MBA UGC NET कर चुके हैं पास 55 की उम्र में IIT से किया PhD
MBA UGC NET कर चुके हैं पास 55 की उम्र में IIT से किया PhD
सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. उम्र महज एक नंबर हो सकता है. इस वाक्य को सिद्ध केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम करने वाले एक सीनियर सुपरिटेंडेंट ने कर दिखाया है.
Success Story: कहते हैं न कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. इंसान आखिरी सांस तक कुछ न कुछ सीखता ही है. बस उनके अंदर सीखने की ललक होनी चाहिए. इसके लिए उम्र सीमा महज एक नंबर है. इसे सही साबित केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम करने वाले एक सीनियर सुपरिटेंडेंट ने कर दिया है. उन्होंने रेगुलर नौकरी (Sarkari Naukri) करते हुए रिसर्च वर्क को जारी रखा और वह 55 साल की उम्र में एनर्जी जस्टिस एंड टैरिफ स्ट्रक्चर फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पर आईआईटी से PhD पूरी की. इनका नाम सी जयपालन है.
जयपालन का रिसर्च “पावर एनवायरन” की कॉन्सेप्ट को भी दर्शाता है. उनका यह काम वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय पत्रिका एनर्जी पॉलिसी में प्रकाशित हुआ, जिससे उनकी शोध क्षमता को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली.
MBA, UGC NET कर चुके हैं पास
अपनी चुनौतीपूर्ण नौकरी के बावजूद जयपालन ने शिक्षा के प्रति अपने समर्पण को बनाए रखा. इग्नू से एमबीए पूरा करने और यूजीसी-नेट उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने वर्ष 2016 में आईआईटी मद्रास में पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन लिया. उन्होंने छह महीने की अनिवार्य पाठ्यक्रम की छुट्टी को छोड़कर, नौकरी के साथ-साथ रिसर्च को जारी रखा और तीन वर्षों के भीतर अपनी थीसिस जमा कर दी.
ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए टैरिफ मॉडल
जयपालन ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए एक अभिनव टैरिफ मॉडल विकसित किया है. यह मॉडल अक्षय ऊर्जा की उपलब्धता और समय-आधारित बिजली शुल्कों को ध्यान में रखता है. उनका यह अध्ययन प्रतिष्ठित द इलेक्ट्रिसिटी जर्नल में प्रकाशित हुआ. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सरकार ने अब तक ईवी टैरिफ स्ट्रक्चर के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार नहीं किए हैं.
उम्र नहीं है कोई बाधा
जयपालन का मानना है कि उम्र केवल एक संख्या है. वह बताते हैं कि पश्चिमी देशों में लोग जीवन के बाद के वर्षों में शिक्षा जगत में प्रवेश करते हैं. वहां उम्र की परवाह नहीं की जाती. योगदान मायने रखता है. मॉडर्न मेडिकल साइंस भी सेवानिवृत्ति की आयु को केवल एक संख्या के रूप में देखता है. जयपालन की पत्नी सी एस बीना जनगणना निदेशालय में कार्यरत हैं, और उनका बेटा निरंजन बीटेक की डिग्री हासिल कर रहा है. परिवार के सहयोग ने उनके शैक्षणिक और प्रोफेशनल लाइफ को बढ़ावा दिया है.
सी जयपालन के लाइफ यह संदेश देता है कि लगन और समर्पण से किसी भी उम्र में असाधारण उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. उनका रिसर्च और मेहनत न केवल उनके प्रोफेशनल क्षेत्र में बल्कि एकेडमिक दुनिया में भी प्रेरणा का स्रोत हैं.
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Tags: Education news, Electricity Department, Iit, IIT Madras, UgcFIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 14:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed