Diwali 2022: कहीं आप भी तो नहीं खा रहे मिलावटी मिठाई लिवर-किडनी को हो सकता है नुकसान डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय
Diwali 2022: कहीं आप भी तो नहीं खा रहे मिलावटी मिठाई लिवर-किडनी को हो सकता है नुकसान डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय
Harmful effect of adulteration Mithai : पर्व त्योहार के मौके पर मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है. जब मौका दिवाली का हो तो शायद ही कोई ऐसा घर होगा जिसके यहां मिठाई न आती है. लेकिन दिवाली के दौरान मिठाइयों में भारी मिलावट की जाती है. इससे बॉडी को बहुत अधिक नुकसान होता है. ओपोलो अस्पताल, बेंगलुरु की चीफ क्लीनिकल डायटीशियन डॉ. प्रियंका रोहतगी बताती हैं कि मिलावटी मिठाइयों का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह हमारी इम्यूनिटी को कमजोर कर देती है.
हाइलाइट्स कुछ मिठाइयों में इसके अलावा मेटेनिल यैलो, ऑरामाइन, रोटामिन, ऑरेंज 2 जैसे हानिकारक कलर मिलाए जाते हैं.मिठाइयों में यदि इसकी थोड़ी भी मात्रा अधिक हो जाए तो कैंसर का खतरा बढ़ जाता है
adulteration in Sweets: दिवाली के मौके पर मिठाई न हो, ये कैसे हो सकता है. लेकिन मिठाई खरीदते वक्त सावधानी बरतना उससे ज्यादा जरूरी है क्योंकि मिलावटी मिठाई से सेहत को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ती है. दिवाली में बढ़ते मांग को देखते हुए मिठाई में दुकानदार मिलावट कर सकते हैं. दरअसल, मिठाई बनाने के लिए खोया, घी, तेल, दूध, आर्टिफिशियल फ्लेवर और कलर का इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी चीजों की मात्रा को बढ़ाने के लिए इनमें आर्टिफिशियल चीजें मिलाई जा सकती हैं. आमतौर पर इनमें चॉक, यूरिया, साबुन और सफेद करने वाला व्हाइटनर का इस्तेमाल होता है. यहां तक कि डेड बॉडी के लिए इस्तेमाल होने वाला हानिकारक केमिकल फॉर्मेलिन भी मिलाया जाता है. रसगुल्ला को छेना से बनाया जाता है लेकिन इसे बनाने के लिए दूध में मिलावट किया जा सकती है. वहीं मिठाई के उपर सुंदर दिखने के लिए वर्क का इस्तेमाल किया जाता है जो चांदी की जगह एल्युमिनियम का इस्तेमाल होता है. घी की जगह वनस्पति और एनिमल फैट का इस्तेमाल होता है.
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मिलावटी मिठाई से नुकसान
ओपोलो अस्पताल, बेंगलुरु की चीफ क्लीनिकल डायटीशियन डॉ. प्रियंका रोहतगी बताती हैं कि हमारी आंत में लगभग 1 ट्रिलियन गुड बैक्टीरिया होते हैं. मिलावटी मिठाइयों में जो हानिकारिक चीजें मिलाई जाती हैं, उनका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि गुड बैक्टीरिया मरने लगते हैं. इसका सीधा असर हमारी इम्यूनिटी पर पड़ती है. इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. चूंकि मिलावटी चीजों में हैवी मेटल का अंश ज्यादा होता है, इसलिए यह किडनी और लिवर को भी नुकसान पहुंचाता है. अगर ज्यादा मात्रा में मिलावटी मिठाई का सेवन करें तो डायबिटीज और हार्ट के मरीजों को इसका बहुत बुरा असर होगा. डॉ प्रियंका ने बताया कि मिठाइयों को सजाने के लिए एफएसएसआई ने सात या आठ कलर की अनुमति दी है लेकिन कुछ मिठाइयों में इसके अलावा मेटेनिल यैलो, ऑरामाइन, रोटामिन, ऑरेंज 2 जैसे हानिकारक कलर मिलाए जाते हैं.
मिठाइयों में यदि इसकी थोड़ी भी मात्रा अधिक हो जाए तो कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. ड़ॉ प्रियंका ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान वनस्पति घी के रूप में पाम ऑयल या ट्रांस फैट के इस्तेमाल से होता है. इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है जो हार्ट की प्रोब्लम को बढ़ा देता है. इससे बीपी बढ़ सकता और धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है. इससे स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. पाम ऑयल का इस्तेमाल कई खाद्य पदार्थों में किया जाता है. यही कारण है कि आजकल 30 से 40 साल की उम्र में भी लोगों को हार्ट अटैक होने लगा है. डॉ प्रियंका ने बताया कि मिठाइयों में जितनी अधिक मिलावट होगी, उसका उतना ज्यादा असर किडनी और लिवर पर पड़ेगा.
मिठाई में मिले फॉर्मेलिन केमिकल से कैंसर का खतरा
मिठाई में फॉर्मेलिन केमिकल मिलाया जाता है. इससे मिठाई को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखा जाता है. फॉर्मेलिन केमिकल का इस्तेमाल डेड बॉडी और मछली को प्रिजर्व करने के लिए भी किया जाता है. इस केमिकल का शरीर पर घातक असर होता है. अगर शरीर में इसकी ज्यादा मात्रा चली जाए तो इससे किडनी, लिवर और लंग्स पर हानिकारक असर होता है. इससे अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है. गलती से अगर इसकी ज्यादा मात्रा प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में पहुंच जाए तो होने वाले बच्चे में मानसिक विकृति पैदा हो सकती है. इसके साथ ही फॉर्मेलिन केमिकल से कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. आमतौर पर जो पैकेज्ड मिठाइयां होती हैं, उनमें फॉर्मेलिन केमिकल को मिलाया जाता है. फुड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) इसके लिए एक निर्धारित मात्रा तय करती है लेकिन जब मानक से अधिक फॉर्मेलिन केमिकल को मिठाई में मिलाया जाए तो इसका घातक असर होता है. अगर मिठाई में ज्यादा एल्युमिनियम हो तो यह हमारे टिशू में घुस जाता है और वहां से ब्रेन और हड्डियों में पहुंच जाता है. इससे भूलने की बीमारी डिमेंशिया या अल्जाइमर हो सकता है.
मिलावटी मिठाई का तत्काल असर
डॉ प्रियंका ने बताया कि अगर मिलावटी मिठाइयों में हानिकारिक पदार्थों की मात्रा ज्यादा है तो इससे तुरंत बदहजमी यानी ब्लॉटिंग हो सकती है. इसके अलावा फूड प्वाजनिंग भी हो सकती है. जिन लोगों को पहले से डायबिटीज या हार्ट डिजीज है, उन्हें इसका खामियाजा ज्यादा भुगतना होगा. उन्हें लूज मोशन, उल्टी, गैस से संबंधित परेशानियां बढ़ जाती है. हाई शुगर और बैड फैट के कारण डायबिटीज के मरीजों का शुगर लेवल 400 से 500 के बीच भी हो सकता है. वे तुरंत बेहोश हो सकते हैं. उनके शरीर में किटो एसिडिक बनने लगेगा जिससे बार-बार पेशाब, उल्टी और लूज मोशन हो सकता है. इससे किडनी और लिवर काफी खराब होने लगता है और नसें कमजोर होने लगती है. अधिकांश परिस्थितियों में अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है.
इससे बचने का क्या है उपाय
दिवाली के समय में लोग ज्यादा मिठाई खा ही लेते हैं. लेकिन मिलावटी मिठाइयों से इतने नुकसान हैं कि लोग करें क्या. डॉ. प्रियंका कहती हैं, आप मिठाइयां खाइए लेकिन परहेज से. दिवाली है इसलिए पूरे दिन मिठाइयां मत खाएं. इससे परेशानी हो सकती है. सामान्य दिनों में जितना खाते हैं उतनी ही मिठाई खाएं. मिलावटी मिठाइयों के असर को कम करने के लिए डिटॉक्सीफाइड फूड का इस्तेमाल करें. जैसे एलोवेरा, पुदीना, नींबू के जूस को पीएं. इससे शरीर में मिलावटी मिठाइयों के कारण जो टॉक्सिन गया उसे फ्लश आउट करने में मदद मिलेगी. इसके साथ अधिक से अधिक पानी और छाछ पीजिए. इससे हानिकारक केमिकल शरीर से फ्लश आउट हो जाएंगे.
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Tags: Health, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 16:29 IST