तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को लेकर हाईकोर्ट में आई जनहित याचिका जज बोले- No
तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को लेकर हाईकोर्ट में आई जनहित याचिका जज बोले- No
Delhi High Court: केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे सीधे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं और इसलिए वह शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
नई दिल्ली. हाईकोर्ट ने जेलों में भीड़भाड़ के मद्देनजर विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए दिशानिर्देश की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता गौतम कुमार लाहा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही विचार कर रहा है और इस पर विचार करने का कोई कारण नहीं है. बेंच ने कहा, “हम इस बात से संतुष्ट हैं कि चूंकि वर्तमान याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं और इसकी निगरानी की जा रही है, इसलिए हमें वर्तमान याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं मिलता है. लिहाजा, वर्तमान याचिका खारिज कर दी गई है.”
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि जनहित याचिका उन विचाराधीन कैदियों के लाभ के लिए दायर की गई थी जो भीड़भाड़ वाली जेलों में बंद हैं. हर महीने कम से कम एक बार जेल में बैठक आयोजित करने के लिए एक समिति नियुक्त करने की प्रार्थना की गई. कहा गया कि बैठक में यह तय किया जा सके कि किस कैदी को संबंधित अदालत द्वारा जमानत का उचित आदेश पारित करने के लिए रिहा किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें:- मैं देश में ही नहीं था… बृज भूषण सिंह की दलीलें राउज एवेन्यू कोर्ट ने की खारिज, जज ने याचिका पर क्या कहा?
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे सीधे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं और इसलिए वह शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं. उन्होंने बताया कि NALSA द्वारा तैयार ‘अंडर-ट्रायल समीक्षा समितियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया’ को 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिकॉर्ड पर लिया गया था.
अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत ने भीड़भाड़ के कारण प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अधिक जेलें स्थापित करने के महत्वपूर्ण मुद्दे को भी उठाया है और प्रत्येक राज्य सरकार को इस पर ध्यान देने के साथ एक नामित समिति गठित करने के निर्देश जारी किए हैं. नई जेलों की स्थापना, जेलों में मौजूदा सुविधाओं का विस्तार और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से कैदियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी कहा गया है.
.
Tags: DELHI HIGH COURT, Latest hindi news, Tihar jailFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 18:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed