तीस्ता सीतलवाड़ की रिहाई की मांग को लेकर SFI का कोलकाता में प्रदर्शन कहा- उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया
तीस्ता सीतलवाड़ की रिहाई की मांग को लेकर SFI का कोलकाता में प्रदर्शन कहा- उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया
गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को मुंबई में सीतलवाड़ को हिरासत में लिया था. जालसाजी, आपराधिक साजिश और आपराधिक कार्यवाही के अपमान के एक नए मामले के संबंध में रविवार तड़के उन्हें अहमदाबाद अपराध शाखा को सौंप दिया गया था.
कोलकाता. नागरिक अधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने बुधवार को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के कॉलेज स्ट्रीट परिसर में प्रदर्शन किया. एसएफआई के लगभग 100 कार्यकर्ताओं ने सीतलवाड़ और अन्य ‘राजनीतिक कैदियों’ की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए नारे लगाए.
एसएफआई प्रेसीडेंसी इकाई की प्रवक्ता अद्रिजा करक ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि सीतलवाड़ को तुरंत रिहा किया जाए और उनके तथा साथ अन्य राजनीतिक बंदियों के खिलाफ झूठे मामले वापस लिए जाएं. मोदी सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उन्हें झूठे मामलों में फंसाया है.”
उन्होंने कहा, ”अगर सीतलवाड़ और अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो हम भविष्य में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे.’ वाम दलों ने गुजरात पुलिस द्वारा मुंबई की कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया है. माकपा ने आरोप लगाया है कि यह कदम नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिहाज़ से ”घृणित” है.
उल्लेखनीय है कि गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को मुंबई में सीतलवाड़ को हिरासत में लिया था. जालसाजी, आपराधिक साजिश और आपराधिक कार्यवाही के अपमान के एक नए मामले के संबंध में रविवार तड़के उन्हें अहमदाबाद अपराध शाखा को सौंप दिया गया था.
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी रिहाई की मांग की थी. उन्होंने कहा था ‘आपने तीस्ता सीतलवाड़ को क्यों गिरफ्तार किया? उन्होंने क्या गलत किया है? क्या सच बोलना या सच को उजागर करना अपराध है? जो लोग इस सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें या तो एजेंसियों का इस्तेमाल करके परेशान किया जा रहा है या उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है.’
इस बीच भारत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की टिप्पणी को ‘पूरी तरह से अवांछित’ करार देते हुए बुधवार को उसे खारिज कर दिया और कहा कि यह देश की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है. इस विषय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा कि भारतीय प्राधिकार ने स्थापित न्यायिक नियमों के तहत कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की है।
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: CPIM, SFIFIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 07:00 IST