बेल दे दीजिए के कविता पहुंची दिल्ली HC निचली अदालत के फैसले दी चुनौती

दिल्ली स्थित अधीनस्थ न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छह मई को कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उस आदेश को चुनौती देते हुए बीआरएस नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. एवेन्यू कोर्ट ने घोटाले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में भी कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

बेल दे दीजिए के कविता पहुंची दिल्ली HC निचली अदालत के फैसले दी चुनौती
नई दिल्ली. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जमानत के लिए गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वीआरएस नेता के. कविता दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी हैं. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. कविता की अर्जी पर शुक्रवार, 10 मई को न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा सुनवाई करेंगी. दिल्ली स्थित अधीनस्थ न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छह मई को कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उस आदेश को चुनौती देते हुए बीआरएस नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. एवेन्यू कोर्ट ने घोटाले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में भी कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. गौरतलब है कि मंगलवार को अदालत ने शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद (एमएलसी) के. कविता की न्यायिक हिरासत को 14 मई तक बढ़ा दी थी. तेलंगाना की एमएलसी कविता को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद सीबीआई और ईडी मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया था. सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और वह एक हफ्ते में कविता के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर सकती है. सीबीआई और ईडी अदालत की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सामग्री प्रतीत होती है. कोर्ट ने कहा, ‘दलीलों, रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री और अभियुक्त के खिलाफ आरोपों की गंभीरता के मद्देनजर यह अदालत इस स्तर पर आवेदक को जमानत देने की इच्छुक नहीं है.’ जज ने कहा, ‘हालांकि, आरोपी के फरार होने का जोखिम नहीं है, लेकिन गवाहों को धमकाने के संबंध में उनके आचरण और इस आशंका को देखते हुए कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते मामले के अन्य गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकती हैं, आरोपी इस स्तर पर रिहा होने की हकदार नहीं हैं.’ वकील नितेश राणा द्वारा दायर आवेदन में दावा किया गया था कि आरोपी से आगे की जांच की आवश्यकता नहीं है और उन्हें हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi liquor scam, K kavitaFIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 22:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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