ये उन्हीं का फैसला है केजरीवाल को अंतरिम जामनत देते वक्‍त SC ने क्‍या कहा

Arvind Kejriwal Bail Update: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा क‍ि हम इस तथ्य से अवगत हैं कि अरविंद केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं. पीठ ने यह भी कहा कि केजरीवाल 90 दिनों से अधिक समय से जेल में हैं. पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अदालत ने कहा कि चूंकि मामला जीवन के अधिकार से संबंधित है और गिरफ्तारी का मुद्दा बड़ी पीठ को सौंप दिया गया है इसलिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए.

ये उन्हीं का फैसला है केजरीवाल को अंतरिम जामनत देते वक्‍त SC ने क्‍या कहा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटले से जुड़े मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट से अरव‍िंद केजरीवाल को अंतर‍िम जमानत तो म‍िल गई है पर कोर्ट ने कई शर्त भी लगा दी हैं. अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा… 1. 50000 रुपये का जमानत बॉन्‍ड देना होगा. 2. वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे. 3. वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि यह आवश्यक न हो. दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो. 4. वह अपने क‍िसी भी केस को लेकर अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. 5. वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उसकी पहुंच नहीं होगी. 6. अंतरिम जमानत को बड़ी बेंच द्वारा बढ़ाया या वापस लिया जा सकता है. 7- अदालत ने कहा अरविंद केजरीवाल एक निर्वाचित नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, एक महत्व और प्रभाव रखने वाला पद है. 8- हमने आरोपों का भी हवाला दिया है, हालांकि हम कोई निर्देश नहीं देते हैं. क्योंकि हमें संदेह है कि क्या अदालत किसी निर्वाचित नेता को पद छोड़ने या मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में काम नहीं करने का निर्देश दे सकती है. हम फैसला लेने का फैसला अरविंद केजरीवाल पर छोड़ते हैं. 9- यदि उचित समझा जाए तो बड़ी पीठ प्रश्न बना सकती है और ऐसे मामलों में अदालत द्वारा लगाई जा सकने वाली शर्तों पर निर्णय ले सकती है. 10- रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह उपरोक्त प्रश्नों पर विचार के लिए एक उचित पीठ और यदि उपयुक्त हो तो एक संविधान पीठ के गठन के लिए मामले को भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखे. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा क‍ि हम इस तथ्य से अवगत हैं कि अरविंद केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं. पीठ ने यह भी कहा कि केजरीवाल 90 दिनों से अधिक समय से जेल में हैं. पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अदालत ने कहा कि चूंकि मामला जीवन के अधिकार से संबंधित है और गिरफ्तारी का मुद्दा बड़ी पीठ को सौंप दिया गया है इसलिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए. शीर्ष अदालत ने ईडी की शक्ति, मनी लॉन्‍ड्र‍िंग कानून की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और ईडी द्वारा गिरफ्तारी की नीति से संबंधित तीन प्रश्न तैयार किए हैं. पीठ ने कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के अनुसार अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया था. साथ ही कहा था कि केजरीवाल अपनी अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे. अदालत ने कई शर्तों के अलावा केजरीवाल से कहा था कि 21 दिन की अंतरिम जमानत अवधि के दौरान वह उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक होने पर ही किसी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करें. ग‍िरफ्तारी को केजरीवाल ने दी थी चुनौती कोर्ट ने मामले में 21 मार्च को ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला 17 मई को सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर 15 अप्रैल को ईडी से जवाब मांगा था. आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने दिल्ली हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था. दिल्ली की एक अदालत ने 20जून को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी. हालांकि ईडी ने अगले दिन दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और दलील दी कि केजरीवाल को जमानत देने वाला निचली अदालत का आदेश ‘एकतरफा’ और ‘गलत’ था और निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे. हाईकोर्ट ने 21 जून को ईडी के आवेदन पर आदेश पारित होने तक निचली अदालत के जमानत आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. 25 जून को हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए एक विस्तृत आदेश पारित किया था. केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था. सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है. Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 17:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed