एक फैसला और बदल गई 10वीं फेल संदीप की जिंदगी आज करते हैं लाखों में कमाई
एक फैसला और बदल गई 10वीं फेल संदीप की जिंदगी आज करते हैं लाखों में कमाई
Pig Farming: रायबरेली जिले के शिवगढ़ कस्बे के रहने वाले संदीप कुमार का कहना है कि वह बचपन से पढ़ाई में कमजोर रहे हैं. हाईस्कूल में फेल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. फिर उन्होंने सुअर पालन का काम शुरू किया. आज वह 6 से 7 लाख रुपये साल का कमा रहे हैं.
रायबरेली /सौरभ वर्मा: “संघर्ष ही सफलता की कुंजी है…” यह कहना है रायबरेली के रहने वाले संदीप कुमार का. इन्होंने अपनी मेहनत के बल पर कुछ ऐसा किया है, जो युवाओं के लिए मिसाल बन गया. कम उम्र में दिखने वाला ये युवक अब लखपति है. आइए जानते हैं इनकी मेहनत और लखपति बनने का क्या राज है.
रायबरेली जिले के शिवगढ़ कस्बे के रहने वाले संदीप कुमार का कहना है कि वह बचपन से पढ़ाई में कमजोर रहे हैं. हाईस्कूल में फेल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. इसके बाद उनका मन पढ़ाई में नहीं लगा . फिर, वह काम की तलाश में इंदौर चला गया, जहां उसे एक टेंट हाउस में बतौर मजदूर के रूप में काम मिला. लेकिन, उसमें उनका मन नहीं लगा. फिर वह वहां से काम छोड़कर वापस अपने गांव आ गया, जहां पर उनकी मुलाकात कुलदीप कुमार के एक शख्स से हुई. संदीप ने कुलदीप से सुअर पालन (Pig Farming) की जानकारी हासिल की. उन्होंने बताया कि इसमें शुरुआत में ही खर्च आता है, फिर अच्छा मुनाफा मिलता है. उनसे जानकारी हासिल करने के बाद उन्होंने गांव के बाहर अपनी खाली पड़ी जमीन पर बाड़ा बनाकर सूअर पालन का काम शुरू किया. अब वह इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
सुअर पालन से संवारा भविष्य
संदीप कुमार बताते हैं कि वह बीते लगभग 5 वर्षों से 5 बिस्वा जमीन पर वह सुअर पालन (Pig Farming Tips) का काम कर रहे हैं. शुरुआत में बाड़ा से लेकर सूअर के बच्चे तक का खर्चा करीब डेढ़ से दो लाख रुपए तक आता है और मुनाफा बहुत ज्यादा है. वह बताते हैं कि सुअर एक बार में कई बच्चों को जन्म देती है. उनकी देखभाल के लिए कई तरह की सुविधाओं का प्रबंध करना पड़ता है. साथ ही उनके खाने के लिए चुनी चोकर, चावल की पॉलिश की व्यवस्था करते हैं. और उनका स्वास्थ्य सही रहे, इसके लिए वह समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराते रहते हैं.
दोस्त की सलाह ने बदली तकदीर
LOCAL 18 से बात करते हुए संदीप कुमार बताते हैं कि सुअर पालन का व्यवसाय अन्य व्यवसाय की तुलना में काफी अच्छा है. क्योंकि, इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. वह बताते हैं कि 6 महीने में सुअर तैयार हो जाते हैं. इन्हें बेचकर वह 2.5 से 3 लाख रुपए आसानी से कमा लेते हैं. यानी कि साल में वह 6 से 7 लाख रुपए आसानी से कमा लेते हैं. साथ ही उन्हें अब दूसरे की नौकरी करने के लिए घर के बाहर भी नहीं जाना पड़ता है. वह बताते हैं कि बाड़े में तैयार सूअरों की यहीं से बिक्री हो जाती है.
Tags: Business ideas, Business news, Local18, Raebareli latest newsFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 10:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed