सिंघवी बोले आप हाईकोर्ट के आदेश पर रोक क्यों नहीं लगा सकते SC के जज बोले
सिंघवी बोले आप हाईकोर्ट के आदेश पर रोक क्यों नहीं लगा सकते SC के जज बोले
Arvind Kejriwal Bail Update:सिंघवी ने तर्क दिया कि अगर हाई कोर्ट आदेश देखे बिना रोक लगा सकता है, तो माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर रोक क्यों नहीं लगा सकते? इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि यदि हाईकोर्ट ने कोई गलती की है, तो क्या हमें उसे दोहराना चाहिए? सिंघवी ने आगे कहा कि जमानत आदेश पर रोक अभूतपूर्व थी और घोषणा की कि केजरीवाल के भागने का कोई जोखिम नहीं है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाने के फैसले को पलटने के लिए तत्काल आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का दृष्टिकोण ‘थोड़ा असामान्य’ है. साथ ही मुख्यमंत्री को हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करने की सलाह दी है.
जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवी भट्टी की अवकाश पीठ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने शराब नीति मामले में उनकी जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाने को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर निचली अदालत द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी और कहा कि वह 25 जून को आदेश सुनाएगा. केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाने से पहले निचली अदालत के आदेश का इंतजार नहीं किया.
सिंघवी ने तर्क दिया कि अगर हाई कोर्ट आदेश देखे बिना रोक लगा सकता है, तो माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर रोक क्यों नहीं लगा सकते? इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि यदि हाईकोर्ट ने कोई गलती की है, तो क्या हमें उसे दोहराना चाहिए? सिंघवी ने आगे कहा कि जमानत आदेश पर रोक अभूतपूर्व थी और घोषणा की कि केजरीवाल के भागने का कोई जोखिम नहीं है. पीठ ने संकेत दिया कि अंतिम आदेश जल्द ही आने की उम्मीद की जा सकती है और सभी पक्षों को धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने की सलाह दी. इस पर सिंघवी ने जमानत मिलने के बाद समय की बर्बादी के बारे में चिंता जताई.
सिंघवी ने तर्क दिया कि मैं अंतरिम अवधि में क्यों नहीं मुक्त हो सकता? मेरे पक्ष में फैसला है. पीठ ने कहा कि हालांकि हाईकोर्ट की रोक ‘असामान्य’ थी, क्योंकि इस तरह के आदेश सुनवाई के तुरंत बाद ‘तत्काल’ पारित किए जाते हैं और आरक्षित नहीं होते हैं. अब आदेश पारित करने का मतलब होगा मुद्दे पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होना.
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि यदि हम अभी आदेश पारित करते हैं, तो हम मुद्दे पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होंगे. यह अधीनस्थ न्यायालय नहीं है, यह हाईकोर्ट है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार 25 जून को दोपहर 2.30 बजे अपना आदेश सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन बाद केजरीवाल की याचिका पर विचार करेगा.
Tags: Arvind kejriwal, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 20:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed