रक्षाबंधन पर भाइयों के हाथ में सजेगी नेचर-फ्रेंडली राखी पहाड़ की बहनों का हुनर देख कह उठेंगे वाह!
रक्षाबंधन पर भाइयों के हाथ में सजेगी नेचर-फ्रेंडली राखी पहाड़ की बहनों का हुनर देख कह उठेंगे वाह!
बहन-भाई के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व करीब है. देशभर में बहनें अपने भाइयों के लिए राखियां पसंद कर रही हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के माध्यम से पहाड़ की महिलाएं चीड़ के पत्तों पिरुल की राखियां बना रही हैं.
हाइलाइट्सजीबी पंत हिमालयी संस्थान में चीड़ के पत्तों की राखी बना रहीं महिलाएंइन राखियों पर उत्तराखंड की संस्कृति की झलक मिलेगी
अल्मोड़ा. रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन का अटूट प्रेम का संदेश देता है. रक्षा का धागा भेजकर बहन भाई की रक्षा की कामना करती है. यही धागा राखी के रूप में भाइयों की कलाइयों पर सजता है. जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान से महिलाएं खुद अपने हाथों से राखी बनाकर अपने भाइयों को भेज रही हैं. इसके साथ ही वे ऐपण सहित अन्य सामान भी बनाकर बाजार के लिए उपलब्ध करा रही हैं.
जीबी पंत पर्यावरण हिमालय संस्थान की वैज्ञानिक हर्षिता पंत का कहना है कि हवालबाग ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों की महिलाओं को राखी, ऐपण सहित अन्य आजीविका संवर्धन से जोड़ा जा रहा है. इन दिनों महिलाएं राखी बनाकर बाजार में बेच रही हैं. इससे उनके हुनर को और निखार आ रहा है.
अपने हाथों से बनाई राखी की खुशी
हवालबाग के कूज्याड़ी गांव कि महिलायें और लड़कियां अब चीड़ के पत्तों पिरुल की राखी बनाकर बेहद खुश हैं. इस बार उन्होंने अपने भाइयों के लिए बाजार से राखियां नहीं खरीदी, बल्कि अपने हाथों से बनी राखी को ही भेज रही हैं. स्थानीय निवासी मनीषा रावत का कहना है कि वह हर साल बाजार से महंगी राखियां खरिदकर अपने भाइयों के लिए भेजती थी लेकिन इस बार खुद अपने हाथों से चीड़ के पत्तों सहित अन्य सामान की राखी बनाई है.
प्रशिक्षण से आसान हुई रोजगार की राह
जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है. पहाड़ की हुनर की कमी नहीं है बल्कि उन्हें दिशा देने के आवश्यकता है. वैसे भी पहाड़ की महिलाएं काफी मेहनती होती हैं. त्योहारी सीजन में वे अपने घर का काम करने के बाद राखी बनाकर पैसे कमा रही है. संस्थान ने राखी, ऐपण सहित अन्य आजीविका बढ़ाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिलवाया है, जिससे पहाड़ की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Rakshabandhan festival, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 14:02 IST