दार्जिलिंग में जीटीए और सिलीगुड़ी में हुए चुनाव की मतगणना शुरू जानें क्या हैं अब तक के नतीजे

राज्य के छह नगर निकायों के छह वार्ड में भी उपचुनाव हुए थे. बता दें कि पश्चिम बंगाल में इतने लंबे समय से टीएमसी की सरकार होने के बावजूद सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को एक सीट जीतने के लिए भी जोर लगाना पड़ जाता है.

दार्जिलिंग में जीटीए और सिलीगुड़ी में हुए चुनाव की मतगणना शुरू जानें क्या हैं अब तक के नतीजे
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी महकुमा परिषद और दार्जिलिंग के गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के चुनाव के दौरान डाले वोटों की गिनती बुधवार सुबह शुरू हुई. दार्जिलिंग की अर्ध-स्वायत्तशासी परिषद जीटीए का चुनाव रविवार को संपन्न हुआ था. एक दशक के दौरान क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति में कई परिवर्तन होने के बाद यह चुनाव हुए. वर्ष 2012 में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने जीटीए के पहले चुनाव में सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी. हिंसक प्रदर्शन के कारण 2017 में चुनाव नहीं हुए थे और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक प्रशासक निकाय ने परिषद का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. सिलीगुड़ी में सिलीगुड़ी महकुमा परिषद की नौ सीटों, 22 पंचायत और चार पंचायत समिति के लिए सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई. एक अधिकारी ने कहा, “शुरुआती रुझान के मुताबिक सिलीगुड़ी महकुमा परिषद में तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही है.” राज्य के छह नगर निकायों के छह वार्ड में भी उपचुनाव हुए थे. बता दें कि पश्चिम बंगाल में इतने लंबे समय से टीएमसी की सरकार होने के बावजूद सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को एक सीट जीतने के लिए भी जोर लगाना पड़ जाता है. महकमा के ग्रामीण क्षेत्रों की राज व्यवस्था की बात करें तो ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व सिलीगुड़ी महकमा परिषद सब पर अब तक माकपा नीत वाममोर्चा का ही बोलबाला रहा है. 1989 में स्थापित पंचायती राज के सर्वोच्च प्राधिकार सिलीगुड़ी महकमा परिषद में तब से अबतक लगातार माकपा नीत वाममोर्चा का ही शासन रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 26 जून को दार्जिलिंग पहाड़ियों में गोरखलैंड क्षेत्रीय प्रशासन यानी कि जीटीए चुनाव में 56.5 फीसदी मतदान हुई थी. बता दें कि दार्जिलिंग पहाड़ियों को नियंत्रित करने वाली अर्ध-स्वायत्त परिषद जीटीए के लिए एक दशक के बाद चुनाव कराए गए. बता दें कि भाजपा, गोरखपुर जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम), गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) जैसे पारंपरिक पहाड़ी दलों ने अर्ध-स्वायत्त परिषद चुनावों का बहिष्कार किया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: West bengal newsFIRST PUBLISHED : June 29, 2022, 11:17 IST