फ्लड वॉरनिंग सिस्टम एसे तो कई तरह के फ्लड मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल लंबे समय से किया जाता है. जो कि नदी में जलस्तर को मॉनिटर करता है. लेकिन सेना ने जो सिस्टम बनाया है, वो उस सैलाब को मॉनिटर करने और वार्निग देने के लिए है. जो कि पहाड़ी इलाकों में आते हैं. 2023 में सिक्किम तिस्ता नदी जहां से निकलती हैं, उसका ग्लेशियर लेक फट गया और पानी तेजी से तीस्ता में बहने लगा. पानी लंबा रास्ता तय करते हुए निचले इलाकों में पहुचा. किसी को इसकी भनक तक नही और तबाही मचा गई. सेना को भी काफी नुकसान हुआ. कोर ऑफ इंजीनियर्स के लें कर्नल विनायक रावूल और हवलदार सुरेश पीके नें उसी खतरे से सीख लेते हुए, नदी में अचानक और असमान्य तरीके से बढने वाले पानी के लेवल को मॉनिटर करने लिए, सोलर से ऑपरेट करने वाला एडवांस फ्लड वॉरनिंग सिस्टम को डेवलप कर दिया. SMS के जरिए आएगी चेतावनी ये सिस्टम सोनार सिद्धांत पर काम करेगा और नदी में बढ़ते पानी के लेवल को मॉनिटर करेगा. ये डिवाइस LIDAR सेंसर यानी की लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग, या लेजर इमेजिन, डिटेक्शन एंड रेजिंग भी कहा जाता है, उससे लैस है. इस तकनीक में किसी भी ऑब्जेक्ट या सतह पर लेजर बीम मारी जाती है. और सतह पर पड़ने के बाद जितने समय में वो लेजर बीम वापस रिसीवर में लौटती है. उससे टाईम या रहे रेंज का पता चल जाता है. तो अगर असमान्य तरीके से पानी का लेवल बढ़ा, तो ये उसे नोटिस कर लेगा. ये डिवाइस GSM मॉड्यूल से कनेक्ट किया गया है. जिससे तुरंत नदी में हो रहे बदलाव की जानकारी मोबाइल फोन पर भेज देगा. ये सोलर पावर से ऑपरेट होगा. ये दिन रात चौबीसों घंटे वॉटर लेवल को मॉनिटर कर सकता है.  अमूमन इन डिवाइस को नदी पर बने पुल के नीचे लगाया जाएगा, जहा से जल स्तर को मानिटर करना थोडा आसान होगा है. जल्द ही भारतीय सेना इसका इस्तेमाल करने वाली है.  पहाडी इलाकों में सेना के जितने भी कैंप या लाजेस्टिक सेंटर है वो अधिकतर नदियों के किनारे ही है. और इस नए एडवांस फ्लड वॉरनिंग सिस्टम से पहले ही किसी भी फ्लैश फ्लड का पता चल जाएगा. और जिससे आपदा से होने वाले जान माल के नुकसान को कम किया जा सकेगा. Tags: Indian army, Indian Army latest news, Indian Army PrideFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 16:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed