MIT में भारतीय स्‍टूडेंट ने ऐसा क्‍या किया जिस पर मच गया बवाल!

University News, America News: देश दुनिया की चुनिंदा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कराना सबका सपना होता है, लेकिन कई बार इन यूनिवर्सिटी में पहुंचने के बाद स्‍टूडेंट ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे उनका करियर दांव पर लग जाता है कुछ ऐसा ही हुआ अमेरिका के कैम्ब्रिज स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) यूनिवर्सिटी में.

MIT में भारतीय स्‍टूडेंट ने ऐसा क्‍या किया जिस पर मच गया बवाल!
University News, America News: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को दुनिया के टॉप संस्‍थानों में से एक माना जाता है. इस यूनिवर्सिटी में हर साल भारतीय मूल के स्‍टूडेंटस भी पढ़ने जाते हैं. यहां पढ़ने गए भारतीय मूल के एक स्‍टूडेंट ने एक ऐसा निबंध लिख दिया, जिससे यूनिवर्सिटी के आला अफसर नाराज हो गए और उन्‍होंने इस स्‍टूडेंट पर बैन लगा दिया. किस स्‍टूडेंट जिस पर लगा बैन जिस स्‍टूडेंट पर यह कार्रवाई हुई उसका नाम प्रह्लाद अयंगर है, जो भारतीय मूल का स्‍टूडेंट है. प्रह्लाद अयंगर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(MIT)यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान विभाग से पीएचडी कर रहे हैं. प्रह्लाद पर फिलिस्तीन के समर्थन में निबंध लिखने का आरोप है. उन्‍होंने यह लेख कॉलेज की मैगजीन में लिखा था, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने उन पर बैन लगा दिया है. एमआईटी ने सख्‍त कार्रवाई करते हुए प्रह्लाद के कॉलेज कैंपस में एंट्री पर रोक लगा दी है. यूनिवर्सिटी ने इस लेख को वायलेंस से जुड़ा मामला बताया है. स्‍टूडेंट ने दी अपनी सफाई प्रह्लाद अयंगर ने ‘ऑन पैसिफिज्म’शीर्षक से यह लेख लिखा है. इस लेख में कहा गया है कि ‘शांतिवादी रणनीति’ शायद फिलिस्तीन के लिए अच्छा उपाय नहीं है. प्रह्लाद का कहना है कि उनके लेख में सीधे तौर पर किसी हिंसक प्रतिरोध की बात नही कही गई है. अयंगर का कहना है कि उन पर आतंकवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. इस निबंध में दी गई, जिन तस्‍वीरों पर विवाद मचा है. वह उन्होंने नहीं दी थीं. दरअसल, इस लेख में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन का लोगो दिखाया गया, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग ने एक आतंकवादी संगठन माना है. इधर कॉलेज का कहना है कि लेख में जिस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल किया गया है, वह हिंसक माना जा सकता है. Tags: Afghan Students, America News, Foreign UniversitiesFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 18:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed