नई से तकनीक से रोड निर्माण पर CSIR-CRRI को इंडिया बुक और एशिया बुक रिकार्ड अवार्ड अब बीआरओ भी करेगा इस्‍तेमाल

CSIR-CRRI की निदेशिका डा. रंजना अग्रवाल ने बताया कि स्‍टील स्‍लैग रोड के निर्माण में एक लाख टन स्‍टील स्‍लैग का इस्‍तेमाल किया गया है. उन्‍होंने बताया कि स्‍टील स्‍लैग एक बड़ी समस्‍या बनती जा रही है. मौजूदा समय देश में 19.5 मिलियन टन प्रति वर्ष स्‍टील स्‍लैग पैदा हो रही है, जो 2030 तक 60 मिलियन टन होने की संभावना है. धीरे धीरे इसे डंप करना एक समस्‍या बन जाएगा.

नई से तकनीक से रोड निर्माण पर CSIR-CRRI को इंडिया बुक और एशिया बुक रिकार्ड अवार्ड अब बीआरओ भी करेगा इस्‍तेमाल
नई दिल्‍ली. CSIR-CRRI ने देश में पहली बार स्‍टील स्‍लैग से पूरी रोड (steel slag) निर्माण कर उपलब्धि हासिल की है. CSIR-CRRI की उपलब्धि इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड (India book of record) और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड ( asia of record) में दर्ज की गयी है. स्‍टील स्‍लैग रोड गुजरात के सूरत में बनाई गयी है. नई तकनीक की सफलता के बाद बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन भी अरुणाचल प्रदेश में इस तकनीक का इस्तेमाल कर रोड का निर्माण करेगा. CSIR-CRRI की निदेशिका डा. रंजना अग्रवाल ने बताया कि स्‍टील स्‍लैग रोड आर्सलर मित्‍तल निपोन स्‍टील लिमिटेड के सहयोग और इस्‍पात मंत्रालय व नीति आयोग की देखरेख में किया गया है. इस रोड के निर्माण में एक लाख टन स्‍टील स्‍लैग का इस्‍तेमाल किया गया है. उन्‍होंने बताया कि स्‍टील स्‍लैग एक बड़ी समस्‍या बनती जा रही है. मौजूदा समय देश में 19.5 मिलियन टन प्रति वर्ष स्‍टील स्‍लैग पैदा हो रही है, जो 2030 तक 60 मिलियन टन होने की संभावना है. धीरे धीरे इसे डंप करना एक समस्‍या बन जाएगा, जो देश की पर्यावरण और आर्थिक प्र‍गति के लिए अच्‍छा नहीं है. लेकिन इस तकनीक का इस्‍तेमाल हर दृष्टि से लाभदायक साबित होगा. तकनीक की सफलता के बाद बॉर्डर रोड आर्गनाईजेशन भी इसे अरुणाचल प्रदेश में रोड निर्माण मे इस्‍तेमाल करने जा रहा है. वहां पर बारिश की वजह से सड़कें जल्‍दी जल्‍दी टूटती हैं, जबकि इस तकनीक से बनी सड़क लंबे समय तक चलती हैं. बीआरओ ने CSIR-CRRI के प्रमुख साइंटिस्‍ट डा. सतीश पाण्‍डेय को ऑफीसर ऑफ बोर्ड नियुक्‍त किया है, जिनके निर्देशन में इस तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा. रेलवे भी इस तकनीक का इस्‍तेमाल करेगा. नीति आयोग के निर्देशन में रेलवे बैलास्‍ट के लिए इस तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा. वहीं, एनएच66 ( दिल्‍ली-गोवा हाईवे) इंदापुर- पानवेल सेक्‍शन में स्‍टील स्‍लैग रोड का निर्माण किया जा रहा है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Roads, Tata steelFIRST PUBLISHED : August 15, 2022, 14:08 IST