बंपर दूध देती हैं इस नस्ल की भैंस इनको पालकर हो जाएगी पैसों की बरसात!

भैंस की डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने से आपको बहुत लाभ प्राप्त होते हैं. भैंस पालन व्यवसाय पूरे सालभर चलने वाला व्यावसाय है. भैंस पालन व्यवसाय का पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है. भैंस पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए ज्यादा लोगों की आवश्यकता भी नहीं होती है.

बंपर दूध देती हैं इस नस्ल की भैंस इनको पालकर हो जाएगी पैसों की बरसात!
लखीमपुर खीरी: भैंस पालन कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद में तैनात एक्सपर्ट डॉ नागेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि भैंस पालन करते समय भैंस की प्रजाति का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ताकि आपको अच्छा मुनाफा हो सके. अपना स्वयं का व्यवसाय शुरु करने के लिए भैंस पालन का व्यवसाय अच्छा है. लगभग सभी घरों में दूध व दूध से बने पदार्थों का सेवन किया जाता है. इस व्यवसाय को शुरु करने के लिए कुछ भैंसों की आवश्यकता होती है. इन भैंसों के दूध को बेच कर पैसे कमा सकते हैं और साथ ही गोबर से बनी खाद को किसान अपने खेतो में इस्तमाल कर सकते हैं. साथ ही इस खाद को बेच कर भी मुनाफा कमा सकते हैं. की भैंसो नस्ल के हिसाब से कीमत अलग अलग होती है. आप अपने बजट के अनुसार भैंस ले सकते हैं. एक्सपर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस की प्रजति मुर्रा होती है. इस प्रजाति की भैंस को पालकर आप दूध बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा भैंस की गोदावरी, तराई, भदावरी नस्ल को पालकर भी आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस सबसे खास बात यह है कि जिनके पास ये भैंस होती है, उन्हें कमाई में कोई दिक्कत नहीं होती है. मुर्रा भैंस सबसे अधिक दूध उत्पादन वाली भैंस की नस्ल है. इस प्रजाति की भैंस देसी और अन्य प्रजाति की भैंसों से दोगुना दूध देती है. यह हर रोज 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे देती है, इनमें भी कई भैंस तो 30-35 लीटर तक भी दूध दे देती है. इसके दूध में फैट की मात्रा 7 प्रतिशत से ज्यादा होती है. इस वजह से पशुपालन से जुड़े लोग इसे खरीदना चाहते हैं. भैंस पालन के लाभ भैंस की डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने से आपको बहुत लाभ प्राप्त होते हैं. भैंस पालन व्यवसाय पूरे सालभर चलने वाला व्यावसाय है. भैंस पालन व्यवसाय का पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है. भैंस पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए ज्यादा लोगों की आवश्यकता भी नहीं होती है. भैंस के गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में किया जाता है. वहीं भैंस के गोबर का उपयोग बायोगैस बनाने में किया जा सकता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 14:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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