ट्रेन से हर साल हाथियों समेत 50 से अधिक जानवरों की हो रही है मौत जानें कहां सबसे अधिक हादसे
ट्रेन से हर साल हाथियों समेत 50 से अधिक जानवरों की हो रही है मौत जानें कहां सबसे अधिक हादसे
रेलवे मंत्रालय के अनुसार 2019 से लेकर फरवरी 2022 तक में सबसे अधिक जानवरों की मौतें वर्ष 2021 में हुई हैं. इस वर्ष 88 जनवरों की मौत हुई है, जिनमें 19 हाथी थे. वहीं वर्ष 2019 में 54 जानवरों की, वर्ष 2020 में भी 54 जानवरों और 2022 में दो माह यानी फरवरी तक 40 जानवर ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं.
हाइलाइट्सरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जवाब दिया
नई दिल्ली. ट्रेन (trains) की चपेट में आने से हर साल 50 से अधिक जानवरों की मौत हो रही है. इन जानवरों (animals) में हाथी समेत अन्य जनवर भी शामिल हैं. हालांकि यह आंकड़ा और भी अधिक होगा, लेकिन यहां रेलवे (Railway) में दर्ज आंकड़ा ही बताया जा रहा है. जानवरों के चपेट में आने की वजह से संबंधित ट्रेन का संचालन भी प्रभावित होता है. इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने संसद में जवाब दिया है.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2019 से लेकर फरवरी 2022 तक कुल 236 जनवर ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. चिंता की बात यह है कि इनमें 40 हाथी भी शामिल हैं. रेलवे के 10 जोनों में से दो जोन में सबसे अधिक जानवरों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हुई है. पहले नंबर पर पूर्व मध्य जोन है, जिसका मुख्यालय हाजीपुर बिहार में है. इस जोन की लंबाई 3628 किमी. है.
वहीं दूसरा जोन दक्षिण पूर्व मध्य जोन है, इसका मुख्यालय बिलासपुर है और इसकी लंबाई 2447 किमी. है. इन दोनों जोनों को मिलाकर करीब दो तिहाई जानवर चपेट में आ चुके हैं. पूर्व मध्य जोन में वर्ष 2019 से फरवरी 2022 तक 96 जानवर ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं, वहीं, दक्षिण पूर्व मध्य जोन में 72 जानवरों की ट्रेन की टक्कर से मौत हो चुकी है.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार 2019 से लेकर फरवरी 2022 तक में सबसे अधिक जानवरों की मौतें वर्ष 2021 में हुई हैं. इस वर्ष 88 जनवरों की मौत हुई है, जिनमें 19 हाथी थे. वहीं वर्ष 2019 में 54 जानवरों की, वर्ष 2020 में भी 54 जानवरों और 2022 में दो माह यानी फरवरी तक 40 जानवर ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं.
रेलवे द्वारा उठाए जा रहे कदम
– पहचान किए गए संवेदनशील स्थानों पर गति प्रतिबंध लगाना।
– चिह्नित किए गए ऐलीफेंट कोरिडोर के बारे में ट्रेन चालकों को सतर्क करने के लिए साइनेज बोर्ड लगाए गए.
-नियमित आधार पर गाड़ी के चालक दल और स्टेशन मास्टरों को संवेदनशील बनाना.
-रेल भूमि में पटरियों के साथ आवश्यकतानुसार पौधों को हटाना .
– चिन्हित स्थानों पर हाथियों की आवाजाही के लिए अंडरपास और रैंप का निर्माण करना.
-आइसोलेटेड स्थानों पर बाड़ लगाने की व्यवस्था करना.
– स्टेशन मास्टर और लोको पायलटों को सतर्क करके समय पर कार्रवाई करने के संबंध में.
– रेलों और वन विभाग द्वारा लगाए गए हाथी ट्रैकरों पर नजर रखने के लिए रेलवे नियंत्रण कार्यालयों में वन विभाग के कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है.
-उन स्थानों पर हनी बी साउंड सिस्टम स्थापित करना, जहां हाथियों के आने की संभावना अधिक हो.
– रेलपथ के पास मवेशियों को आने से रोकने के लिए ग्रामीणों की काउंसलिंग करना.
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Tags: Indian railway, Indian Railway news, Indian Railways, Train, Train accidentFIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 12:47 IST