पिछले 10 सालों में बदल गया स्कूल एजुकेशन का पूरा सिस्टम आंकड़ों पर डालें नजर

School Education: भारतीय एजुकेशन सिस्टम में कई तरह के बदलाव हुए हैं. पिछले 10 सालों में विभिन्न कारणों से एजुकेशन का पूरा सिस्टम ही बदल गया. यहां तक कि वर्क फ्रॉम होम की तरह स्टडी फ्रॉम होम यानी ऑनलाइन एजुकेशन का कॉन्सेप्ट भी सामने आ गया. शिक्षा मंत्रालय ने 10 सालों में हुए बदलावों के कुछ आंकड़े पेश किए हैं.

पिछले 10 सालों में बदल गया स्कूल एजुकेशन का पूरा सिस्टम आंकड़ों पर डालें नजर
नई दिल्ली (School Education, Dharmendra Pradhan). शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव हो चुके हैं और कुछ पर काम जारी है. जहां एक तरफ नीट परीक्षा पैटर्न बदलने की तैयारी चल रही है, वहीं स्कूल एजुकेशन लेवल पर भी कई बड़े बदलाव लगातार हो रहे हैं. बीते 10 सालों में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े अपडेट्स सामने आए हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले 10 सालों में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम की रिपोर्ट पेश की है. स्कूल एजुकेशन के लिहाज से पिछले कुछ साल काफी महत्वपूर्ण रहे हैं. 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने से स्कूलों का पूरा सिस्टम ही बदल गया था. उन दिनों सभी घर में रहकर ऑनलाइन मोड में स्कूल सिलेबस पूरा कर रहे थे. इससे पहले कभी जरूरत पड़ने पर भी इस बारे में कुछ सोचा नहीं गया था. इसके अलावा, बीते 10 सालों में ज्यादातर स्कूलों में नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020, National Education Policy) को लागू करने की योजना भी बनाई गई. 10 सालों में क्या बदलाव हुए? केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि 2004 से 2014 तक स्कूली शिक्षा में कोई खास बदलाव नहीं हुआ था. लेकिन 2014 से 2024 के बीच कई बदलाव हुए हैं और आगे की भी योजना बनाई जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, इन बदलावों से भारतीय स्कूली शिक्षा में एक क्वांटम जम्प हुआ है. (नीचे लिखे आंकड़े सरकारी स्कूलों के हैं). यह भी पढ़ें- बड़ी खबर! भर्ती परीक्षा नहीं करवा पाएगा NTA, छीनी गई जिम्मेदारी बिजली का कनेक्शन: शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2004-2014 तक 53% स्कूलों में बिजली का कनेक्शन था, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 93% हो गई है. कंप्यूटर: इन दिनों कंप्यूटर की नॉलेज के बिना कुछ भी संभव नहीं है. मौजूदा दौर में 57.2% स्कूलों में कंप्यूटर सिस्टम हैं. पहले की तुलना में यह आंकड़ा ज्यादा है. इंटरनेट कनेक्टिविटी: 2013-2014 में स्कूलों में इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ 7.3% था, जो अब बढ़कर 57% हो गया है. जल्द ही सभी स्कूलों में इंटरनेट केबल कनेक्शन उपलब्ध करवा दिया जाएगा. हैंडवॉश की सुविधाएं: 2013 में सिर्फ 43.1% स्कूलों में हैंडवॉश की व्यवस्था थी, जबकि अब यह 95% तक हो चुकी है. पुस्तकालय: पहले सिर्फ 75% स्कूलों में पुस्तकालय यानी लाइब्रेरी की सुविधा थी, लेकिन अब 89% स्कूलों में पुस्तकालय की सुविधा है. रैंप: दिव्यांग स्टूडेंट्स को शिक्षा हासिल करने में परेशानी से बचाने के लिए स्कूलों में रैंप की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. यह भी पढ़ें- इन कोर्स में न लें एडमिशन, 10 सालों में खत्म होंगी नौकरियां, भटकते रह जाएंगे Tags: Dharmendra Pradhan, Education news, NEP 2020, School educationFIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 15:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed