जमानत पर HC सोच समझकर ही रोक लगाएं सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश
जमानत पर HC सोच समझकर ही रोक लगाएं सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि सामान्य तौर पर जमानत के आदेशों पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए. जमानत के आदेशों पर केवल असाधारण परिस्थितियों में ही स्टे दिया जा सकता है. रुटीन और मैकेनिकल तरीके से स्टे आदेश नहीं दिया जाना चाहिए.
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की. सर्वोच्च अदालत ने कहा, कोर्ट को स्टे लगाने का अधिकार होता है. लेकिन किसी की जमानत पर यूं ही रोक नहीं लगाई जा सकती. सिर्फ असामान्य मामलों और असाधारण परिस्थितियों में ही ऐसा करना चाहिए. हाईकोर्ट को ऐसे मामलों में सोच समझकर फैसला देना चाहिए. सामान्य तौर पर हाईकोर्ट को जमानत के आदेशों पर रोक नहीं लगानी चाहिए.
जस्टिस अभय सिंह ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी परविंदर सिंह खुराना की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. परविंदर खुराना को ईडी ने 2023 में गिरफ्तार किया था. बाद में जून 2023 में उन्हें ट्रायल कोर्ट से बेल मिल गई. इसके खिलाफ ईडी हाईकोर्ट पहुंची, तो हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर स्टे लगा दिया. इसके बाद खुराना ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई. पूरा मामला जानने के बाद पीठ ने कहा, बिना कारण किसी को जेल में सड़ा नहीं सकते. खुराना इसी मामले में एक साल से जेल में बंद हैं.
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अचानक नहीं रोका जाना चाहिए
कोर्ट ने कहा, जमानत को अचानक नहीं रोका जाना चाहिए. सिर्फ किसी तकनीकी कारण की वजह से भी किसी की जमानत पर स्टे नहीं लगाया जाना चाहिए. रुटीन और मैकेनिकल तरीके से रोक आदेश जारी नहीं किए जा सकते. आरोपी परविंदर सिंह खुराना की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कोर्ट ने अदालतों को अहम सलाह दी.
ईडी से पूछा आपका विरोध क्यों
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि जब ट्रायल कोर्ट ने 2023 में बेल ऑर्डर दे दिया था, तो अब आप इसका विरोध क्यों कर रहे हैं. ईडी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने सभी फैक्टर को ध्यान में रखकर फैसला नहीं सुनाया था. पीठ ने कहा था कि जमानत आदेशों पर लापरवाही से स्टे लगाने की प्रथा गलत है. किसी व्यक्ति की आजादी के लिए इसके विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं. बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल भी मनी लॉन्ड्रिंग से ही जुड़े एक मामले में जेल में बंद हैं. उन्हें भी निचली अदालत से बेल मिली थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया. हालांकि, उनके मामले में ईडी ने कई सबूत होने का दावा किया है. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी.
Tags: CM Arvind Kejriwal, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 19:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed