इसरो ने जारी किया साइक्लोन दाना का वीडियो सेटेलाइट ने पहले ही भेजी थी तस्वीर
इसरो ने जारी किया साइक्लोन दाना का वीडियो सेटेलाइट ने पहले ही भेजी थी तस्वीर
Cyclone Dana: इसरो ने साइक्लोन दाना का एक वीडियो जारी किया है. इसमें साइक्लोन के बनने की हर गतिविधि को साफ तौर से दिखाया गया है. इस वीडियों से पता चलता है कि साइक्लोन की रफ्तार को कैसे ट्रैक किया जाता है.
नई दिल्ली. इसरो के उपग्रह बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे चक्रवाती तूफान दाना पर नजर रख रहे हैं और लगभग 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं. अनुमान है कि चक्रवात ओडिशा और पश्चिम बंगाल को पार करेगा, तो हवा की रफ़्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. भारत ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के जिलों में मछुआरों को 25 अक्टूबर तक ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से दूर समुद्र में न जाने की सलाह दी है. तूफान दाना को देखते हुए कई राज्यों ने राहत और बचाव के काम की पहले से तैयारी की है.
इन पूर्वानुमानों और चेतावनियों के लिए इसरो के कई उपग्रहों पर लगे आधुनिक उपकरणों से डेटा जुटाया गया है, जो 20 अक्टूबर को उभरने के बाद से ही चक्रवाती तूफान पर नजर रख रहे हैं. इसरो ने साइक्लोन दाना का एक सेटेलाइट वीडियो भी जारी किया है. इसे EOS-06 सेटेलाइट ने लिया है. 2022 में लॉन्च किया गया EOS-06 और एक ध्रुवीय कक्षा में स्थित सेटेलाइट है. साथ ही भूस्थिर कक्षा में INSAT-3DR अंतरिक्ष यान लगातार चक्रवात पर नजर रख रहे हैं. EOS-06 पर स्कैटरोमीटर सेंसर वैज्ञानिकों को चक्रवात दाना को जन्म देने वाले गहरे दबाव के बनने से बहुत पहले हवाओं की गति और दिशा को ट्रैक करने की अनुमति दे रहा है. https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2024/10/Cyclone-Dana-ISRO-satellites-storm-Video-2024-10-a3f1eb1adaf8e9bf33f2356e78cad500.webm
इसरो की सेटेलाइट से डेटा जुटाया गया
सेटेलाइट चक्रवातों की बेहतर निगरानी करने और भारत में चक्रवात के बनने का पूर्वानुमान लगाने, इसकी रफ्तार पर नजर रखने और उपग्रह आधारित अवलोकनों का उपयोग करके इसकी हवाओं की तीव्रता को मापने में उनके असर को कम करने में मदद करते हैं. इस पद्धति को भारत के मौसम विज्ञान विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है, जो चक्रवात के पूर्वानुमान के लिए जिम्मेदार हैं.
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तूफान के लिए मॉडल विकसित किया गया
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) ने बादल फटने की चेतावनी के साथ-साथ भारी बारिश के लिए एक मॉडल विकसित किया है. यह पूर्वानुमानकर्ताओं के साथ-साथ शोधकर्ताओं के लिए भी उपलब्ध है. इसरो के उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (NESAC) ने असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के साथ मिलकर बाढ़ प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (FLEWS) विकसित की है. इसका उपयोग केंद्रीय जल आयोग द्वारा भी किया जा रहा है.
Tags: Bay of Bengal Cyclone, Cyclone updates, ISRO satellite launchFIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 19:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed