मुर्गियों को रोज खिलाएं 30 ग्राम ये फर्न मांस-अंडा उत्पादन में होगी वृद्धि
मुर्गियों को रोज खिलाएं 30 ग्राम ये फर्न मांस-अंडा उत्पादन में होगी वृद्धि
अजोला एक जलीय फर्न है जो पानी की सतह पर आसानी से उग जाता है यह मुख्य रूप से तालाबों झीलों और धीमी गति से बहने वाले जलाशयों में पाई जाती है. इसे जल वनस्पति के रूप में भी जाना जाता है इसे पशुओं का ड्राई फ्रूट भी कहा जाता है.
रायबरेली. बदलते समय के साथ ही बाजार में अंडे एवं चिकन की बढ़ती मांग से मुर्गी पालन का काम लोगों का प्रमुख कारोबार बनता जा रहा है. इस काम में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. इसीलिए ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र के लोग मुर्गी पालन की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी मुर्गी पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको कुछ बातों का खास खयाल रखना होगा. मुर्गी पालन का बिजनेस दो बातों पर निर्भर करता है. एक मुर्गियों से मांस उत्पादन की क्षमता और दूसरा मुर्गियों के अंडे देने की क्षमता. ऐसे में आप मुर्गियों के खानपान में बदलाव की मदद से आप मुर्गियों से ज्यादा अंडे और मांस ले सकते हैं. ये चारा वजन बढ़ाने में भी मददगार हैं.
रायबरेली जिले के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी ) बताते हैं कि अजोला एक जलीय फर्न है जो पानी की सतह पर आसानी से उग जाता है. यह मुख्य रूप से तालाब, झील और धीमी गति से बहने वाले जलाशयों में पाई जाती है. इसे जल वनस्पति के रूप में भी जाना जाता है इसे पशुओं का ड्राई फ्रूट भी कहा जाता है. मुर्गियों के आहार के रूप में अजोला का उपयोग करने से मुर्गियों का वजन और अंडा दोनों के उत्पादन में बढ़त होती है. मुर्गियों को प्रतिदिन 20 -30 ग्राम अजोला खिलाने से उनके शरीर का वजन और अंडा उत्पादन क्षमता 10-15 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. मुर्गियों के लिए यह बेहद फायदेमंद चारा साबित हो रहा है. क्योंकि बाजार में मांस और अंडे की मांग ज्यादा है
मुर्गियों को अजोला खिलाने के लाभ
उच्च प्रोटीन स्रोत: अजोला में लगभग 20-30% प्रोटीन होता है, जो मुर्गियों की प्रोटीन आवश्यकता को पूरा करने में मदद करता है. यह उनके विकास, अंडे उत्पादन और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.
पोषक तत्वों से भरपूर: अजोला में आवश्यक अमीनो एसिड, विटामिन (जैसे विटामिन A, B12), और खनिज (जैसे कैल्शियम, फास्फोरस) पाए जाते हैं, जो मुर्गियों के लिए आवश्यक होते हैं.यह उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.
आहार की लागत में कमी: अजोला का उपयोग मुर्गियों के मुख्य आहार के साथ मिश्रण कर के किया जा सकता है, जिससे आहार की कुल लागत कम हो जाती है.यह छोटे और मध्यम स्तर के मुर्गी पालकों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है.
प्राकृतिक और जैविक आहार: अजोला एक प्राकृतिक वनस्पति है, जो बिना किसी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक के उगाई जा सकती है. इसका उपयोग मुर्गियों के लिए एक जैविक और प्राकृतिक आहार के रूप में किया जा सकता है.
अंडे और मांस की गुणवत्ता में सुधार: अजोला के नियमित सेवन से अंडे का उत्पादन बढ़ता है. अंडे तथा मांस की गुणवत्ता में सुधार होता है.
पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: अजोला में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो मुर्गियों के पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है.जिससे उनका पाचन बेहतर रहता है.
Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 14:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed