मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए क्यों कांटों का ताज बताया जा रहा है कांग्रेस अध्यक्ष का पद जानें 5 बड़ी वजहें
मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए क्यों कांटों का ताज बताया जा रहा है कांग्रेस अध्यक्ष का पद जानें 5 बड़ी वजहें
मल्लिकार्जुन खड़गे 26 अक्टूबर को औपचारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद ग्रहण करेंगे. इस पद वह निवर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेंगे. वह ऐसे वक्त में कांग्रेस की कमान संभालने जा रहे हैं कि जब पार्टी भारत के सियासी इतिहास में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. ऐसे में कई सियासी जानकार खड़गे के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद को कांटों भरा ताज बता रहे हैं. इसके पीछे वह कई वजहें भी गिनाते हैं जिनमें 5 बड़ी वजहों का जिक्र हम यहां कर रहे हैं.
नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हो गए. गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाने वाले खड़गे 24 साल में गांधी परिवार से बाहर के पहले कांग्रेस अध्यक्ष हैं. उन्होंने तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को भारी मतों के अंतर से हराया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे 26 अक्टूबर को औपचारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद ग्रहण करेंगे. इस पद वह निवर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेंगे. वह ऐसे वक्त में कांग्रेस की कमान संभालने जा रहे हैं कि जब पार्टी भारत के सियासी इतिहास में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. ऐसे में कई सियासी जानकार खड़गे के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद को कांटों भरा ताज बता रहे हैं. इसके पीछे वह कई वजहें भी गिनाते हैं जिनमें 5 बड़ी वजहों का जिक्र हम यहां कर रहे हैं.कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में भरोसा कायम करना: मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पहली और सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में दोबारा भरोसा कायम करते हुए उन्हें एकजुट रखना होगा. हाल के दिनों में कई नेता पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस छोड़ चुके हैं. अब देखना होगा कि क्या खड़गे इससे पार पा पाते हैं.गुटबाज़ी खत्म करना: हाल के दिनों में कई जगहों पर पार्टी के भीतर गुटबाजी खुलकर सामने आई है. इसका ताज़ा उदाहरण राजस्थान है, जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का झगड़ा कई दिनों तक सुर्खियां बटोरता रहा. ऐसी ही हालत छत्तीसगढ़ में भी है, जहां सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच की खटपट भी समय-समय पर सामने आती रही है. ऐसे में देखना होगा कि खड़गे पार्टी में बिना टूट-फूट के इन गुटबाजियों को कैसे दूर कर पाते हैं.गांधी परिवार से सामंजस्य- कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान ही मल्लिकार्जुन खड़गे पर गांधी परिवार का रिमोर्ट होने का आरोप लगा. हालांकि खड़गे कई बार यह साफ कर चुके हैं कि वह गांधी परिवार से सलाह और सहयोग लेने में शर्म नहीं करेंगे. अब देखना होगा कि अध्यक्ष बनने के बाद उनके काम में इनका किस तरह हस्तक्षेप रहता है, क्योंकि अगर यह ज्यादा हुआ तो फिर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नजर में नए अध्यक्ष का चुनाव बेमानी हो सकता है.मोदी-शाह का मुकाबला: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अब बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में खड़गे और उनकी पूरी टीम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी से मुकाबले के लिए एक मजबूत रणनीति बनानी होगी. यहां यह भी देखना होगा कि वह कांग्रेस के वरिष्ठ और युवा नेताओं को किस तरह इस मुकाबले के लिए तैयार करते हैं. वहीं इस लड़ाई में गांधी परिवार के रोल पर भी सबकी नजर रहेगी.यूपीए गठबंधन को मजबूत करना: एक वक्त था जब भारत के सियासी पटल पर कांग्रेस का एकछत्र राज हुआ करता था. देश में बहुदलीय गठबंधन सरकार के गठन होने के वर्षों बाद तक कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ने के पक्ष में थी. हालांकि धीरे-धीरे उसकी स्थिति छीन होते हुए आज हालत यह हो गई कि उसके लिए लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल का ओहदा तक मिलना मुश्किल हो गया था. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में उसे अपनी संभावनाओं को उड़ान देने के लिए सहयोगी दलों के पंख की जरूरत होगी. ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए एक चुनौती यह भी रहेगी कि वह यूपीए के घटक दलों के साथ किस तरह सामंजस्य बैठाते हैं और इसमें कितने अन्य सहयोगियों को जोड़ पाते हैं. इन सहयोगी दलों के साथ सीटों की तोलमोल भी एक बड़ी चुनौती होगी.
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Tags: Congress News, Congress President, Mallikarjun khargeFIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 20:18 IST