दिल्ली में सिख वोटर की कितनी ताकत क्यों AAP और BJP की नजर इन सीटों पर

Delhi chunav: क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार सिख वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाएंगे? क्यों दिल्ली के एक दर्जन से भी अधिक सिख बहुल सीटों पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी की नजर है? एक रिपोर्ट...

दिल्ली में सिख वोटर की कितनी ताकत क्यों AAP और BJP की नजर इन सीटों पर
नई दिल्ली. दिल्ली में सबसे बड़ा दंगल शुरू हो गया है. चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी तो 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. 17 जनवरी नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है तो 20 जनवरी तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकते हैं. दिल्ली के दंगल में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं. हालांकि, कई सीटों पर बीजेपी और ‘आप’ के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस बार दिल्ली के सिख वोटरों का रुझान किसके तरफ रहने वाला है? क्यों सिख वोटर्स को लेकर ‘आप’ और बीजेपी में जंग छिड़ी हुई है? दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार सिख वोटरों के लिए जबरदस्त मारामारी हो रही है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों सिख वोटरों को अपने पाले में करने के लिए एक से बढ़कर एक दांव खेल रही है. सिख वोटरों को बीजेपी के पाले में करने के लिए पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक एक्शन में हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी के संयजोक अऱविंद केजरीवाल भी सिख वोटरों को लुभाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सिख वोटरों को लेकर दिल्ली की तीनों राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर आए हैं. पूर्वांचली नहीं सिख वोटर निशाने पर? बीते कुछ सालों तक दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों को अपने पाले में करने के लिए राजनीतिक पार्टियां खूब मगजमारी किया करती थी. लेकिन, इस चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों सिख वोटरों पर डोरे डालने लगी है. जानकारों की मानें तो इस बार सिख समुदाय का वोट दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने में बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के लिए निर्णायक साबित सकता है. क्योंकि, दिल्ली विधानसभा की लगभग 15-20 सीटों पर सिख समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं. सिख वोटर्स निभाएंगे निर्णायक भूमिका दिल्ली चुनाव आयोग की डाटा की मानें तो दिल्ली में लगभग 12% वोट सिखों का है. सिख वोटर्स दिल्ली की एक दर्जन से भी ज्यादा सीटों पर असरदार साबित होते हैं. खासकर, राजेंद्र नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, जनकपुरी, मोती नगर, शहादरा, गांधी नगर, चांदनी चौक और ग्रेटर कैलाश जैसी सीटों पर सिख और पंजाबी वोटर्स ज्यादा असरदार साबित होते रहे हैं. इसके अलावा भी पूर्वी दिल्ली की कई सीटें पर सिख वोटरों की भूमिका जीत-हार में निर्णायक होती है. सिख वोटरों का रुझान किस तरफ? दिल्ली में एक वक्त था, जब सिख वोटों पर कांग्रेस का आधिपत्य हुआ करता था. लेकिन, 1984 के सिख दंगों के बाद कांग्रेस का यह वोट बैंक धीरे-धीरे बीजेपी और अकाली दल के तरफ शिफ्ट हो गया. लेकिन, साल 2014 के बाद से सिख वोट बैंक पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने सिक्का जमा लिया. सिख वोटों में केजरीवाल का जादू इस कदर सिर कर नाचा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार तक बन गई. लेकिन, धीरे-धीरे सिख वोटरों का रुझान एक बार फिर से बीजेपी की तरफ आता हुआ नजर आ रहा है. क्या केजरीवाल इस बार घिर जाएंगे? हलांकि, अभी भी आम आदमी पार्टी के साथ सिख वोटरों का एक बड़ा वर्ग है. शायद इसी कारण से हाल-फिलहाल में बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता और पूर्व विधायक आप में शामिल हुए हैं. शहादरा से आप के उम्मीदवार बने जितेंद्र सिंह शंटी और सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के दो सिख विधायक हैं. तिलक नगर से जनरैल सिंह और चांदनी चौक से प्रहलाद सिंह साहनी. लेकिन, साल 2015 में आप से चार सिख विधायक जीतकर आए थे. शायद, इसी को ध्यान में रखकर इस बार आप ने कई सिख नेताओं को टिकट दिया है. दिल्ली में सिख मतदाताओं की बात करें तो दिल्ली में करीब 10 लाख सिख मतदाता हैं. कालकाजी, राजेंद्र नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, जनकपुरी, मोती नगर, शहादरा, गांधी नगर, चांदनी चौक, ग्रेटर कैलाश और हरि नगर सीटों पर सिखों की संख्या ठीक-ठाक है. Tags: Aap vs bjp, Delhi Elections, Delhi news, Sikh CommunityFIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 18:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed