BJP ओबीसी मोर्चा प्रमुख लक्ष्मण बोले बीजेपी पहली ऐसी पार्टी जो बिना चुनाव लड़े भी मुस्लिमों को बनाती है मंत्री
BJP ओबीसी मोर्चा प्रमुख लक्ष्मण बोले बीजेपी पहली ऐसी पार्टी जो बिना चुनाव लड़े भी मुस्लिमों को बनाती है मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस किए जाने की बात कह चुके हैं. बीजेपी का ओबीसी मोर्चा भी पसमांदा मुस्लिमों को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलने के लिए उन्हें जागरुक करने और बीजेपी से जोड़ने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है. देशभर में मुस्लिमों के लिए सभाएं और बैठकें आयोजित की जा रही हैं. लिहाजा जमीनी स्तर पर
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी 2024 के आम चुनावों की तैयारी मजबूती से कर रही है. यही वजह है कि पिछले कुछ समय में बीजेपी की नीति और रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है. एक समय तक हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी आज देश के वंचित, दलित और पिछड़ा वर्ग को साथ लेकर चल रही है. सर्वे भवन्तु सुखिन और सर्व धर्म समभाव की बात कर रही बीजेपी की नजर मुसलमानों के एक बड़े हिस्से पर है, जो पसमांदा समाज से आता है. पसमांदा वे दबे और शोषित मुस्लिम हैं जो मुसलमानों की कुल आबादी के 85 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. लिहाजा 2015 में बीजेपी ओबीसी मोर्चा का गठन किया गया. गांव-गांव और गली-गली तक पसमांदा मुस्लिमों को बीजेपी से जोड़ने के लिए पूरे देशभर में सम्मेलन और सभाएं की जा रही हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि हालिया विधानसभा चुनावों के साथ-साथ बीजेपी का निशाना बड़े लक्ष्य की ओर है.
2024 के आम चुनावों की तैयारी के तहत, कभी अन्य दलों का कोर वोट बैंक रहे ओबीसी समाज और खासतौर पर पसमांदा मुस्लिमों को लेकर नए सामाजिक समीकरणों को तलाशती बीजेपी की रणनीति और तैयारी को लेकर न्यूज18 हिंदी ने बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ के लक्ष्मण से विशेष बातचीत की है. जिसका पहला चरण यहां पेश है.
सवाल. मोदी सरकार पसमांदा समाज को जोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है, ओबीसी मोर्चा प्रमुख के रूप में आप अपनी जिम्मेदारी को कैसे देखते हैं? आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर
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जवाब. साल 2015 में पहली बार 30 राज्यों, 856 जिलों, 1200 मंडल स्तर तक बीजेपी ओबीसी मोर्चा का गठन किया गया. कुछ साल पहले नड्डा जी ने कहा कि ओबीसी मोर्चा संगठन को और मजबूत करना है और प्रधानमंत्री मोदी जी चाहते हैं कि आप वरिष्ठ और अनुभवी व्यक्ति हैं तो इस जिम्मेदारी को निभाएं. मैं पिछले 4 दशक से एबीवीपी और संघ से जुड़े होने के बाद तेलंगाना में बीजेपी के लिए काम कर रहा हूं. अपने पूरे जीवन की राजनीति और इन 8 सालों के दौरान मैंने देखा कि मोदी जी ने मुस्लिमों का जो सम्मान और गौरव बढ़ाया है और जो फैसले इनके हित में लिए हैं, ऐसा कांग्रेस के करीब 60 साल के शासन में नहीं हुआ. हालांकि बीजेपी हमेशा से ही इनके बारे में सोच रही है.
. बीजेपी हिंदुत्व और राम मंदिर वाली पार्टी है, फिर पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस की वजह?
जवाब. बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है क्योंकि हिंदुत्व सर्वे भवन्तु सुखिन पर यकीन करता है. सभी में तो हिन्दु भी आते हैं और मुसलमान भी आते हैं. वहीं राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मामला था. अगर आप इतिहास उठाकर देखेंगे तो ओबीसी और मुसलमानों के हितों में जितना काम बीजेपी ने किया है उतना किसी अन्य दल ने नहीं किया. बीजेपी हमेशा अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना चाहती है और मुसलमानों में 85 फीसदी आबादी उन्हीं दलित, पिछड़े और दबे हुए लोगों की है जिन्हें पसमांदा मुस्लिम कहते हैं. अन्य पार्टियों ने अगर पसमांदा समाज के लिए काम किया होता तो आज उनकी स्थिति ऐसी नहीं होती. पिछले 8 सालों के शासन में बीजेपी ने जितनी योजनाएं लागू की हैं, उसका सबसे ज्यादा फायदा इन्हीं पिछड़े हुए लोगों को मिला है, जिनमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं. मोदी जी चाहते हैं कि इन 85 फीसदी को भी उन 15 फीसदी समृद्ध मुसलमानों के स्तर तक लाया जाए.
. कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां कहती हैं कि ओबीसी और मुस्लिमों के लिए काम उन्होंने किया लेकिन बीजेपी फायदा लेने की कोशिश कर रही है?
जवाब. सच तो यह है कि कांग्रेस ने ओबीसी समाज को सिर्फ धोखा दिया और बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया. जब भी ओबीसी समाज के आरक्षण का मुद्दा आया, कांग्रेस ने विरोध ही किया. नेहरू के शासनकाल में 1953 में काका कालेलकर की अध्यक्षता में एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया, लेकिन आयोग की रिपोर्ट जिसमें आरक्षण से लेकर ओबीसी समाज के लिए रोजगार और शिक्षा का मुद्दा था उस पर चर्चा तक नहीं की गई. 90 के दशक में जब वीपी सिंह की गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल कमीशन पारित हुआ जिसमें ओबीसी के लिए 27 फीसीदी आरक्षण का मुद्दा था लेकिन विपक्षी नेता के रूप में राजीव गांधी ने इसका सख्त विरोध किया. ये इतिहास है. फिर कांग्रेस हो या क्षेत्रीय पार्टी हो, ये कैसे कहती हैं कि इन्होंने ओबीसी या मुस्लिमों के लिए काम किया. 2004 से 2014 तक जब कांग्रेस सत्ता में थी और अन्य दलों का सहयोग प्राप्त था तो इन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का मुद्दा क्यों नहीं उठाया? मोदी जी ने ही पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया. मोदी जी ने लगभग 40 फीसदी ओबीसी की अनेक जातियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया.
सवाल. पीएम मोदी के कौन से फैसले या योजनाओं ने पसमांदा समाज को बीजेपी से जोड़ने में मदद की है?
जवाब. मुस्लिम हो या ओबीसी की अन्य जातियों के लोग हों, इन्होंने बीजेपी को वोट दिए हों या न दिए हों लेकिन मोदी सरकार ने 5 साल के अंदर 50 लाख गरीबों को मकान बनाकर दिए हैं, इनमें पिछड़े हिंदू और वंचित मुसलमान दोनों ही हैं. तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं को महसूस हुआ कि कोई है जो उनके हितों का ध्यान रख रहा है. यही वजह थी कि बीजेपी के सहयोग पर तीन तलाक को लेकर मुस्लिम महिलाएं खुद बाहर निकलकर आईं. सभी ने देखा कि कोरोना के दौरान फ्री वैक्सीनेशन दिया गया जिसमें कोई भेदभाव नहीं हुआ. कोविड काल में चावल, गेंहू, चना सब मुफ्त दिया. आज भी पिछड़े और वंचित को मोदी जी अन्न और राशन दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से लाखों गरीब मछुआरों को लाभ मिला है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, किसान सम्मान निधि या आयुष्मान भारत हो, सभी का लाभ इन्हें मिल रहा है. गांवों तक पानी, बिजली और सड़क बीजेपी के शासन में पहुंची है.
सवाल. आप पसमांदा को जोड़ने की बात करते हैं लेकिन दिल्ली एमसीडी चुनावों में बीजेपी ने 250 वॉर्ड में सिर्फ 4 लोगों को ही उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस और आप ने मुस्लिमों को ज्यादा टिकट दी है?
जवाब. बीजेपी पहली ऐसी पार्टी है जो बिना चुनाव लड़े भी मुस्लिमों को मंत्री बनाती है. यूपी में दानिश अली इसका उदाहरण हैं. उन्हें पहले राज्य मंत्री बनाया बाद में एमएलसी बनाया. आरिफ मोहम्मद खान को गर्वनर बनाया. बीजेपी ही है जिसने अब्दुल कलाम साहब को राष्ट्रपति बनाया. आज द्रौपदी मुर्मु जी राष्ट्रपति हैं जो ओबीसी से ही आती हैं. दिल्ली में एमसीडी चुनाव के लिए कांग्रेस ने 26 मुस्लिमों को और आप ने 13 लोगों को टिकट दी, इससे होगा क्या जब वो जीतेंगे ही नहीं तो. बीजेपी की खासियत यही है कि पिछड़े और वंचित वर्ग के सम्मान और गौरव को हमेशा ऊपर रखती है. बीजेपी चुनाव में बिना टिकट दिए भी मुस्लिमों, पिछड़ी जातियों के लोगों को मंत्री बना रही है. कांग्रेस और आप का काम तुष्टीकरण करना है इसलिए उम्मीदवारों की संख्या गिना रहे हैं लेकिन हमने उनको टिकट दिया है जो जीतेंगे.
सवाल. पसमांदा समाज से गुजरात और हिमाचल के चुनावों में बीजेपी को कितना सपोर्ट मिलने की उम्मीद है?
जवाब. पसमांदा मुस्लिम निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दे रहे हैं. वे अब जानते हैं कि उन्हें किसी की बातों में नहीं आना, जिस पार्टी की सरकार ने उनके लिए काम किया है वे अब उसके साथ हैं. गुजरात में बीजेपी इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है. ऐसा इतिहास में नहीं हुआ होगा. वहीं हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यह उत्तर प्रदेश को दोहराएगा. हिमाचल प्रदेश में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी का रिवाज बदलने जा रहा है. इस बार फिर यहां बीजेपी की सरकार आएगी.
.2024 के आम चुनावों को लेकर क्या उम्मीद है?
जवाब. इस बार बीजेपी की 400 सीटें आएंगी. ये बात मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं. 2014 के बाद से, महज आठ सालों में ही मोदी जी के काम और उनसे लाभ ले रही जनता के बीच जो भरोसा पैदा हुआ है वह चुनावों में भी दिखाई देगा.
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Tags: BJP, Narendra modiFIRST PUBLISHED : November 23, 2022, 16:03 IST