बोगो सिंह के बेटे के साथ उस रात होटल में क्या हुआबेगूसराय पुलिस क्या बता रही

Begusarai News: बेगूसराय में उस वक्त हड़कंप मच गया था जब मटिहानी के पूर्व विधायक नरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ बोगो सिंह के बेटे सुमन सौरभ के अपहरण की खबर सामने आई थी. 13 सितंबर की घटना की धमक आज तक सुनाई दे रही है. आइये जानते हैं अब तक इस मामले में बेगूसराय पुलिस ने अब तक क्या किया है और उस रात की पूरी कहानी क्या है?

बोगो सिंह के बेटे के साथ उस रात होटल में क्या हुआबेगूसराय पुलिस क्या बता रही
हाइलाइट्स पूर्व विधायक नरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ बोगो सिंह के बेटे सुमन सौरभ के अपहरण के खबर से मची थी अफर-तफरी. बोगो सिंह के बेटे सुमन सौरभ को किया गया था डिजिटल अरेस्ट, बेगूसराय पुलिस ने अज्ञात नंबर पर किया केस. बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय में डिजिटल अरेस्टिंग और उसके बाद भयादोहन के मामले में फंसे पूर्व विधायक बोगो सिंह के बेटे के मामले में बेगुसराय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. बेगूसराय सदर के डीएसपी 2 ने बताया है कि एफआईआर अज्ञात नंबर पर दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है. वहीं बेगूसराय एसपी मनीष ने बताया है कि यह डिजिटल अरेस्टिंग के इस केस में जल्द ही एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि बीते 13 सितंबर की रात को बेगूसराय में उस वक्त अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया था जब मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ बोगो सिंह के पुत्र सुमन सौरभ के अपहरण की बातें सामने आई थी. इसके बाद जांच आगे बढ़ी तो विधायक पुत्र के डिजिटल अरेस्टिंग की बात सामने आई थी. बता दें कि 13 सितंबर की रात सूचना मिलते ही बेगूसराय की पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई और मोबाइल लोकेशन के आधार पर सुमन सौरभ को ट्रैक करने का प्रयास किया जाने लगा. इस बीच पूरे इलाके में सनसनी फैल गई एवं लोग तमाम तरह की बात करने लगे थे. बाद में सुमन सौरव को बेगूसराय के एक होटल से सकुशल बरामद किया गया. उस वक्त इस संबंध में जानकारी देते हुए डीएसपी सदर 2 भास्कर रंजन ने बताया कि सुमन सौरभ साइबर फ्रॉड के शिकार हुए थे और जालसाजों ने उनकी साइबर अरेस्टिंग की थी और उन्हें एक होटल में बैठाकर भयादोहन किया जा रहा था. होटल में क्या हुआ था, पूरी कहानी सदर डीएसपी ने बताया था एक मोबाइल नंबर से सुमन सौरभ के नंबर पर कॉल आया और उन्हें बताया गया कि उनके द्वारा कुरियर के माध्यम से नशीली वस्तुओं का आदान-प्रदान किया गया है और उक्त मामले में उनकी संलिप्तता पाई गई है. मोबाइल से ही वीडियो कॉल कर वर्दी का धौंस दिखाते हुए उन्हें डराया धमकाया गया तथा एकांत में बैठने को कहा गया. इसी बीच सुमन सौरव के परिजनों को जब इस बात की भनक लगी तब उन्होंने तत्काल बेगूसराय के एसपी मनीष से संपर्क स्थापित किया और सुमन सौरव के गायब होने की बात बताई. बेगूसराय पुलिस का क्विक एक्शन जानकारी मिलते ही पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू कर दिया और मोबाइल लोकेशन के आधार पर तकरीबन 5 घंटे के अंदर पूर्व विधायक के पुत्र सुमन सौरभ को बरामद कर लिया गया. सुमन सौरभ की बरामदगी के बाद परिजनों ने चैन की सांस ली. फिलहाल इस मामले में घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है. क्या होता है डिजिटल अरेस्ट? साइबर अपराधी आजकल सीधे-साधे लोगों को डिजिटल अरेस्टिंग दिखाकर भयादोहन करते हैं और रकम की उगाही करते हैं. इसके तहत किसी शख्स को ऑनलाइन माध्यम से डराया जाता है कि वह सरकारी एजेंसी के माध्यम से अरेस्ट हो गया है, उसे पेनल्टी या जुर्माना देना होगा. दरअसल, डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा शब्द है जो कानून में नहीं है, लेकिन अपराधियों के इस तरह के बढ़ते अपराध की वजह से इसका नामककरण हुआ है. आजकल यह पुलिस के लिये बड़ी टेशन का सबब है. Tags: Begusarai Crime News, Begusarai news, Bihar NewsFIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 11:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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