दिल्ली CDR लीक रैकेटः मास्टरमाइंड महिला गिरफ्तार 2 आरोपियों की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी
दिल्ली CDR लीक रैकेटः मास्टरमाइंड महिला गिरफ्तार 2 आरोपियों की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी
Delhi CDR Record Leak Case: कानून के मुताबिक आप किसी की पर्सनल जानकारी, कॉल डिटेल, बैंक डिटेल और अन्य जानकारी नहीं ले सकते हैं. इसके लिए DCP रैंक के अफसर की अनुमति जरूरी होती है और यह एक बेहद संगीन अपराध भी है.
दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने सीडीआर लीक मामले में एक अहम मास्टरमाइंड आकृति नाम की महिला को भी गिरफ्तार किया है. आरोपी महिला आकृति एक डिक्टेटिव एंजेसी चलाती है, जो कि नोएडा में है. इस केस में पहले ही 2 गिरफ्तार हो चुके हैं. डिटेक्टिव एजेंसी में कर्मचारी पवन कुमार और पंकज झा दूसरा आरोपी है औऱ वह कम्पनी में एसोसिएट था. अब कुल तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.
आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की AATS की टीम ने जांच के बाद से अब तक 70 CDR का रिकॉर्ड इनके पास से हासिल किया है. आगे की जांच की जा रही है है. जांच टीम इनके पास से मिले करीब 70 CDR रिकॉर्ड का पता लगा रही है कि ये CDR किसने इनसे मंगवाई थी और किसलिए इनका इस्तेमाल किया जाना था. दिल्ली पुलिस की एक टीम गुजरात के सूरत और कानपुरभी पहुंची हुई है, जहां से ये CDR मंगवाई जाती थी.
दरअसल, इस मामले में पहले दिल्ली पुलिस आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट ने जासूसी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया था. पुलिस ने ग्राहक बनकर गैंग के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. गैंग में एक्टिव आरोपी पवन कुमार को पहले बीते सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था. आरोपी पवन कुमार (22) डिटेक्टिव एजेंसी में काम करता था. पुलिस को सीक्रेट इन्फॉर्मेशन मिली थी कि एक शख्स लोगों से पैसा लेकर CDR और अन्य जानकारी उपलब्ध करवा रहा है, जिसके बाद एक डिकोय टीम बनाकर डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाले से सम्पर्क किया और 25000 रुपए में आरोपी CDR ( कॉल डिटेल रिकॉर्ड) देने पर राजी हो गया. आरोपी को रोहिणी इलाके में बुलाया गया और 25 हज़ार रुपए देते ही आरोपी ने CDR पेन ड्राइव के जरिये दी. तभी AATS आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने जिसके बाद रैकेट से जुड़े लोगों के लैपटॉप और अन्य सामान सीज किये थे.
अरोपी पवन ने बताया कि दिल्ली की कई डिटेक्टिव एजेंसी यही काम कर रही हैं, जो ग्राहक की जरूरत के मुताबिक CDR, Bank Statment, ITR, GST Return, मोबाइल लोकेशन और ओनरशिप उपलब्ध करवाती है. पुलिस ने समयपुर बादली थाने में IPC की धारा 409, 420, 464, 120 और टेलीग्राफ एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. कानून के मुताबिक आप किसी की पर्सनल जानकारी, कॉल डिटेल, बैंक डिटेल और अन्य जानकारी नहीं ले सकते हैं. इसके लिए DCP रैंक के अफसर की अनुमति जरूरी होती है और यह एक बेहद संगीन अपराध भी है.
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Tags: Delhi, Delhi policeFIRST PUBLISHED : August 12, 2022, 12:19 IST